20 January 2023 12:49 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
कुल्हाड़ी से हमला करके अपनी पत्नी की हत्या करने वाले पति को आठ साल बाद अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। मामला कालू गांव के नाथवाणा स्थित चक 4 एलकेडी से जुड़ा हुआ है। सजा के साथ ही पति को पच्चीस हजार रुपए का अर्थदंड भी देना होगा, जो जमा नहीं कराने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
चक चार एलकेडी में 25 अगस्त 2013 को मुखरामदास स्वामी ने अपनी पत्नी सरोज के सिर में कुल्हाड़ीसे वार कर दिया था। उसकी मौत हो गई। सुबह दूधवाला मौके पर पहुंचा तो सरोज का शव घर में पड़ा मिला। बाद में परिजनों को सूचना दी गई, पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। शादी के महज तीन साल बाद ही सरोज और मुखराम दास में विवाद हो गया था। आरोप था कि पति के साथ ससुर ओमदास और सास सरोज भी उसे दहेज के लिए परेशान करते थे। चौबीस अगस्त की रात से सुबह आठ बजे के बीच सरोज की हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की और बीस नवम्बर 13 को मुखरामदास के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया गया।
अब महिला उत्पीड़न न्यायालय की पीठासीन अधिकारी रेशमा आर्य ने मामले की सुनवाई की और मुखरामदास को हत्या का दोषी मानकर उम्र कैद की सजा सुना दी। इस मामले मेंपरिवादी की ओर से ओपी हर्ष और राज्य की ओर से एपीपी वाहिद अली ने पैरवी की।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
कुल्हाड़ी से हमला करके अपनी पत्नी की हत्या करने वाले पति को आठ साल बाद अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। मामला कालू गांव के नाथवाणा स्थित चक 4 एलकेडी से जुड़ा हुआ है। सजा के साथ ही पति को पच्चीस हजार रुपए का अर्थदंड भी देना होगा, जो जमा नहीं कराने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
चक चार एलकेडी में 25 अगस्त 2013 को मुखरामदास स्वामी ने अपनी पत्नी सरोज के सिर में कुल्हाड़ीसे वार कर दिया था। उसकी मौत हो गई। सुबह दूधवाला मौके पर पहुंचा तो सरोज का शव घर में पड़ा मिला। बाद में परिजनों को सूचना दी गई, पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। शादी के महज तीन साल बाद ही सरोज और मुखराम दास में विवाद हो गया था। आरोप था कि पति के साथ ससुर ओमदास और सास सरोज भी उसे दहेज के लिए परेशान करते थे। चौबीस अगस्त की रात से सुबह आठ बजे के बीच सरोज की हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की और बीस नवम्बर 13 को मुखरामदास के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया गया।
अब महिला उत्पीड़न न्यायालय की पीठासीन अधिकारी रेशमा आर्य ने मामले की सुनवाई की और मुखरामदास को हत्या का दोषी मानकर उम्र कैद की सजा सुना दी। इस मामले मेंपरिवादी की ओर से ओपी हर्ष और राज्य की ओर से एपीपी वाहिद अली ने पैरवी की।
RELATED ARTICLES
18 September 2025 12:36 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com