29 September 2023 08:05 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर- एग्रीकल्चर ग्रोथ ऑफ़ रूरल इंडिया के बैनर तले गुजरात राज्य के छोटा उदयपुर जिले के 40 किसानों के एक दल ने शुक्रवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। इस दौरान किसानों ने खेती में हो रहे नवाचारों का अवलोकन भी किया।
किसानों को प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र ने कृषि में आमदनी को बढ़ावा देने के लिए खेती के साथ सेकेंडरी एग्रीकल्चर यथा कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन एवं समन्वित कृषि जैसे मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन,मशरूम उत्पादन, पशु पालन एवं बागवनी को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने चुरू जिले के किसानों द्वारा खारे पानी में झींगा मछली उत्पादन कर आमदनी बढ़ाने पर चर्चा की।
कृषि संग्रहालय प्रभारी इंजी. जितेंद्र गौड़ ने सौर कुकर, बायोगैस, सोलर ड्रायर, सोलर इंसेक्ट ट्रेपर, पवन चक्की, ड्रिप इरीगेशन व फसल रक्षक पट्टी के मॉडल द्वारा इनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। सामुदायिक विज्ञान महविध्यालय की अधिष्ठाता डॉ. विमला डुंकवाल तथा नम्रता जैन ने बाजरे के बिस्किट, खांखरे व कुरकुरे बनाने का जीवंत प्रदर्शन से किसानों को रूबरू करवाया। किसानों ने विश्वविद्यालय की नर्सरी का भ्रमण कर केंचुआ खाद बनाने तथा संरक्षित खेती की जानकारी ली।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर- एग्रीकल्चर ग्रोथ ऑफ़ रूरल इंडिया के बैनर तले गुजरात राज्य के छोटा उदयपुर जिले के 40 किसानों के एक दल ने शुक्रवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। इस दौरान किसानों ने खेती में हो रहे नवाचारों का अवलोकन भी किया।
किसानों को प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र ने कृषि में आमदनी को बढ़ावा देने के लिए खेती के साथ सेकेंडरी एग्रीकल्चर यथा कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन एवं समन्वित कृषि जैसे मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन,मशरूम उत्पादन, पशु पालन एवं बागवनी को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने चुरू जिले के किसानों द्वारा खारे पानी में झींगा मछली उत्पादन कर आमदनी बढ़ाने पर चर्चा की।
कृषि संग्रहालय प्रभारी इंजी. जितेंद्र गौड़ ने सौर कुकर, बायोगैस, सोलर ड्रायर, सोलर इंसेक्ट ट्रेपर, पवन चक्की, ड्रिप इरीगेशन व फसल रक्षक पट्टी के मॉडल द्वारा इनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। सामुदायिक विज्ञान महविध्यालय की अधिष्ठाता डॉ. विमला डुंकवाल तथा नम्रता जैन ने बाजरे के बिस्किट, खांखरे व कुरकुरे बनाने का जीवंत प्रदर्शन से किसानों को रूबरू करवाया। किसानों ने विश्वविद्यालय की नर्सरी का भ्रमण कर केंचुआ खाद बनाने तथा संरक्षित खेती की जानकारी ली।
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