03 June 2023 10:38 AM
बीकानेर- राजस्थान पर मौसम मेहरबान है। नौतपा के बीच रिकार्ड बारिश हो रही है। 3 जून को मौसम विभाग ने फिर से मूसलाधार बारिश और प्रचंड़ अंधड़ का अलर्ट जारी किया है। मानूसन की तुलना में अब तक एक चौथाई बारिश हो गई है। मई की अगर बात करें तो आठ पश्चिमी विक्षोभ इस माह आए हैं। इसके असर के कारण पूरे महीने में सिर्फ पांच से सात दिन ही गर्मी पड़ी है। मई के आरंभ में 12 मई तक बारिश का दौर बना रहा और अब अंतिम सप्ताह में हर दूसरे दिन आए पश्चिमी विक्षोभ ने जैसेलमेर गड़ीसर तालाब तक को लबालब भर दिया।
भारतीय मौसम विभाग नई दिल्ली के मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि अगले दो दिनों तक प्रदेश में मूसलाधार बारिश और प्रचंड आंधी देखने को मिलेगी। इसके बाद अगले दो दिनों में बारिश का यह सिलसिला धीरे धीरे कम हो जाएगा। मौसम का असर 4 जून तक बना रहेगा। ऐसे में तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। राजस्थान में अब तक 100 मिलीमीटर के करीब बारिश हो गई है। इसके कारण आर्द्रता का स्तर बेहतर रहेगा। इसके कारण गर्मी भी नियंत्रण में रहेगी। इस माह भी हीटवेब चलने की संभावना नगण्य है।
एक दशक के लिहाज के मोसम विभाग का डाटा एनालिसिस करने पर सामने आया कि 15 जून के बाद लू चलने के आसार कम होते हैं लेकिन इस साल जून के दूसरे और तीसरे सप्ताह में लू चलने की संभावना है। मई आंधी से ज्यादा विक्षाभ के प्रभाव में बीत गई। जून का पहला सप्ताह भी आंधी-बारिश में बीतेगा। जून के आखिरी सप्ताह में प्री-मानसून की बारिश होने के आसार हैं। जुलाई में मानसून के बीकानेर तक आने की संभावना है।
126 साल पहले यानी 1897 में जून में सर्वाधिक तापमान 48.9 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया था। मई में ये तापमान अमूमन हो ही जाता है। बीते एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो भी 47 डिग्री से ज्यादा तापमान जून में नहीं पहुंचा। यानी इस साल लू औसतन कम ही चली है। जून का पहले सप्ताह में लू के कोई आसार नहीं है क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ का असर बरकरार है और ये छह जून तक रहेगा। जून के दूसरे और तीसरे सप्ताह में गर्मी बढ़ेगी। लू भी चल सकती है। तापमान अधिकतम 46 डिग्री तक पहुंच सकता है। जून के आखिरी सप्ताह में प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू होगी क्योकि तब तक मानसून या तो राजस्थान में प्रवेश कर चुका होगा या पडोसी राज्य तक पहुंच चुका होगा। बीकानेर में मानसून पहुंचने की औसत तिथि दो जुलाई है लेकिन कई बार आगे-पीछे होता रहा है। इस साल राजस्थान में मानसून की एंट्री के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। मोसम विभाग निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि जून का पहला सप्ताह आंधी-बारिश में ही बीतेगा लेकिन दूसरे और तीसरे सप्ताह में गर्मी पड़ेगी। तीसरे सप्ताह में प्री-मानसून की गतिविधि होगी। मानसून की एक्चुअल डेट पर भी कुछ नहीं कह सकता। बंगाल की खाड़ी में मानसून अटका है। अभी केरल तक नहीं पहुंचा। फिर भी तुलनात्मक जून बीते सालों की तुलना में ठंडा होगा।
रात 2.30 बजे आया तूफान, 10.4 मिमी बारिश हुई
रात ढाई बजे अचानक बीकानेर तेज हवाएं चली। बूंदाबांदी शुरू हुई और उसके बाद बादलों की गर्जना के साथ तूफान आ गया। 30 मिनट तक बारिश हुई। 10.4 मिलीमीटर बारिश हुई। इधर दिन में ग्रामीण क्षेत्र में भी ओलावृष्टि हुई। भांडसर और तख्तपुरा में बारिश हुई जबकि मंडी 465 और खारबारा में ओलावृष्टि भी हुई। बारिश और आंधी की वजह से जून में पहली बार न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 140 सालो के रिकार्ड से सिर्फ 1.6 डिग्री दूर हैं। 1888 को जून में न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री रिकार्ड किया गया था। सामान्यता जून में न्यूनतम तापमान 29 डिग्री के करीब होना चाहिए।
