23 June 2022 10:06 AM
जोग संजोग टाइम्स,
जनआधार कार्ड नहीं होने के कारण जिन लोगों को जन्म, मृत्यु और मैिरज रजिस्ट्रेशन करवाने में समस्या आ रही है, उनके लिए राहत की खबर है। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय राजस्थान ने ऐसे मामलों में शिथिलता (छूट) देते हुए रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति जारी की है। जयपुर नगर निगम में जनआधार के कारण बड़ी संख्या में आवेदन अटके पड़े थे। जयपुर नगर निगम के रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) प्रदीप पारीक ने बताया कि सरकार ने आज हमें विभाग ने आज हमे निर्देश देते हुए ऐसे मामलों में जनआधार नहीं होने पर भी रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति दी है।
अप्रैल से अनिवार्य किया था जनआधार
सरकार ने अप्रैल में एक आदेश जारी करते हुए जन्म, मृत्यु और विवाह के रजिस्ट्रेशन में जन आधार नंबर व कार्ड को अनिवार्य कर दिया था। इन आदेशों के बाद उन लोगों को रजिस्ट्रेशन में परेशानी आ रही थी, जो दूसरे राज्य से मैरिज करके यहां आए है। लड़का राजस्थान का और लड़की किसी दूसरे राज्य की होने से लड़की का जनआधार कार्ड नहीं बन पा रहा। इस कारण मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा। इसी तरह कोई मरीज या व्यक्ति जो दूसरे राज्य का है और इलाज के दौरान या दुर्घटना में राजस्थान के किसी शहर या हॉस्पिटल में मौत हो गई है तो ऐसे व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में भी बाधा आ रही है।
राजस्थान के मूल निवासियों के भी नहीं हो रहे थे डेथ रजिस्ट्रेशन यही नहीं उन राजस्थान के मूल निवासियों के लिए बड़ी समस्या आ रही है, जिनका अभी तक जनआधार नहीं बना। ऐसे परिवार जिनका अभी तक जनआधार नहीं बना है और उस परिवार के किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है तो ऐसे मृत व्यक्ति का जनआधार में नाम नहीं जोड़ा जा सकता। इस कारण उस मृत व्यक्ति के परिजनों को उसका प्रमाण पत्र जारी करने में समस्या आ रही है। इसके लिए हमने मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं ज्वाइंट सेक्रेट्री आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय राजस्थान को पत्र भी लिखा था और इस पर रियायत और मार्गदर्शन मांगा है।
इन मामलों में दी शिथिलता ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता राजस्थान के निवासी नहीं है, लेकिन उनका जन्म राजस्थान में हुआ है। मृत्यु रजिस्ट्रेशन में अगर मृतक राजस्थान के बाहर का है।
जोग संजोग टाइम्स,
जनआधार कार्ड नहीं होने के कारण जिन लोगों को जन्म, मृत्यु और मैिरज रजिस्ट्रेशन करवाने में समस्या आ रही है, उनके लिए राहत की खबर है। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय राजस्थान ने ऐसे मामलों में शिथिलता (छूट) देते हुए रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति जारी की है। जयपुर नगर निगम में जनआधार के कारण बड़ी संख्या में आवेदन अटके पड़े थे। जयपुर नगर निगम के रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) प्रदीप पारीक ने बताया कि सरकार ने आज हमें विभाग ने आज हमे निर्देश देते हुए ऐसे मामलों में जनआधार नहीं होने पर भी रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति दी है।
अप्रैल से अनिवार्य किया था जनआधार
सरकार ने अप्रैल में एक आदेश जारी करते हुए जन्म, मृत्यु और विवाह के रजिस्ट्रेशन में जन आधार नंबर व कार्ड को अनिवार्य कर दिया था। इन आदेशों के बाद उन लोगों को रजिस्ट्रेशन में परेशानी आ रही थी, जो दूसरे राज्य से मैरिज करके यहां आए है। लड़का राजस्थान का और लड़की किसी दूसरे राज्य की होने से लड़की का जनआधार कार्ड नहीं बन पा रहा। इस कारण मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा। इसी तरह कोई मरीज या व्यक्ति जो दूसरे राज्य का है और इलाज के दौरान या दुर्घटना में राजस्थान के किसी शहर या हॉस्पिटल में मौत हो गई है तो ऐसे व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में भी बाधा आ रही है।
राजस्थान के मूल निवासियों के भी नहीं हो रहे थे डेथ रजिस्ट्रेशन यही नहीं उन राजस्थान के मूल निवासियों के लिए बड़ी समस्या आ रही है, जिनका अभी तक जनआधार नहीं बना। ऐसे परिवार जिनका अभी तक जनआधार नहीं बना है और उस परिवार के किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है तो ऐसे मृत व्यक्ति का जनआधार में नाम नहीं जोड़ा जा सकता। इस कारण उस मृत व्यक्ति के परिजनों को उसका प्रमाण पत्र जारी करने में समस्या आ रही है। इसके लिए हमने मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं ज्वाइंट सेक्रेट्री आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय राजस्थान को पत्र भी लिखा था और इस पर रियायत और मार्गदर्शन मांगा है।
इन मामलों में दी शिथिलता ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता राजस्थान के निवासी नहीं है, लेकिन उनका जन्म राजस्थान में हुआ है। मृत्यु रजिस्ट्रेशन में अगर मृतक राजस्थान के बाहर का है।
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