29 January 2022 11:35 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने अपने यूट्यूब चैनल पर पिछले साल 9 मई को एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिस बारे में दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था. मुनमुन दत्ता और बबीता जी के विरुद्ध हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी.
हिसार. ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल से प्रसिद्ध हुई टीवी कलाकार मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी (Munmun Dutta-Babita Ji) की अग्रिम जमानत की याचिका हिसार की SC-ST एक्ट (SC-ST Act) के तहत स्थापित विशेष अदालत (Special Court) के जज अजय तेवतिया (Ajay tevtiya) ने खारिज कर दी है, जिससे बबीता जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है.
मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने अपने यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) पर पिछले साल 9 मई को एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिस बारे में दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था. मुनमुन दत्ता और बबीता जी के विरुद्ध हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी.
इन मुकदमों को लेकर मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सभी मुकदमों की जांच एक जगह हरियाणा के हांसी में करने की मांग की थी. इसके अतिरिक्त मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को खारिज किया जाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था. उसके बाद मुनमुन दत्ता ने फिर हाई कोर्ट का रुख कर गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी, परंतु बाद में उनके वकील ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली थी.
अब उन्होंने हिसार की एससी-एसटी एक्ट के तहत स्थापित अदालत में याचिका दायर की थी. जिस पर 25 जनवरी को दोनों पक्षों की बहस हुई थी. आज अदालत ने मुनमुन दत्ता उर्फ बबिता जी की याचिका को खारिज कर दिया. गौरतलब है कि इससे पहले भी दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कल्सन ने पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह व फ़िल्म अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ भी दलित समाज के बारे में अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने के बारे में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद उन्हें भी जमानत करानी पड़ी थी.
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने अपने यूट्यूब चैनल पर पिछले साल 9 मई को एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिस बारे में दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था. मुनमुन दत्ता और बबीता जी के विरुद्ध हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी.
हिसार. ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल से प्रसिद्ध हुई टीवी कलाकार मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी (Munmun Dutta-Babita Ji) की अग्रिम जमानत की याचिका हिसार की SC-ST एक्ट (SC-ST Act) के तहत स्थापित विशेष अदालत (Special Court) के जज अजय तेवतिया (Ajay tevtiya) ने खारिज कर दी है, जिससे बबीता जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है.
मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने अपने यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) पर पिछले साल 9 मई को एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिस बारे में दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था. मुनमुन दत्ता और बबीता जी के विरुद्ध हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी.
इन मुकदमों को लेकर मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सभी मुकदमों की जांच एक जगह हरियाणा के हांसी में करने की मांग की थी. इसके अतिरिक्त मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को खारिज किया जाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था. उसके बाद मुनमुन दत्ता ने फिर हाई कोर्ट का रुख कर गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी, परंतु बाद में उनके वकील ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली थी.
अब उन्होंने हिसार की एससी-एसटी एक्ट के तहत स्थापित अदालत में याचिका दायर की थी. जिस पर 25 जनवरी को दोनों पक्षों की बहस हुई थी. आज अदालत ने मुनमुन दत्ता उर्फ बबिता जी की याचिका को खारिज कर दिया. गौरतलब है कि इससे पहले भी दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कल्सन ने पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह व फ़िल्म अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ भी दलित समाज के बारे में अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने के बारे में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद उन्हें भी जमानत करानी पड़ी थी.
RELATED ARTICLES
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com