पाकिस्तान से आ रहा पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ का असर 31 मई को खत्म होने से पहले ही 1 जून को एक और पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान की तरफ से पश्चिमी राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में गुरुवार को सीमा से सटे बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर और जालोर में आंधी, बारिश और 50 किलोमीटर से अधिक गति का अधंड़ देखने को मिल सकता है।
सात किलोमीटर की गति से बढ़ रहा है चक्रवात
पाकिस्तान की तरफ पश्चिमी विक्षोभ के साथ एक चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भी राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है। इस तंत्र की गति साढ़े सात किलोमीटर तक जा रही है। यह 73 डिग्री अक्षांश और 20 डिग्री उत्तर देशांतर से पश्चिमी की तरफ आ रहा है। इस समय यह पाकिस्तान का सिंध और पंजाब प्रांत को अच्छादित किए हुए है। 1 जून को यह राजस्थान पहुंच जाएगा।
बीकानेर के स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविधालय के ग्रामीण कृषक मौसम सेवा के कृषक अनुसंधान केन्द्र ने किसानो को सलाह दी है कि आने वाले दिनों में भारी ओला वर्ष्टि के साथ धूल भरी झांकेदार तेज हवाएं (50-60 KMPH)
चलने व बिजली गिरने की संभावना है।
अगले दो दिन ऐसे रहेगा मौसम
3 जून- पूर्वी राजस्थान में आने वाले जयपुर, भरतपुर, कोटा और अजमेर संभाग और पश्चिमी राजस्थान बीकानेर में बारिश होगी।
4 जून- पूर्वी राजस्थान में आने वाले जयपुर, भरतपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर संभाग और पश्चिमी राजस्थान बीकानेर में बारिश होगी।
बीकानेर- राजस्थान पर मौसम मेहरबान है। नौतपा के बीच रिकार्ड बारिश हो रही है। 3 जून को मौसम विभाग ने फिर से मूसलाधार बारिश और प्रचंड़ अंधड़ का अलर्ट जारी किया है। मानूसन की तुलना में अब तक एक चौथाई बारिश हो गई है। मई की अगर बात करें तो आठ पश्चिमी विक्षोभ इस माह आए हैं। इसके असर के कारण पूरे महीने में सिर्फ पांच से सात दिन ही गर्मी पड़ी है। मई के आरंभ में 12 मई तक बारिश का दौर बना रहा और अब अंतिम सप्ताह में हर दूसरे दिन आए पश्चिमी विक्षोभ ने जैसेलमेर गड़ीसर तालाब तक को लबालब भर दिया।
भारतीय मौसम विभाग नई दिल्ली के मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि अगले दो दिनों तक प्रदेश में मूसलाधार बारिश और प्रचंड आंधी देखने को मिलेगी। इसके बाद अगले दो दिनों में बारिश का यह सिलसिला धीरे धीरे कम हो जाएगा। मौसम का असर 4 जून तक बना रहेगा। ऐसे में तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। राजस्थान में अब तक 100 मिलीमीटर के करीब बारिश हो गई है। इसके कारण आर्द्रता का स्तर बेहतर रहेगा। इसके कारण गर्मी भी नियंत्रण में रहेगी। इस माह भी हीटवेब चलने की संभावना नगण्य है।
एक दशक के लिहाज के मोसम विभाग का डाटा एनालिसिस करने पर सामने आया कि 15 जून के बाद लू चलने के आसार कम होते हैं लेकिन इस साल जून के दूसरे और तीसरे सप्ताह में लू चलने की संभावना है। मई आंधी से ज्यादा विक्षाभ के प्रभाव में बीत गई। जून का पहला सप्ताह भी आंधी-बारिश में बीतेगा। जून के आखिरी सप्ताह में प्री-मानसून की बारिश होने के आसार हैं। जुलाई में मानसून के बीकानेर तक आने की संभावना है।
