10 June 2021 05:36 PM
बीकानेर में रेमिडिसिवर की कालाबाजारी के आरोपी दो जनों को राजस्थान उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता (अवकाश न्यायाधीश)ने सीआरपीसी की धारा 439 के तहत ये प्रभु दयाल पुत्र श्रीकृष्ण और सुनील पुत्र ओम प्रकाश को जमानत दे दी है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए बीकानेर के एडवोकेट विवेक शर्मा ने एफआईआर से संबंध नंबर 128/2021 पुलिस में पंजीकृत अपराध के लिए थाना जय नारायण व्यास कॉलोनी, जिला बीकानेर धारा 420, 270, 336, 384, 120-बी आईपीसी, धारा 51-बी और . के तहत राजस्थान आपदा प्रबंधन अधिनियम की 53, की धारा 3 महामारी रोग अधिनियम और आवश्यक वस्तु की धारा 3/7,अधिनियम में याचिकाकर्ताओं के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना। अभिलेख में उपलब्ध सामग्री का अवलोकन किया। याचिकाकर्ता न्यायिक हिरासत में हैं।
उपरोक्त अपराधों के साथ,जो मजिस्ट्रेट विचारणीय हैं। जब एफआईआर दर्ज हुई, कोविड महामारी अपने चरम पर थी,लेकिन अब स्थिति काफी हद तक कम हो गई है। विवाद बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता उनके है। जिनकी जांच की जा रही है। ट्रायल कोर्ट द्वारा कार्यवाही के उचित चरण में संपूर्ण तथ्यों को ध्यान में रखते हुएयाचिकाकर्ताओं को जमानत तदनुसार, इन दो जमानत आवेदनों के तहत धारा 439 सीआरपीसी की अनुमति है। आदेश दिया जाता है कि आरोपी-याचिकाकर्ता दोनों जनों को पचास हजार के व्यक्तिगत मुचलके और 25000 रूपये के दो जमानती बांड पेश होने की शर्त के साथ विद्वान विचारण न्यायालय की संतुष्टि व उस न्यायालय के समक्ष सुनवाई की सभी तिथियों पर और जब कभी भी बुलाये जाने की शर्ते पर जमानत दी गई है।
बीकानेर में रेमिडिसिवर की कालाबाजारी के आरोपी दो जनों को राजस्थान उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता (अवकाश न्यायाधीश)ने सीआरपीसी की धारा 439 के तहत ये प्रभु दयाल पुत्र श्रीकृष्ण और सुनील पुत्र ओम प्रकाश को जमानत दे दी है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए बीकानेर के एडवोकेट विवेक शर्मा ने एफआईआर से संबंध नंबर 128/2021 पुलिस में पंजीकृत अपराध के लिए थाना जय नारायण व्यास कॉलोनी, जिला बीकानेर धारा 420, 270, 336, 384, 120-बी आईपीसी, धारा 51-बी और . के तहत राजस्थान आपदा प्रबंधन अधिनियम की 53, की धारा 3 महामारी रोग अधिनियम और आवश्यक वस्तु की धारा 3/7,अधिनियम में याचिकाकर्ताओं के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना। अभिलेख में उपलब्ध सामग्री का अवलोकन किया। याचिकाकर्ता न्यायिक हिरासत में हैं।
उपरोक्त अपराधों के साथ,जो मजिस्ट्रेट विचारणीय हैं। जब एफआईआर दर्ज हुई, कोविड महामारी अपने चरम पर थी,लेकिन अब स्थिति काफी हद तक कम हो गई है। विवाद बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता उनके है। जिनकी जांच की जा रही है। ट्रायल कोर्ट द्वारा कार्यवाही के उचित चरण में संपूर्ण तथ्यों को ध्यान में रखते हुएयाचिकाकर्ताओं को जमानत तदनुसार, इन दो जमानत आवेदनों के तहत धारा 439 सीआरपीसी की अनुमति है। आदेश दिया जाता है कि आरोपी-याचिकाकर्ता दोनों जनों को पचास हजार के व्यक्तिगत मुचलके और 25000 रूपये के दो जमानती बांड पेश होने की शर्त के साथ विद्वान विचारण न्यायालय की संतुष्टि व उस न्यायालय के समक्ष सुनवाई की सभी तिथियों पर और जब कभी भी बुलाये जाने की शर्ते पर जमानत दी गई है।
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