29 March 2022 12:58 PM
जोग संजोग टाइम्स .बीकानेर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर बिजली के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत में बिजली बनाने की योजना को युद्ध स्तर पर अंजाम दिया जा रहा है. इसी के तहत 2023 से भारत 10 परमाणु बिजली संयत्रों की स्थापना करेगा. इससे 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. इस परियोजना पर फ्लीट मोड में काम किया जा रहा है. यानी परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. इन संयंत्रों के नींव के लिए कंक्रीट डालने के साथ परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण तेजी से किया जाएगा.परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति को बताया कि कैगा यूनिट 5 और 6 का निर्माण 2023 से शुरू जाएगा. दूसरी ओर गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजन यूनिट 3 और 4 और माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना यूनुट 1 से 4 का एफपीसी 2024 में अपेक्षित है और 2025 में चुटका मध्य प्रदेश परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाइयों 1 और 2 का एफपीसी होने की संभावना है.केंद्र ने जून 2017 में 700 मेगावाट के 10 स्वदेशी विकसित दबावयुक्त भारी जल संयंत्र के निर्माण को मंजूरी दी थी. ये 10 पीएचडब्ल्यूआर 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे. यह पहली बार है जब सरकार ने लागत कम करने और निर्माण के समय में तेजी लाने के उद्देश्य से एक बार में 10 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों के निर्माण को मंजूरी दी थी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर बिजली के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत में बिजली बनाने की योजना को युद्ध स्तर पर अंजाम दिया जा रहा है. इसी के तहत 2023 से भारत 10 परमाणु बिजली संयत्रों की स्थापना करेगा. इससे 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. इस परियोजना पर फ्लीट मोड में काम किया जा रहा है. यानी परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. इन संयंत्रों के नींव के लिए कंक्रीट डालने के साथ परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण तेजी से किया जाएगा.परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति को बताया कि कैगा यूनिट 5 और 6 का निर्माण 2023 से शुरू जाएगा. दूसरी ओर गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजन यूनिट 3 और 4 और माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना यूनुट 1 से 4 का एफपीसी 2024 में अपेक्षित है और 2025 में चुटका मध्य प्रदेश परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाइयों 1 और 2 का एफपीसी होने की संभावना है.केंद्र ने जून 2017 में 700 मेगावाट के 10 स्वदेशी विकसित दबावयुक्त भारी जल संयंत्र के निर्माण को मंजूरी दी थी. ये 10 पीएचडब्ल्यूआर 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे. यह पहली बार है जब सरकार ने लागत कम करने और निर्माण के समय में तेजी लाने के उद्देश्य से एक बार में 10 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों के निर्माण को मंजूरी दी थी.
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