03 June 2021 05:48 PM
जोधपुर. कोरोना के कहर से कई लोगों को स्वर्गवासी होते हुए तो देखा है, लेकिन जिस व्यक्ति ने अपने जीवन की नई शुरूआत की उसे जीवित होने के बाद भी एक विभाग की लापरवाही से स्वर्गीय बना दिया। इतना ही नहीं गलती का पता लगने पर व्यक्ति की ओर से विभाग के चक्कर काटने के बाद भी उसका अभी तक निस्तारण नहीं किया जा रहा हैं।
ऐसा ही चौंकाने वाला एक मामला जोधपुर के मंडोर पंचायत समिति के कोकुण्डा गांव के महेश के साथ हुआ। 26 वर्षीय महेश चौधरी की शादी 12 जून 2020 को जाजीवाल खिंचिया निवासी 22 वर्षीय पूजा चौधरी के साथ सम्पन्न हुई। उस समय लॉकडाउन होने से महेश ने छह माह बाद विवाह पंजीकरण के लिए पास के गांव में 10 जनवरी 2021 को ई-मित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन दस्तावेज जमा करवाकर आवेदन किया। करीब एक माह बाद विवाह पंजीयन अधिकारी ने आवेदन का सत्यापन करके विवाह प्रमाण पत्र जारी किया। महेश ने 10 फरवरी को जब ई-मित्र से अपना विवाह प्रमाण पत्र लिया तो उसे देख उसके होश उड़ गए।
विभाग की लापरवाही से प्रमाण पत्र में उसके नाम के आगे स्वर्गीय लिख हुआ अंकित था। ऐसे में ई-मित्र संचालक से विवाह प्रमाण पत्र में संशोधन करवाने के बारे में बात करने पर उसने विभाग में जाकर सही करवाने का कह दिया। ऐसे में तीन माह से महेश विभाग के चक्कर लगा रहा है, लेकिन विभाग अपनी गलती सुधारने की बजाय उसकी सुन भी नहीं रहा हैं।
3 महीनों से विभाग के चक्कर काट रहा महेश ने बताया कि विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र में सुधार करवाने के लिए पिछले 3 माह से ग्राम पंचायत से राजीव गांधी सेवा केंद्र जोधपुर तक कई बार चक्कर लगा चुका हूं। ई-मित्र से संशोधन के लिए ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भी भेजा, लेकिन कार्यवाही नही हो पाई हैं।
इनका कहना है… मेरे विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र में अधिकारियों की लापरवाही से नाम के आगे स्वर्गीय लिख दिया गया। अब संशोधन के लिए तीन माह से भटक रहा हूं। ऐसे में संशोधन नही होने से मानसिक तौर पर भी परेशान हो रहा हूं। महेश चौधरी, कोकुण्डा, पंचायत समिति मंडोर
जोधपुर. कोरोना के कहर से कई लोगों को स्वर्गवासी होते हुए तो देखा है, लेकिन जिस व्यक्ति ने अपने जीवन की नई शुरूआत की उसे जीवित होने के बाद भी एक विभाग की लापरवाही से स्वर्गीय बना दिया। इतना ही नहीं गलती का पता लगने पर व्यक्ति की ओर से विभाग के चक्कर काटने के बाद भी उसका अभी तक निस्तारण नहीं किया जा रहा हैं।
ऐसा ही चौंकाने वाला एक मामला जोधपुर के मंडोर पंचायत समिति के कोकुण्डा गांव के महेश के साथ हुआ। 26 वर्षीय महेश चौधरी की शादी 12 जून 2020 को जाजीवाल खिंचिया निवासी 22 वर्षीय पूजा चौधरी के साथ सम्पन्न हुई। उस समय लॉकडाउन होने से महेश ने छह माह बाद विवाह पंजीकरण के लिए पास के गांव में 10 जनवरी 2021 को ई-मित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन दस्तावेज जमा करवाकर आवेदन किया। करीब एक माह बाद विवाह पंजीयन अधिकारी ने आवेदन का सत्यापन करके विवाह प्रमाण पत्र जारी किया। महेश ने 10 फरवरी को जब ई-मित्र से अपना विवाह प्रमाण पत्र लिया तो उसे देख उसके होश उड़ गए।
विभाग की लापरवाही से प्रमाण पत्र में उसके नाम के आगे स्वर्गीय लिख हुआ अंकित था। ऐसे में ई-मित्र संचालक से विवाह प्रमाण पत्र में संशोधन करवाने के बारे में बात करने पर उसने विभाग में जाकर सही करवाने का कह दिया। ऐसे में तीन माह से महेश विभाग के चक्कर लगा रहा है, लेकिन विभाग अपनी गलती सुधारने की बजाय उसकी सुन भी नहीं रहा हैं।
3 महीनों से विभाग के चक्कर काट रहा महेश ने बताया कि विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र में सुधार करवाने के लिए पिछले 3 माह से ग्राम पंचायत से राजीव गांधी सेवा केंद्र जोधपुर तक कई बार चक्कर लगा चुका हूं। ई-मित्र से संशोधन के लिए ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भी भेजा, लेकिन कार्यवाही नही हो पाई हैं।
इनका कहना है… मेरे विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र में अधिकारियों की लापरवाही से नाम के आगे स्वर्गीय लिख दिया गया। अब संशोधन के लिए तीन माह से भटक रहा हूं। ऐसे में संशोधन नही होने से मानसिक तौर पर भी परेशान हो रहा हूं। महेश चौधरी, कोकुण्डा, पंचायत समिति मंडोर
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12 November 2021 01:30 PM
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