17 May 2021 11:14 AM
जोग संजोग टाइम्स जयपुर।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने राज्य सरकार गांवों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्थाई आधार (टेम्परेरी बेसिस) पर 1000 डॉक्टर्स एवं 25 हजार नर्सिंग स्टाफ की सेवाएं लेगी।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार रात वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता को लेकर हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में ये निर्णय किया। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएचसी एवं पीएचसी तक कोरोना उपचार की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 1000 मेडिकल ऑफिसर्स तथा 25 हजार नर्सिंगकर्मियों की अस्थायी आधार पर तत्काल व्यवस्था करें।
यह भी दिए निर्देश . ब्लॉक स्तर पर कोविड कंसल्टेशन एवं कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित सीएचसी में आइसीयू एवं हाई फ्लो ऑक्सीजन के 10 बेड के साथ ही शिशु गहन चिकित्सा इकाई की भी व्यवस्था की जाए। . प्रत्येक पीएचसी पर 5 तथा सीएचसी पर 10 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराए जाएं।
चिरंजीवी योजना में शामिल होगी ब्लैक फंगस मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस बीमारी के पैकेज को भी मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में शामिल करने के निर्देश दिए। ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाली दवाओं की खरीद के लिए ग्लोबल ईओआइ कर दिया गया है। बैठक में निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार की दर भी जल्द निर्धारित करने का निर्णय किया गया। गहलोत ने इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञ चिकित्सकों के समूह गठित कर विशेष अध्ययन करवाने के निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण का प्रसार अधिक है, वहां पर जांच का दायरा बढ़ाने एवं दवा वितरण किट पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ऑक्सीजन: 10 टीमें गुजरात रवाना तौकते समुद्री तूफान को देखते हुए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ 10 टीमें गुजरात रवाना की गई हैं, जो सड़क मार्ग से ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करेंगी। बैठक में बताया गया कि राज्य में विभिन्न स्रोतों से 6500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध हो गए हैं, जिनसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ी है।
घर-घर सर्वे के लिए 1200 टीमें गठित आने वाले दस से बारह दिनों में संदिग्ध रोगियों की ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट के लिए 11 लाख परिवारों के घर-घर सर्वे का काम होगा। इससे अधिक पॉजिटिव केस वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां कंटेनमेंट जोन और नो-मूवमेंट को और अधिक सख्ती से लागू किया जा सकेगा। घर-घर सर्वे के लिए 1200 टीमें गठित की गई हैं।
जोग संजोग टाइम्स जयपुर।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने राज्य सरकार गांवों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्थाई आधार (टेम्परेरी बेसिस) पर 1000 डॉक्टर्स एवं 25 हजार नर्सिंग स्टाफ की सेवाएं लेगी।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार रात वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता को लेकर हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में ये निर्णय किया। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएचसी एवं पीएचसी तक कोरोना उपचार की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 1000 मेडिकल ऑफिसर्स तथा 25 हजार नर्सिंगकर्मियों की अस्थायी आधार पर तत्काल व्यवस्था करें।
यह भी दिए निर्देश . ब्लॉक स्तर पर कोविड कंसल्टेशन एवं कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित सीएचसी में आइसीयू एवं हाई फ्लो ऑक्सीजन के 10 बेड के साथ ही शिशु गहन चिकित्सा इकाई की भी व्यवस्था की जाए। . प्रत्येक पीएचसी पर 5 तथा सीएचसी पर 10 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराए जाएं।
चिरंजीवी योजना में शामिल होगी ब्लैक फंगस मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस बीमारी के पैकेज को भी मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में शामिल करने के निर्देश दिए। ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाली दवाओं की खरीद के लिए ग्लोबल ईओआइ कर दिया गया है। बैठक में निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार की दर भी जल्द निर्धारित करने का निर्णय किया गया। गहलोत ने इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञ चिकित्सकों के समूह गठित कर विशेष अध्ययन करवाने के निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण का प्रसार अधिक है, वहां पर जांच का दायरा बढ़ाने एवं दवा वितरण किट पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ऑक्सीजन: 10 टीमें गुजरात रवाना तौकते समुद्री तूफान को देखते हुए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ 10 टीमें गुजरात रवाना की गई हैं, जो सड़क मार्ग से ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करेंगी। बैठक में बताया गया कि राज्य में विभिन्न स्रोतों से 6500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध हो गए हैं, जिनसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ी है।
घर-घर सर्वे के लिए 1200 टीमें गठित आने वाले दस से बारह दिनों में संदिग्ध रोगियों की ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट के लिए 11 लाख परिवारों के घर-घर सर्वे का काम होगा। इससे अधिक पॉजिटिव केस वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां कंटेनमेंट जोन और नो-मूवमेंट को और अधिक सख्ती से लागू किया जा सकेगा। घर-घर सर्वे के लिए 1200 टीमें गठित की गई हैं।
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