05 May 2022 11:23 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार REET 2021 के तहत लेवल वन के पंद्रह हजार पांच सौ टीचर्स की भर्ती में नियमों के अलग अलग मायने शिक्षा विभाग को भारी पड़ रहे हैं। पहले एमबीसी और ओबीसी के 233 केंडिडेट्स को अंदर-बाहर किया गया, वहीं अब सामान्य वर्ग के एक दर्जन से ज्यादा केंडिडेट्स को योग्य होने के बावजूद बाहर करने का मामला सामने आ रहा है। आरोप है कि नियमों की सही पालना नहीं हाेने के कारण मेरिट लिस्ट में बार बार बदलाव हो रहा है।
दरअसल, बेरोजगारों का कहना है कि विकलांग, विशिष्ट टीचर व विशिष्ट खिलाड़ी का चयन होने पर उनके वर्ग की सीटों से ही सीट कम की जाती है। शिक्षा निदेशालय में शिकायत की गई है कि अगर किसी ओबीसी विकलांग का चयन हुआ है तो उसकी सीट ओबीसी में जाती है। इसके विपरीत शिक्षा विभाग ने उसकी सीट जनरल केटेगरी से कम कर दी। इसी तरह एससी, एसटी व अन्य वर्ग के पद भी जनरल से कम कर दिए हैं। ऐसे में जनरल के चयनित केंडिडेट्स को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा है। निदेशक को दिए एक पत्र में केंडिडेट्स ने लिखा है कि एमबीसी केंडिडेट्स को ओबीसी में से हटाते हुए पुन: संशोधित सूची जारी की गई थी, लेकिन इस सूची में भी शिक्षा विभाग ने भर्ती की शर्तों का उल्लंघन किया है। होरिजेंटल रिजर्वेशन में में जिस वर्ग का चयनित होता है, उसे उसी वर्ग की सीट दी जाती है। इसके विपरीत शिक्षा विभाग ने सामान्य से सीट दी है। इससे प्रभावित 14 अभ्यर्थियों की लिस्ट भी शिकायत के साथ दी गई है। ये सभी ओबीसी नॉन क्रिमीलेयर के बताए जा रहे हैं, जबकि इनका चयन सामान्य में बताया है।
पहले भी गड़बड़ी
इससे पहले एमबीसी व ओबीसी के आरक्षण में हुई गड़बड़ी को तो स्वयं शिक्षा विभाग ने स्वीकार किया और उसमें फेरबदल किया। इसके बाद एमबीसी के 233 केंडिडेट्स को लिस्ट से बाहर किया गया और इतने ही केंडिडेट्स को जोड़ा गया। अब ओबीसी के लिए सामान्य की सीट कम करने से सामान्य केंडिडेट्स को नुकसान हुआ है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार REET 2021 के तहत लेवल वन के पंद्रह हजार पांच सौ टीचर्स की भर्ती में नियमों के अलग अलग मायने शिक्षा विभाग को भारी पड़ रहे हैं। पहले एमबीसी और ओबीसी के 233 केंडिडेट्स को अंदर-बाहर किया गया, वहीं अब सामान्य वर्ग के एक दर्जन से ज्यादा केंडिडेट्स को योग्य होने के बावजूद बाहर करने का मामला सामने आ रहा है। आरोप है कि नियमों की सही पालना नहीं हाेने के कारण मेरिट लिस्ट में बार बार बदलाव हो रहा है।
दरअसल, बेरोजगारों का कहना है कि विकलांग, विशिष्ट टीचर व विशिष्ट खिलाड़ी का चयन होने पर उनके वर्ग की सीटों से ही सीट कम की जाती है। शिक्षा निदेशालय में शिकायत की गई है कि अगर किसी ओबीसी विकलांग का चयन हुआ है तो उसकी सीट ओबीसी में जाती है। इसके विपरीत शिक्षा विभाग ने उसकी सीट जनरल केटेगरी से कम कर दी। इसी तरह एससी, एसटी व अन्य वर्ग के पद भी जनरल से कम कर दिए हैं। ऐसे में जनरल के चयनित केंडिडेट्स को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा है। निदेशक को दिए एक पत्र में केंडिडेट्स ने लिखा है कि एमबीसी केंडिडेट्स को ओबीसी में से हटाते हुए पुन: संशोधित सूची जारी की गई थी, लेकिन इस सूची में भी शिक्षा विभाग ने भर्ती की शर्तों का उल्लंघन किया है। होरिजेंटल रिजर्वेशन में में जिस वर्ग का चयनित होता है, उसे उसी वर्ग की सीट दी जाती है। इसके विपरीत शिक्षा विभाग ने सामान्य से सीट दी है। इससे प्रभावित 14 अभ्यर्थियों की लिस्ट भी शिकायत के साथ दी गई है। ये सभी ओबीसी नॉन क्रिमीलेयर के बताए जा रहे हैं, जबकि इनका चयन सामान्य में बताया है।
पहले भी गड़बड़ी
इससे पहले एमबीसी व ओबीसी के आरक्षण में हुई गड़बड़ी को तो स्वयं शिक्षा विभाग ने स्वीकार किया और उसमें फेरबदल किया। इसके बाद एमबीसी के 233 केंडिडेट्स को लिस्ट से बाहर किया गया और इतने ही केंडिडेट्स को जोड़ा गया। अब ओबीसी के लिए सामान्य की सीट कम करने से सामान्य केंडिडेट्स को नुकसान हुआ है।
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