23 July 2021 11:35 AM
बीकानेर, राजस्थान विश्वविद्यालय ,मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, सहित राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों की तर्ज पर अब बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय भी अपनी अलग से प्रवेश नीति बनाने की कवायद में जुट गया। है इसके लिए गठित कमेटी 1 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप देगी। जिसके आधार पर इसी शिक्षा सत्र से ही अपनी प्रवेश नीति पर विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को प्रवेश देगा। फ़िलहाल विश्वविद्यालय राज्य सरकार की ओर से जारी प्रवेश नीति के आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश दे रहा है। विश्वविद्यालयों की स्थापना 2003 में की गई थी। उसके डेढ़ दशक से अधिक समय बाद भी किसी कुलपति ने प्रवेश नीति को लेकर कवायद की है।
वही प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह कुलपति एमजीएसयू का कहना है। प्रवेश नीति को बनाने के लिए गठित कमेटी को 1 सप्ताह का समय दिया है यह कमेटी अन्य विश्वविद्यालयों की प्रवेश नीति का अध्ययन तथा जिले की भौगोलिक सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर नीति बनाएगी ।
डॉ: बिट्ठल बिस्सा उप कुलसचिव एमजीएसयू का यह कहना है। प्रवेश नीति में जिले में विद्यार्थियों के अन्य योग्यता के साथ-साथ मिलने की सामाजिक भौगोलिक और आर्थिक बिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। ताकि स्थानीय विद्यार्थियों को प्रवेश में इसका लाभ मिल सके।
एमजीएसयू की स्थापना 2003 में की गई थी। इसके करीब 9 साल बाद 2012 में विश्वविद्यालय में पांच विषय को ले गए। उसके बाद विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को प्रवेश देना शुरू किया फिर कुछ साल और भी जाने पर तीन और विभाग खोले गय। अब 18 साल बाद प्रवेश नीति पर काम हो रहा है।
बीकानेर, राजस्थान विश्वविद्यालय ,मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, सहित राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों की तर्ज पर अब बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय भी अपनी अलग से प्रवेश नीति बनाने की कवायद में जुट गया। है इसके लिए गठित कमेटी 1 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप देगी। जिसके आधार पर इसी शिक्षा सत्र से ही अपनी प्रवेश नीति पर विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को प्रवेश देगा। फ़िलहाल विश्वविद्यालय राज्य सरकार की ओर से जारी प्रवेश नीति के आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश दे रहा है। विश्वविद्यालयों की स्थापना 2003 में की गई थी। उसके डेढ़ दशक से अधिक समय बाद भी किसी कुलपति ने प्रवेश नीति को लेकर कवायद की है।
वही प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह कुलपति एमजीएसयू का कहना है। प्रवेश नीति को बनाने के लिए गठित कमेटी को 1 सप्ताह का समय दिया है यह कमेटी अन्य विश्वविद्यालयों की प्रवेश नीति का अध्ययन तथा जिले की भौगोलिक सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर नीति बनाएगी ।
डॉ: बिट्ठल बिस्सा उप कुलसचिव एमजीएसयू का यह कहना है। प्रवेश नीति में जिले में विद्यार्थियों के अन्य योग्यता के साथ-साथ मिलने की सामाजिक भौगोलिक और आर्थिक बिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। ताकि स्थानीय विद्यार्थियों को प्रवेश में इसका लाभ मिल सके।
एमजीएसयू की स्थापना 2003 में की गई थी। इसके करीब 9 साल बाद 2012 में विश्वविद्यालय में पांच विषय को ले गए। उसके बाद विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को प्रवेश देना शुरू किया फिर कुछ साल और भी जाने पर तीन और विभाग खोले गय। अब 18 साल बाद प्रवेश नीति पर काम हो रहा है।
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