10 October 2021 04:09 PM
जयपुर। प्रदेश में बिजली संकट के चलते बिजली कटौती शुरू करने के एक दिन बाद ही कटौती का दायरा बढ़ाया गया है। कटौती की जाने लगी है, लेकिन यह प्रदेश की जरुरत के मुकाबले कम हो रही है, लिहाजा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रदेश में बिजली संकट अभी और बढ़ेगा। आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक वर्तमान में शुरू की गई कटौती से प्रदेश में करीब एक करोड़ यूनिट की बचत प्रतिदिन होगी, लेकिन प्रदेश में कमी 4 करोड़ यूनिट की है।
कोयले की कमी के कारण गहराते बिजली संकट के बीच अजमेर डिस्कॉम ने बिजली कटौती का नया शिड्यूल तय किया है। अब संभाग मुख्यालय पर आधा घंटा, जिला मुख्यालय पर एक घंटा, नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्रों में 2 घण्टा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 6 घण्टा बिजली कटौती होगी। इससे पहले पालिका क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में ही कटौती की घोषणा की गई थी।
जानकार बताते हैं कि
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प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए कोल इंडिया से प्रतिदिन 20 रैक कोयला लिया जाता रहा है। वर्तमान में 13-14 रैक कोयला ही मिल पा रहा है। हर साल बरसात शुरू होने से पहले कोल इंडिया को पुरानी उधारी चुकाते हुए अतिरिक्त कोयला मंगवाया जाता रहा है। इस बार राज्य सरकार की ओर से कोल इंडिया को उधारी का भुगतान नहीं करते हुए कोयला स्टॉक नहीं किया गया। उत्पादन निगम की ओर से 12 हजार करोड़ कोल इंडिया को देने थे, जो नहीं दिए जा सके। राज्य सरकार की ओर से विद्युत निगमों को सब्सिडी का भुगतान करना बाकी चल रहा है। ऐसे में खराब स्थिति से गुजर रहे निगमों की ओर से कोयला खरीद के लिए भुगतान नहीं किया जा सका। जनता को दी जाने वाली सब्सिडी के 30 हजार करोड़ भुगतान सरकार की ओर से दिया जाना बाकी है, वहीं 1900 करोड़ रुपए सरकारी विभागों के बिल बाकी है।
डिस्कॉम के सभी कार्यालयों में एयर कंडीशनर चलाने पर रोक के साथ ही विद्युत अपव्यय रोकने के कड़े निर्देश दिए हैं। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए कि बिजली संकट को देखते हुए अपने कार्यालयों में एयर कंडीशनर और अन्य उपकरण, जिनमें ज्यादा बिजली की खपत होती है, उन्हें बंद रखें। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपने घरों में भी एसी और अन्य उपकरण बंद रखने की अपील की। भाटी ने अन्य सरकारी विभागों एवं आमजन से भी संकट के बीच विद्युत बचत की अपील की।
जयपुर। प्रदेश में बिजली संकट के चलते बिजली कटौती शुरू करने के एक दिन बाद ही कटौती का दायरा बढ़ाया गया है। कटौती की जाने लगी है, लेकिन यह प्रदेश की जरुरत के मुकाबले कम हो रही है, लिहाजा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रदेश में बिजली संकट अभी और बढ़ेगा। आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक वर्तमान में शुरू की गई कटौती से प्रदेश में करीब एक करोड़ यूनिट की बचत प्रतिदिन होगी, लेकिन प्रदेश में कमी 4 करोड़ यूनिट की है।
कोयले की कमी के कारण गहराते बिजली संकट के बीच अजमेर डिस्कॉम ने बिजली कटौती का नया शिड्यूल तय किया है। अब संभाग मुख्यालय पर आधा घंटा, जिला मुख्यालय पर एक घंटा, नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्रों में 2 घण्टा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 6 घण्टा बिजली कटौती होगी। इससे पहले पालिका क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में ही कटौती की घोषणा की गई थी।
जानकार बताते हैं कि
प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए कोल इंडिया से प्रतिदिन 20 रैक कोयला लिया जाता रहा है। वर्तमान में 13-14 रैक कोयला ही मिल पा रहा है। हर साल बरसात शुरू होने से पहले कोल इंडिया को पुरानी उधारी चुकाते हुए अतिरिक्त कोयला मंगवाया जाता रहा है। इस बार राज्य सरकार की ओर से कोल इंडिया को उधारी का भुगतान नहीं करते हुए कोयला स्टॉक नहीं किया गया। उत्पादन निगम की ओर से 12 हजार करोड़ कोल इंडिया को देने थे, जो नहीं दिए जा सके। राज्य सरकार की ओर से विद्युत निगमों को सब्सिडी का भुगतान करना बाकी चल रहा है। ऐसे में खराब स्थिति से गुजर रहे निगमों की ओर से कोयला खरीद के लिए भुगतान नहीं किया जा सका। जनता को दी जाने वाली सब्सिडी के 30 हजार करोड़ भुगतान सरकार की ओर से दिया जाना बाकी है, वहीं 1900 करोड़ रुपए सरकारी विभागों के बिल बाकी है।
डिस्कॉम के सभी कार्यालयों में एयर कंडीशनर चलाने पर रोक के साथ ही विद्युत अपव्यय रोकने के कड़े निर्देश दिए हैं। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए कि बिजली संकट को देखते हुए अपने कार्यालयों में एयर कंडीशनर और अन्य उपकरण, जिनमें ज्यादा बिजली की खपत होती है, उन्हें बंद रखें। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपने घरों में भी एसी और अन्य उपकरण बंद रखने की अपील की। भाटी ने अन्य सरकारी विभागों एवं आमजन से भी संकट के बीच विद्युत बचत की अपील की।
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