29 May 2023 03:46 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
राज्य सरकार की ओर से जरूरमंदों को दो वक्त का खाना सोलए रूपये में कराने के लिये शुरू की गई इंदिरा रसोई चलाने वाली संस्थाएं भी अब बेइमानी पर उतर आई है। इसकी भनक लगने के बाद स्वायत शासन विभाग ने इन संस्थाओं पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है। बेइमानी के इस खेल में बीकानेर की पांच इंदिरा रसोईया रडार में आई है। इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि सरकार से ज्यादा से ज्यादा अनुदान की राशि उठाने और लाभ कमाने के लिए यह संस्थाएं फर्जी कूपन काटकर सरकार को दे रही है। कई संस्था संचालकों ने एक ही व्यक्ति की फोटो पर एक दिन में चार से ज्यादा कूपन काटे जा रहे है। वहीं, एक ही नंबर पर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से कूपन काटने की शिकायतें भी मिली है।
जानकारी में रहे कि जिले राज्य सरकार की अनुदान योजना के तहत बीकानेर जिले में कुल 39 इंदिरा रसोईया संचालित की जा रही है,इनमें बीकानेर नगरीय क्षेत्र में तीस,देशनोक में दो,श्रीडूंगरगढ़ और नोखा में दो-दो और खाजूवाला में एक इंदिरा रसोई चल रही है। इनमें बीकानेर शहर में पीबीएम होस्पीटल और पब्लिक पार्क में संचालित इंदिरा रसोई के अलावा श्रीडूंगरगढ़ और नोखा की इंदिरा रसोईयों के संचालने में सबसे ज्यादा गड़बड़ी की खबरें आ रही है।
-एक थाली पर मिलता है 17 रुपए का अनुदान
जाकनारी में रहे कि इंदिरा रसोई में आमजन को 8 रुपए में एक थाली खाना दिया जाता है। इसमें 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती के अलावा कुछ जगहों पर चावल भी दिए जाते है। खाना खिलाने वाली एजेंसी को एक थाली पर 8 पर खाना खाने वाले से, जबकि 17 रुपए का अनुदान अलग से सरकार देती है। रसोई संचालक को एक दिन में सुबह-शाम 100-100 व्यक्तियों यानी कुल 200 व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था होती है। नियम के मुताबिक एक दिन में एक व्यक्ति को दोनों वक्त चार 4 थाली खाना ले सकता है।
-इनका कहना है
बीकानेर शहर में इंदिरा रसोई योजना की प्रभारी एवं नगर निगम उपायुक्त सुमन शर्मा ने बताया कि बहुत सारे रसोई संचालक अच्छे से काम कर रहे हैं। कुछ संचालक गड़बड़ी करते है,इसके लिए आईटी की टीम इनके पोर्टल को लगातार चैक करती है। उसमें कई मामले सामने आते हैं। जैसे फोटो से फोटो खींच ली गई। साथ ही अलग-अलग नाम लिख दिया। अलग-अलग संख्या में कूपन काटने का प्रयास किया जाता है। गड़बड़ी प्रमाणित होने पर इनके खिलाफ नोटिस जारी कर पैनेल्टी भी लगाई जाती है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
राज्य सरकार की ओर से जरूरमंदों को दो वक्त का खाना सोलए रूपये में कराने के लिये शुरू की गई इंदिरा रसोई चलाने वाली संस्थाएं भी अब बेइमानी पर उतर आई है। इसकी भनक लगने के बाद स्वायत शासन विभाग ने इन संस्थाओं पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है। बेइमानी के इस खेल में बीकानेर की पांच इंदिरा रसोईया रडार में आई है। इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि सरकार से ज्यादा से ज्यादा अनुदान की राशि उठाने और लाभ कमाने के लिए यह संस्थाएं फर्जी कूपन काटकर सरकार को दे रही है। कई संस्था संचालकों ने एक ही व्यक्ति की फोटो पर एक दिन में चार से ज्यादा कूपन काटे जा रहे है। वहीं, एक ही नंबर पर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से कूपन काटने की शिकायतें भी मिली है।
जानकारी में रहे कि जिले राज्य सरकार की अनुदान योजना के तहत बीकानेर जिले में कुल 39 इंदिरा रसोईया संचालित की जा रही है,इनमें बीकानेर नगरीय क्षेत्र में तीस,देशनोक में दो,श्रीडूंगरगढ़ और नोखा में दो-दो और खाजूवाला में एक इंदिरा रसोई चल रही है। इनमें बीकानेर शहर में पीबीएम होस्पीटल और पब्लिक पार्क में संचालित इंदिरा रसोई के अलावा श्रीडूंगरगढ़ और नोखा की इंदिरा रसोईयों के संचालने में सबसे ज्यादा गड़बड़ी की खबरें आ रही है।
-एक थाली पर मिलता है 17 रुपए का अनुदान
जाकनारी में रहे कि इंदिरा रसोई में आमजन को 8 रुपए में एक थाली खाना दिया जाता है। इसमें 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती के अलावा कुछ जगहों पर चावल भी दिए जाते है। खाना खिलाने वाली एजेंसी को एक थाली पर 8 पर खाना खाने वाले से, जबकि 17 रुपए का अनुदान अलग से सरकार देती है। रसोई संचालक को एक दिन में सुबह-शाम 100-100 व्यक्तियों यानी कुल 200 व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था होती है। नियम के मुताबिक एक दिन में एक व्यक्ति को दोनों वक्त चार 4 थाली खाना ले सकता है।
-इनका कहना है
बीकानेर शहर में इंदिरा रसोई योजना की प्रभारी एवं नगर निगम उपायुक्त सुमन शर्मा ने बताया कि बहुत सारे रसोई संचालक अच्छे से काम कर रहे हैं। कुछ संचालक गड़बड़ी करते है,इसके लिए आईटी की टीम इनके पोर्टल को लगातार चैक करती है। उसमें कई मामले सामने आते हैं। जैसे फोटो से फोटो खींच ली गई। साथ ही अलग-अलग नाम लिख दिया। अलग-अलग संख्या में कूपन काटने का प्रयास किया जाता है। गड़बड़ी प्रमाणित होने पर इनके खिलाफ नोटिस जारी कर पैनेल्टी भी लगाई जाती है।
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