16 October 2022 01:28 PM
ह्जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
ग्वार के एक खेत में शनिवार देर रात आग लगने से किसान को न सिर्फ लाखों रुपए का नुकसान हो गया, बल्कि कर्ज लेकर लगाई फसल का भुगतान करने का संकट भी खड़ा हो गया है। लूणकरनसर के कांकड़वाला में हुए इस हादसे के बाद पूरे गांव में हडकंप मच गया। ग्रामीणों ने जैसे-तैसे आग पर काबू पाया।
कांकड़वाला के चक एक सीएचडी में दिनेश खीचड़ के खेत में ग्वार की बुवाई की गई थी। यहां ग्वार की कटाई करके एक जगह रखी गई थी, वहीं कुछ जगह फसल का हिस्सा लगा हुआ भी था। 14 बीघा फसल की कटाई करके ग्वार को एक जगह रखा गया था। ये सारी फसल जलकर नष्ट हो गई। आग लगने से इलाके में हाहाकर मच गया। घटना शनिवार रात करीब नौ बजे बाद की है, जब किसान अपनी ढाणी में आराम कर रहे थे। इसी दौरान फसल में आग लग गई। आसपास के लोगों ने पहले धुआं देखा और बाद में वहीं से लपटे दिखने लगी। आग इतनी जल्दी तेज हो गई कि किसान बाहर आए तक तक नियंत्रण से बाहर थी।
आग की लपटे देखकर आसपास के किसान मौके पर पहुंचे। ट्यूबवेल चालू करके पानी डालना शुरू भी किया लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी। ऐसे में आग पर पानी का कोई असर नहीं हुआ। फसल पूरी तरह चौपट होने के बाद पानी से आग बुझी। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
एक जगह थी ज्यादा फसल
पिछले दिनों मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज बारिश हो सकती है। ऐसे में किसानों को फसल खेत में छोड़ने के बजाय सुरक्षित स्थान पर रखनी चाहिए। ऐसे में किसानों ने एक जगह फसल रखी थी। उसी जगह आग ने पूरी फसल को चौपट कर दिया। वैसे आमतौर पर किसान फसल काटकर एक जगह पर ही रखते हैं।
नहीं है फायर ब्रिगेड
लूणकरनसर कस्बे में एक भी फायर ब्रिगेड नहीं है। ऐसे में आग लगने की स्थिति में बीकानेर के बीछवाल से फायर ब्रिगेड की गाड़ी जाती है। ये करीब साठ से सत्तर किलोमीटर दूर है। लूणकरनसर से आगे गांव में जाते-जाते ये दूरी नब्बे से सौ किलोमीटर हो जाती है।
पटवारी ने जुटाई जानकारी
ग्वार का खला जलने की जानकारी होते ही हल्का पटवारी बलवन्त सारण रात को ही मौके पर पहुंच गये। उन्होंने आग लगने से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी जुटाई।उन्होंने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट तहसीलदार व एसडीएम को देंगे।
ह्जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
ग्वार के एक खेत में शनिवार देर रात आग लगने से किसान को न सिर्फ लाखों रुपए का नुकसान हो गया, बल्कि कर्ज लेकर लगाई फसल का भुगतान करने का संकट भी खड़ा हो गया है। लूणकरनसर के कांकड़वाला में हुए इस हादसे के बाद पूरे गांव में हडकंप मच गया। ग्रामीणों ने जैसे-तैसे आग पर काबू पाया।
कांकड़वाला के चक एक सीएचडी में दिनेश खीचड़ के खेत में ग्वार की बुवाई की गई थी। यहां ग्वार की कटाई करके एक जगह रखी गई थी, वहीं कुछ जगह फसल का हिस्सा लगा हुआ भी था। 14 बीघा फसल की कटाई करके ग्वार को एक जगह रखा गया था। ये सारी फसल जलकर नष्ट हो गई। आग लगने से इलाके में हाहाकर मच गया। घटना शनिवार रात करीब नौ बजे बाद की है, जब किसान अपनी ढाणी में आराम कर रहे थे। इसी दौरान फसल में आग लग गई। आसपास के लोगों ने पहले धुआं देखा और बाद में वहीं से लपटे दिखने लगी। आग इतनी जल्दी तेज हो गई कि किसान बाहर आए तक तक नियंत्रण से बाहर थी।
आग की लपटे देखकर आसपास के किसान मौके पर पहुंचे। ट्यूबवेल चालू करके पानी डालना शुरू भी किया लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी। ऐसे में आग पर पानी का कोई असर नहीं हुआ। फसल पूरी तरह चौपट होने के बाद पानी से आग बुझी। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
एक जगह थी ज्यादा फसल
पिछले दिनों मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज बारिश हो सकती है। ऐसे में किसानों को फसल खेत में छोड़ने के बजाय सुरक्षित स्थान पर रखनी चाहिए। ऐसे में किसानों ने एक जगह फसल रखी थी। उसी जगह आग ने पूरी फसल को चौपट कर दिया। वैसे आमतौर पर किसान फसल काटकर एक जगह पर ही रखते हैं।
नहीं है फायर ब्रिगेड
लूणकरनसर कस्बे में एक भी फायर ब्रिगेड नहीं है। ऐसे में आग लगने की स्थिति में बीकानेर के बीछवाल से फायर ब्रिगेड की गाड़ी जाती है। ये करीब साठ से सत्तर किलोमीटर दूर है। लूणकरनसर से आगे गांव में जाते-जाते ये दूरी नब्बे से सौ किलोमीटर हो जाती है।
पटवारी ने जुटाई जानकारी
ग्वार का खला जलने की जानकारी होते ही हल्का पटवारी बलवन्त सारण रात को ही मौके पर पहुंच गये। उन्होंने आग लगने से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी जुटाई।उन्होंने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट तहसीलदार व एसडीएम को देंगे।
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