06 May 2022 05:20 PM
जोग संजोग टाइम्स,
पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को उनके दिल्ली स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। बग्गा को अचानक अरेस्ट करते ही पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सियासत गर्मा गई है। पंजाब पुलिस ने 1 अप्रैल 2022 को बग्गा के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठे सांप्रदायिक बयान देने, लोगों को भड़काने, नफरत फैलाने की शिकायत पर केस दर्ज किया था। यह पहली बार नहीं है, जब बग्गा इस तरह के विवादों में घिरे हों। इससे पहले भी उनका नाम कई विवादों से जुड़ चुका है।
ऐसे में आज की स्टोरी में जानते हैं कि तजिंदर पाल सिंह बग्गा कौन हैं? इससे पहले किन विवादों से इनका नाम जुड़ा है?
कौन हैं तजिंदर पाल सिंह बग्गा?
विवादों की दुनिया में तजिंदर बग्गा का नाम नया नहीं है। 16 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखने वाले बग्गा अन्ना आंदोलन के समय केजरीवाल टीम का हिस्सा रहे थे। 23 साल की उम्र में वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता बने। बग्गा ने भगत सिंह क्रांति सेना नाम का एक संगठन भी बनाया है। आइए जानते हैं, अब तक किन बड़े विवादों में तजिंदर बग्गा का नाम आया है...
1. अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और भाजपा के नेता तजिंदर बग्गा के बीच पिछले एक महीने से लगातार लड़ाई जारी है। दरअसल, विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि अगर भाजपा विधायक इस फिल्म को टैक्स फ्री देखना चाहते हैं तो इसे यूट्यूब पर अपलोड कर देना चाहिए। इससे आम जनता को भी फायदा होगा और यह सबके लिए फ्री हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने PM नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक लाभ के लिए फिल्म का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाने के साथ ही इसे भाजपा समर्थित और झूठी फिल्म कहा था।
बग्गा ने कश्मीर फाइल्स पर केजरीवाल के बयान के बाद आप पार्टी के कार्यालय के बाहर पोस्टर लगवा दिए थे।
इसी विवाद में CM केजरीवाल के खिलाफ तजिंदर बग्गा भी मैदान में उतर गया था। बग्गा की अगुआई में प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़फोड़ की थी। साथ ही उनके मेन गेट और दीवारों को भगवा रंग से पुतवा दिया था। बग्गा ने केजरीवाल को सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां भी दी थीं। इसी सिलसिले में बग्गा पर एक अप्रैल को FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद पंजाब पुलिस बग्गा को लगातार पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
2. राजीव गांधी को कहा ‘फादर ऑफ मॉब लिंचिंग’
2018 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस की भूमिका से इनकार कर दिया था। इसके बाद भाजपा प्रवक्ता तजिंदर बग्गा ने एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें राजीव गांधी को फादर ऑफ मॉब लिंचिंग यानी भीड़ हिंसा का जनक बताया गया था।
बग्गा ने राजीव गांधी को फादर ऑफ मॉब लिंचिंग कहते हुए इसका पोस्टर भी जारी किया था।
तजिंदर बग्गा ने कहा था- सब जानते हैं कि राजीव गांधी 84 के दंगों के कर्ताधर्ता थे। उन्होंने दंगे में अपनी भूमिका ये कहते हुए स्वीकार भी की थी कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है। बग्गा के मुताबिक, अगर दंगों में कांग्रेस की भूमिका नहीं थी तो पार्टी को ये भी साफ करना चाहिए कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने माफी क्यों मांगी थी।
इस दौरान तजिंदर ने कांग्रेस नेता कमलनाथ पर भी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया था। तजिंदर के पोस्टर और बयान को कांग्रेस के नेताओं ने देश और प्रधानमंत्री की कुर्सी की अवमानना बताया था।
3. कांग्रेस की मीटिंग के बाहर बेची चाय
