27 August 2021 09:08 AM
बीकानेर-जनगणना कार्य निदेशालय के निदेशक विष्णु चरण मलिक की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक आयोजित हुई। इस दौरान मलिक ने कहा कि जिले में जन्म मृत्यु का शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन करवाना सुनिश्चित करें। इससे जुड़े सभी कार्मिक गंभीरता पूर्वक कार्य करें। जन्म मृत्यु पंजीकरण इकाइयों का औचक निरीक्षण किया जाए तथा जिला स्तरीय बैठकों में इसका नियमित रिव्यू भी किया जाए। सभी पंजीकरण इकाइयों को सक्रिय रखें तथा यहां कार्यरत कार्मिकों को आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण दिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिले में जन्म मृत्यु पंजीकरण बढ़ाने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। साथ ही अधिक से अधिक पंजीकरण केंद्र प्रारंभ किए जाएं। उन्होंने जिले में मरेजों को भर्ती किए जा सकने योग्य स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में जाना तथा मृत्यु के कारण के चिकित्सा प्रमाणन की समीक्षा की। साथ ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन इकाइयों की मॉनिटरिंग, मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म मृत्यु) और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अंतर को न्यूनतम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र जारी करने में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हो, इसके मद्देनजर सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने आमजन में जन्म मृत्यु पंजीकरण के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जनगणना 2021 के नोटिफिकेशन जारी होने से पूर्व आवश्यक तैयारियां करने के लिए भी निर्देशित किया।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारियों को जन्म मृत्यु के शत-प्रतिशत पंजीकरण के लिए पाबंद किया गया है। साथ ही मृत्यु की घटनाओं को पहचान पोर्टल पर दर्ज करवाने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे के दौरान इस कार्य का निरीक्षण भी किया जाएगा। उप निदेशक अविनाश शर्मा ने पंजीकरण प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न तथ्यों के बारे में बताया।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, नगर निगम आयुक्त पंकज शर्मा, उप निदेशक (सांख्यिकी) धर्मपाल खीचड़ तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी चाहर मौजूद रहे।
बीकानेर-जनगणना कार्य निदेशालय के निदेशक विष्णु चरण मलिक की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक आयोजित हुई। इस दौरान मलिक ने कहा कि जिले में जन्म मृत्यु का शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन करवाना सुनिश्चित करें। इससे जुड़े सभी कार्मिक गंभीरता पूर्वक कार्य करें। जन्म मृत्यु पंजीकरण इकाइयों का औचक निरीक्षण किया जाए तथा जिला स्तरीय बैठकों में इसका नियमित रिव्यू भी किया जाए। सभी पंजीकरण इकाइयों को सक्रिय रखें तथा यहां कार्यरत कार्मिकों को आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण दिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिले में जन्म मृत्यु पंजीकरण बढ़ाने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। साथ ही अधिक से अधिक पंजीकरण केंद्र प्रारंभ किए जाएं। उन्होंने जिले में मरेजों को भर्ती किए जा सकने योग्य स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में जाना तथा मृत्यु के कारण के चिकित्सा प्रमाणन की समीक्षा की। साथ ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन इकाइयों की मॉनिटरिंग, मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म मृत्यु) और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अंतर को न्यूनतम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र जारी करने में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हो, इसके मद्देनजर सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने आमजन में जन्म मृत्यु पंजीकरण के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जनगणना 2021 के नोटिफिकेशन जारी होने से पूर्व आवश्यक तैयारियां करने के लिए भी निर्देशित किया।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारियों को जन्म मृत्यु के शत-प्रतिशत पंजीकरण के लिए पाबंद किया गया है। साथ ही मृत्यु की घटनाओं को पहचान पोर्टल पर दर्ज करवाने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे के दौरान इस कार्य का निरीक्षण भी किया जाएगा। उप निदेशक अविनाश शर्मा ने पंजीकरण प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न तथ्यों के बारे में बताया।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, नगर निगम आयुक्त पंकज शर्मा, उप निदेशक (सांख्यिकी) धर्मपाल खीचड़ तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी चाहर मौजूद रहे।
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