25 February 2022 06:47 PM
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर, राजस्थान सरकार बिजली चोरों को बड़ी राहत देने जा रही है। जितनी बड़ी बिजली चोरी है,उतनी ज्यादा छूट पेनल्टी पर देने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। योजना के तहत 1 अप्रैल 2022 से 30 सितम्बर 2022 तक आवेदन किए जा सकेंगे। उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक तीनों बिजली डिस्कॉम्स जयपुर,अजमेर और जोधपुर के क्षेत्र में 3 लाख से ज्यादा बिजली चोरी के मामले पेंडिंग चल रहे हैं। 700 से 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया चल रहा है। बजट में विजिलेंस चेकिंग रिपोर्ट (VCR) के फाइनल निपटारे की घोषणा के बाद तीनों बिजली डिस्कॉम्स ने बिजली चोरी करने वालों से पूरी पेनल्टी और कम्पाउंडिंग राशि वसूलने की बजाय करीब 82 फीसदी छूट देने की स्कीम पर शुरू कर दी है।
म के तहत पेनल्टी 1 लाख रुपए तक होने पर 50 हजार रुपए की छूट दी जाएगी। उससे ऊपर की पेनल्टी राशि का 10 फीसदी अमाउंट और कम्पाउंडिंग राशि लेकर फाइनल निपटारा कर दिया जाएगा। किसी पर 5 लाख रुपए की पेनल्टी है तो एक लाख पर 50 हजार की छूट मिलेगी। बाकी 4 लाख पर 10 फीसदी अमाउंट लिया जाएगा। ऐसे में 50 हजार और 40 हजार मिलाकर कुल 90 हजार ही चुकाने होंगे। अगर 10 लाख रुपए की पेनल्टी है। तो 1 लाख 40 हजार रुपए ही चुकाने होंगे। साथ में तय कम्पाउंडिंग राशि जमा करानी होगी। कम्पाउंडिंग राशि को प्रशमन राशि कहा जाता है। बिजली चोरी स्टेट के लिए अपराध की कैटेगरी में आती है। कम्पाउंडिंग राशि स्वीकृत लोड के हिसाब से वसूली जाती है। उदाहरण के तौर पर 1 किलोवाट पर 2000 रुपए और 1.5 किलोवाट पर 3000 रुपए की रेट पर इसकी वसूली होती है।
बिजली चोरों को फायदा,ईमानदार उपभोक्ता ठगा महसूस करेंगे
प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फेडरेशन इंटक के संयुक्त महामंत्री और प्रवक्ता डीडी शर्मा ने में कहा सरकार के इस फैसले से बिजली चोरी करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन बिजली कम्पनियों का घाटा बढ़ेगा। ईमानदारी से बिजली बिल चुकाने वाले बिजली उपभोक्ता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेंगे। बिजली चोरों की हिम्मत बढ़ेगी। भविष्य में बिजली चोरी के मामलों में और बढ़ोतरी होने की आशंका भी पैदा हो गई है। बिजली कंपनियों को नुकसान पहुंचाने की बजाय सरकार अपना कम्पाउंडिग चार्ज खत्म करें।
इस फैसले से साफ नजर आ रहा है कि सरकार अपना खजाना भर रही है। लेकिन करोड़ों के घाटे में चल रही बिजली कम्पनियों पर यह स्कीम थोपकर सरकार और भार डालने का काम कर रही है। चोर उपभोक्ताओं को सरकार लाभ या राहत देना ही चाहती है, तो एमनेस्टी योजना के तहत बिजली कम्पनियों को हो रहे नुकसान की भरपाई सरकार करे। कम्पाउंडिंग चार्ज का पैसा सरकारी खजाने में जाता है। यह चार्ज बिजली कम्पनियों को नहीं मिलता है।
1 अप्रैल 2022 से 30 सितम्बर तक मांगे आवेदन
बजट में कहा गया कि मौजूदा वक्त में बड़ी संख्या में बिजली वितरण कंपनियों में पेंडिंग वीसीआर में बकाया करोड़ों रुपए की राशि को देखते हुए उनके फाइनल निपटारे के लिए स्कीम लाया जाना प्रस्तावित है। इसमें 31 दिसम्बर 2021 या उससे पहले के पेंडिंग वीसीआर निपटारे के लिए 1 लाख रुपए तक की सिविल लाइबिलिटी राशि होने पर इस राशि का 50 फीसदी और कम्पाउंडिंग राशि लेकर अंतिम निपटारा किया जाएगा। अगर सिविल लाइबिलिटी राशि 1 लाख रुपए से ज्यादा है, तो 1 लाख रुपए तक की राशि का 50 फीसदी और उससे ऊपर की राशि का 10 फीसदी और कम्पाउंडिंग राशि लेकर अंतिम निपटारा किया जाएगा। यह राशि 6 मासिक किश्तों में बिना ब्याज के जमा कराई जा सकती हैं।