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले PM मोदी को लेकर एक बयान दिया था। अय्यर ने कहा था कि मोदी कभी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। वे चाय बेचते थे और फिर से उनके चाय बेचने के लिए हम कोई जगह ढूंढ देंगे।
2014 में कांग्रेस की मीटिंग के दौरान अय्यर के खिलाफ चाय बेचते हुए तजिंदर बग्गा।
अय्यर के इस बयान पर तजिंदर बग्गा ने उन्हें घेरा था। मणिशंकर अय्यर के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए बग्गा ने चुनाव से जुड़ी एक कांग्रेस मीटिंग के दौरान उनके कार्यालय के बाहर खड़े होकर चाय बेची थी।
4. प्रशांत भूषण को थप्पड़ मारा
वरिष्ठ वकील और टीम अन्ना के सदस्य रह चुके प्रशांत भूषण को 2011 में भगत सिंह क्रांति सेना के अध्यक्ष तजिंदर सिंह बग्गा ने थप्पड़ मारा था। भूषण सुप्रीम कोर्ट परिसर के सामने अपने ऑफिस में बैठे थे। तभी भगत सिंह क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूषण ने जम्मू-कश्मीर से सुरक्षा बलों की वापसी की मांग की थी। साथ ही उन्होंने जनमत के आकलन के लिए जनमत संग्रह कराने की भी बात कही थी। इसी बयान की वजह से भूषण पर हमला हुआ था।
2011 में प्रशांत भूषण को तजिंदर बग्गा ने थप्पड़ मारा था। उस दौरान खबरों में ये तस्वीर वायरल हुई थी।
हमले के दौरान तजिंदर बग्गा और उनके साथियों ने कई पर्चे भी फेंके थे, जिनमें भूषण पर मानवाधिकार के नाम पर देश की एकता पर हमला करने का आरोप था। साथ ही उन पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को मौत की सजा का विरोध करने का भी आरोप लगाया था।
5. लेखिका अरुंधती रॉय को कश्मीरियों का दुश्मन कहा
तजिंदर बग्गा ने अंग्रेजी की सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी अरुंधती रॉय के एक बुक शो में हंगामा भी किया था। 2011 में अरुंधति रॉय दिल्ली में स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में अपनी एक किताब " द ब्रोकन रिपब्लिक" की लॉन्चिंग के लिए पहुंची थीं।
2011 में अरुंधती रॉय के एक बुक इवेंट के दौरान बग्गा ने उन्हें कश्मीरियों का दुश्मन बताते हुए हंगामा किया था।
कार्यक्रम के दौरान 4 लड़कों के साथ पहुंचे तजिंदर बग्गा ने रॉय की बुक को लेकर जमकर उत्पात मचाया था। उन्होंने अरुंधती को कश्मीरियों का दुश्मन बताते हुए शो को बीच में ही रुकवा दिया था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें सार्वजनिक जगह पर हंगामा करने के जुर्म में हिरासत में ले लिया था। इस घटना के बाद बग्गा के घर की तलाशी भी ली गई थी।
जोग संजोग टाइम्स,
पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को उनके दिल्ली स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। बग्गा को अचानक अरेस्ट करते ही पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सियासत गर्मा गई है। पंजाब पुलिस ने 1 अप्रैल 2022 को बग्गा के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठे सांप्रदायिक बयान देने, लोगों को भड़काने, नफरत फैलाने की शिकायत पर केस दर्ज किया था। यह पहली बार नहीं है, जब बग्गा इस तरह के विवादों में घिरे हों। इससे पहले भी उनका नाम कई विवादों से जुड़ चुका है।
ऐसे में आज की स्टोरी में जानते हैं कि तजिंदर पाल सिंह बग्गा कौन हैं? इससे पहले किन विवादों से इनका नाम जुड़ा है?
कौन हैं तजिंदर पाल सिंह बग्गा?
विवादों की दुनिया में तजिंदर बग्गा का नाम नया नहीं है। 16 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखने वाले बग्गा अन्ना आंदोलन के समय केजरीवाल टीम का हिस्सा रहे थे। 23 साल की उम्र में वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता बने। बग्गा ने भगत सिंह क्रांति सेना नाम का एक संगठन भी बनाया है। आइए जानते हैं, अब तक किन बड़े विवादों में तजिंदर बग्गा का नाम आया है...
1. अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और भाजपा के नेता तजिंदर बग्गा के बीच पिछले एक महीने से लगातार लड़ाई जारी है। दरअसल, विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि अगर भाजपा विधायक इस फिल्म को टैक्स फ्री देखना चाहते हैं तो इसे यूट्यूब पर अपलोड कर देना चाहिए। इससे आम जनता को भी फायदा होगा और यह सबके लिए फ्री हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने PM नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक लाभ के लिए फिल्म का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाने के साथ ही इसे भाजपा समर्थित और झूठी फिल्म कहा था।
बग्गा ने कश्मीर फाइल्स पर केजरीवाल के बयान के बाद आप पार्टी के कार्यालय के बाहर पोस्टर लगवा दिए थे।
इसी विवाद में CM केजरीवाल के खिलाफ तजिंदर बग्गा भी मैदान में उतर गया था। बग्गा की अगुआई में प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़फोड़ की थी। साथ ही उनके मेन गेट और दीवारों को भगवा रंग से पुतवा दिया था। बग्गा ने केजरीवाल को सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां भी दी थीं। इसी सिलसिले में बग्गा पर एक अप्रैल को FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद पंजाब पुलिस बग्गा को लगातार पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
2. राजीव गांधी को कहा ‘फादर ऑफ मॉब लिंचिंग’
2018 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस की भूमिका से इनकार कर दिया था। इसके बाद भाजपा प्रवक्ता तजिंदर बग्गा ने एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें राजीव गांधी को फादर ऑफ मॉब लिंचिंग यानी भीड़ हिंसा का जनक बताया गया था।
बग्गा ने राजीव गांधी को फादर ऑफ मॉब लिंचिंग कहते हुए इसका पोस्टर भी जारी किया था।
तजिंदर बग्गा ने कहा था- सब जानते हैं कि राजीव गांधी 84 के दंगों के कर्ताधर्ता थे। उन्होंने दंगे में अपनी भूमिका ये कहते हुए स्वीकार भी की थी कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है। बग्गा के मुताबिक, अगर दंगों में कांग्रेस की भूमिका नहीं थी तो पार्टी को ये भी साफ करना चाहिए कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने माफी क्यों मांगी थी।
इस दौरान तजिंदर ने कांग्रेस नेता कमलनाथ पर भी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया था। तजिंदर के पोस्टर और बयान को कांग्रेस के नेताओं ने देश और प्रधानमंत्री की कुर्सी की अवमानना बताया था।
3. कांग्रेस की मीटिंग के बाहर बेची चाय
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले PM मोदी को लेकर एक बयान दिया था। अय्यर ने कहा था कि मोदी कभी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। वे चाय बेचते थे और फिर से उनके चाय बेचने के लिए हम कोई जगह ढूंढ देंगे।
2014 में कांग्रेस की मीटिंग के दौरान अय्यर के खिलाफ चाय बेचते हुए तजिंदर बग्गा।
अय्यर के इस बयान पर तजिंदर बग्गा ने उन्हें घेरा था। मणिशंकर अय्यर के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए बग्गा ने चुनाव से जुड़ी एक कांग्रेस मीटिंग के दौरान उनके कार्यालय के बाहर खड़े होकर चाय बेची थी।
4. प्रशांत भूषण को थप्पड़ मारा
वरिष्ठ वकील और टीम अन्ना के सदस्य रह चुके प्रशांत भूषण को 2011 में भगत सिंह क्रांति सेना के अध्यक्ष तजिंदर सिंह बग्गा ने थप्पड़ मारा था। भूषण सुप्रीम कोर्ट परिसर के सामने अपने ऑफिस में बैठे थे। तभी भगत सिंह क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूषण ने जम्मू-कश्मीर से सुरक्षा बलों की वापसी की मांग की थी। साथ ही उन्होंने जनमत के आकलन के लिए जनमत संग्रह कराने की भी बात कही थी। इसी बयान की वजह से भूषण पर हमला हुआ था।
2011 में प्रशांत भूषण को तजिंदर बग्गा ने थप्पड़ मारा था। उस दौरान खबरों में ये तस्वीर वायरल हुई थी।
हमले के दौरान तजिंदर बग्गा और उनके साथियों ने कई पर्चे भी फेंके थे, जिनमें भूषण पर मानवाधिकार के नाम पर देश की एकता पर हमला करने का आरोप था। साथ ही उन पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को मौत की सजा का विरोध करने का भी आरोप लगाया था।
5. लेखिका अरुंधती रॉय को कश्मीरियों का दुश्मन कहा
तजिंदर बग्गा ने अंग्रेजी की सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी अरुंधती रॉय के एक बुक शो में हंगामा भी किया था। 2011 में अरुंधति रॉय दिल्ली में स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में अपनी एक किताब " द ब्रोकन रिपब्लिक" की लॉन्चिंग के लिए पहुंची थीं।
2011 में अरुंधती रॉय के एक बुक इवेंट के दौरान बग्गा ने उन्हें कश्मीरियों का दुश्मन बताते हुए हंगामा किया था।
कार्यक्रम के दौरान 4 लड़कों के साथ पहुंचे तजिंदर बग्गा ने रॉय की बुक को लेकर जमकर उत्पात मचाया था। उन्होंने अरुंधती को कश्मीरियों का दुश्मन बताते हुए शो को बीच में ही रुकवा दिया था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें सार्वजनिक जगह पर हंगामा करने के जुर्म में हिरासत में ले लिया था। इस घटना के बाद बग्गा के घर की तलाशी भी ली गई थी।
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