126 साल पहले यानी 1897 में जून में सर्वाधिक तापमान 48.9 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया था। मई में ये तापमान अमूमन हो ही जाता है। बीते एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो भी 47 डिग्री से ज्यादा तापमान जून में नहीं पहुंचा। यानी इस साल लू औसतन कम ही चली है। जून का पहले सप्ताह में लू के कोई आसार नहीं है क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ का असर बरकरार है और ये छह जून तक रहेगा। जून के दूसरे और तीसरे सप्ताह में गर्मी बढ़ेगी। लू भी चल सकती है। तापमान अधिकतम 46 डिग्री तक पहुंच सकता है। जून के आखिरी सप्ताह में प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू होगी क्योकि तब तक मानसून या तो राजस्थान में प्रवेश कर चुका होगा या पडोसी राज्य तक पहुंच चुका होगा। बीकानेर में मानसून पहुंचने की औसत तिथि दो जुलाई है लेकिन कई बार आगे-पीछे होता रहा है। इस साल राजस्थान में मानसून की एंट्री के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। मोसम विभाग निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि जून का पहला सप्ताह आंधी-बारिश में ही बीतेगा लेकिन दूसरे और तीसरे सप्ताह में गर्मी पड़ेगी। तीसरे सप्ताह में प्री-मानसून की गतिविधि होगी। मानसून की एक्चुअल डेट पर भी कुछ नहीं कह सकता। बंगाल की खाड़ी में मानसून अटका है। अभी केरल तक नहीं पहुंचा। फिर भी तुलनात्मक जून बीते सालों की तुलना में ठंडा होगा।
रात 2.30 बजे आया तूफान, 10.4 मिमी बारिश हुई
रात ढाई बजे अचानक बीकानेर तेज हवाएं चली। बूंदाबांदी शुरू हुई और उसके बाद बादलों की गर्जना के साथ तूफान आ गया। 30 मिनट तक बारिश हुई। 10.4 मिलीमीटर बारिश हुई। इधर दिन में ग्रामीण क्षेत्र में भी ओलावृष्टि हुई। भांडसर और तख्तपुरा में बारिश हुई जबकि मंडी 465 और खारबारा में ओलावृष्टि भी हुई। बारिश और आंधी की वजह से जून में पहली बार न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 140 सालो के रिकार्ड से सिर्फ 1.6 डिग्री दूर हैं। 1888 को जून में न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री रिकार्ड किया गया था। सामान्यता जून में न्यूनतम तापमान 29 डिग्री के करीब होना चाहिए।
पाकिस्तान से आ रहा पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ का असर 31 मई को खत्म होने से पहले ही 1 जून को एक और पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान की तरफ से पश्चिमी राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में गुरुवार को सीमा से सटे बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर और जालोर में आंधी, बारिश और 50 किलोमीटर से अधिक गति का अधंड़ देखने को मिल सकता है।
सात किलोमीटर की गति से बढ़ रहा है चक्रवात
पाकिस्तान की तरफ पश्चिमी विक्षोभ के साथ एक चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भी राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है। इस तंत्र की गति साढ़े सात किलोमीटर तक जा रही है। यह 73 डिग्री अक्षांश और 20 डिग्री उत्तर देशांतर से पश्चिमी की तरफ आ रहा है। इस समय यह पाकिस्तान का सिंध और पंजाब प्रांत को अच्छादित किए हुए है। 1 जून को यह राजस्थान पहुंच जाएगा।
बीकानेर के स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविधालय के ग्रामीण कृषक मौसम सेवा के कृषक अनुसंधान केन्द्र ने किसानो को सलाह दी है कि आने वाले दिनों में भारी ओला वर्ष्टि के साथ धूल भरी झांकेदार तेज हवाएं (50-60 KMPH)
चलने व बिजली गिरने की संभावना है।
अगले दो दिन ऐसे रहेगा मौसम
3 जून- पूर्वी राजस्थान में आने वाले जयपुर, भरतपुर, कोटा और अजमेर संभाग और पश्चिमी राजस्थान बीकानेर में बारिश होगी।
4 जून- पूर्वी राजस्थान में आने वाले जयपुर, भरतपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर संभाग और पश्चिमी राजस्थान बीकानेर में बारिश होगी।
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