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर, राजस्थान सरकार बिजली चोरों को बड़ी राहत देने जा रही है। जितनी बड़ी बिजली चोरी है,उतनी ज्यादा छूट पेनल्टी पर देने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। योजना के तहत 1 अप्रैल 2022 से 30 सितम्बर 2022 तक आवेदन किए जा सकेंगे। उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक तीनों बिजली डिस्कॉम्स जयपुर,अजमेर और जोधपुर के क्षेत्र में 3 लाख से ज्यादा बिजली चोरी के मामले पेंडिंग चल रहे हैं। 700 से 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया चल रहा है। बजट में विजिलेंस चेकिंग रिपोर्ट (VCR) के फाइनल निपटारे की घोषणा के बाद तीनों बिजली डिस्कॉम्स ने बिजली चोरी करने वालों से पूरी पेनल्टी और कम्पाउंडिंग राशि वसूलने की बजाय करीब 82 फीसदी छूट देने की स्कीम पर शुरू कर दी है।
म के तहत पेनल्टी 1 लाख रुपए तक होने पर 50 हजार रुपए की छूट दी जाएगी। उससे ऊपर की पेनल्टी राशि का 10 फीसदी अमाउंट और कम्पाउंडिंग राशि लेकर फाइनल निपटारा कर दिया जाएगा। किसी पर 5 लाख रुपए की पेनल्टी है तो एक लाख पर 50 हजार की छूट मिलेगी। बाकी 4 लाख पर 10 फीसदी अमाउंट लिया जाएगा। ऐसे में 50 हजार और 40 हजार मिलाकर कुल 90 हजार ही चुकाने होंगे। अगर 10 लाख रुपए की पेनल्टी है। तो 1 लाख 40 हजार रुपए ही चुकाने होंगे। साथ में तय कम्पाउंडिंग राशि जमा करानी होगी। कम्पाउंडिंग राशि को प्रशमन राशि कहा जाता है। बिजली चोरी स्टेट के लिए अपराध की कैटेगरी में आती है। कम्पाउंडिंग राशि स्वीकृत लोड के हिसाब से वसूली जाती है। उदाहरण के तौर पर 1 किलोवाट पर 2000 रुपए और 1.5 किलोवाट पर 3000 रुपए की रेट पर इसकी वसूली होती है।
बिजली चोरों को फायदा,ईमानदार उपभोक्ता ठगा महसूस करेंगे
प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फेडरेशन इंटक के संयुक्त महामंत्री और प्रवक्ता डीडी शर्मा ने में कहा सरकार के इस फैसले से बिजली चोरी करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन बिजली कम्पनियों का घाटा बढ़ेगा। ईमानदारी से बिजली बिल चुकाने वाले बिजली उपभोक्ता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेंगे। बिजली चोरों की हिम्मत बढ़ेगी। भविष्य में बिजली चोरी के मामलों में और बढ़ोतरी होने की आशंका भी पैदा हो गई है। बिजली कंपनियों को नुकसान पहुंचाने की बजाय सरकार अपना कम्पाउंडिग चार्ज खत्म करें।
इस फैसले से साफ नजर आ रहा है कि सरकार अपना खजाना भर रही है। लेकिन करोड़ों के घाटे में चल रही बिजली कम्पनियों पर यह स्कीम थोपकर सरकार और भार डालने का काम कर रही है। चोर उपभोक्ताओं को सरकार लाभ या राहत देना ही चाहती है, तो एमनेस्टी योजना के तहत बिजली कम्पनियों को हो रहे नुकसान की भरपाई सरकार करे। कम्पाउंडिंग चार्ज का पैसा सरकारी खजाने में जाता है। यह चार्ज बिजली कम्पनियों को नहीं मिलता है।
1 अप्रैल 2022 से 30 सितम्बर तक मांगे आवेदन
बजट में कहा गया कि मौजूदा वक्त में बड़ी संख्या में बिजली वितरण कंपनियों में पेंडिंग वीसीआर में बकाया करोड़ों रुपए की राशि को देखते हुए उनके फाइनल निपटारे के लिए स्कीम लाया जाना प्रस्तावित है। इसमें 31 दिसम्बर 2021 या उससे पहले के पेंडिंग वीसीआर निपटारे के लिए 1 लाख रुपए तक की सिविल लाइबिलिटी राशि होने पर इस राशि का 50 फीसदी और कम्पाउंडिंग राशि लेकर अंतिम निपटारा किया जाएगा। अगर सिविल लाइबिलिटी राशि 1 लाख रुपए से ज्यादा है, तो 1 लाख रुपए तक की राशि का 50 फीसदी और उससे ऊपर की राशि का 10 फीसदी और कम्पाउंडिंग राशि लेकर अंतिम निपटारा किया जाएगा। यह राशि 6 मासिक किश्तों में बिना ब्याज के जमा कराई जा सकती हैं।
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