20 November 2022 12:24 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
राज्य में बाड़मेर के बाद अब बीकानेर-जैसलमेर बेल्ट तेल-गैस उत्पादन करने वाला एरिया बनेगा। बीकानेर बॉर्डर पर जैसलमेर के बाघेवाला में रोजाना 338 बैरल भारी ऑयल निकल रहा है जिससे हर महीने लाखों रुपए रायल्टी मिल रही है। इसे देखते हुए तेल कंपनियों ने यहां बड़े स्तर पर खोज का काम शुरू कर दिया है।
ऑयल इंडिया ने बीकानेर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर के 9883.94 स्क्वायर किमी एरिया में पांच लीज (पीईएल) ली है जहां क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की खोज का काम चल रहा है। इनमें बीकानेर के खाजूवाला, लूणकरणसर और बीकानेर तहसील का 3016.34 स्क्वेयर किमी एरिया भी शामिल है
बीकानेर-जैसलमेर के बाघेवाला एरिया में 210 स्क्वायर किमी में कंपनी ने एक माइनिंग लीज (पीएमएल) भी ले रखी है जहां रोजाना 338 बैरल भारी ऑयल निकाला जा रहा है। यह ऑयल गुजरात की कोयली रिफाइनरी जाता है। संभावना पर पीईएल और उत्पादन के लिए पीएमएल
पेट्रोलियम विभाग तेल-गैस की खोज करने वाली कंपनियों को दो तरह की लीज जारी करता है। तेल कंपनियों को जब किसी एरिया में संभावना नजर आती है तो उन्हें खोज का काम करने के लिए एरिया बताते हुए पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लीज (पीईएल) जारी की जाती है। खोज के बाद कंपनियां तेल-गैस मौजूदगी वाली जगह चिह्नित कर लेती हैं जहां उत्पादन करने के लिए पेट्रोलियम माइनिंग लीज दी जाती है। अब सीधे ही छोटे एरिया में उत्पादन की अनुमति के लिए डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड स्कीम शुरू की गई है। ऑयल इंडिया ने इसी स्कीम में जैसलमेर के सादेवाला में 66.67 किमी एरिया के लिए आवेदन किया है।
कहां, कितने एरिया में पीएमएल-पीईएल
बीकानेर-जैसलमेर पीएमएल बाघेवाला में 210 स्क्वेयर किमी एरिया में क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की लीज है जिसमें रोजाना 338 बैरल ऑयल निकल रहा है। राज्य सरकार को अप्रैल से सितंबर तक 2.10 करोड़ रुपए की रायल्टी मिली है।
जैसलमेर पीएमएल : तनोट के डांडेवाला में 250 स्क्वेयर किमी एरिया में क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की लीज है जहां .49 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन हो रहा है। इससे अप्रैल से सितंबर तक 2.10 करोड़ रुपए रॉयल्टी मिली है।
पांच जगह पीईएल: बीकानेर-जैसलमेर के 515.91 स्क्वेयर किमी, बीकानेर-श्रीगंगानगर के 3012.13 स्क्वेयर किमी, बीकानेर में 3016.34 स्क्वेयर किमी, बीकानेर-जोधपुर के 1520.08 किमी एरिया और जैसलमेर के ही 1819.94 किमी एरिया में।
माइंस एवं पेट्रोलियम एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल से बातचीत
Q. राज्य में बाड़मेर के बाद कहां तेल-गैस उत्पादन होने जा रहा है? A. बीकानेर-नागौर बेसिन में तेल-गैस मिलने की प्रबल संभावना है। बीकानेर-जैसलमेर के बाघेवाला में पीएमएल से भारी तेल का उत्पादन हो रहा है।
Q. बीकानेर बेल्ट में क्या संभावनाएं हैं?
A. पीईएल से कच्चे तेल व प्राकृतिक गैस की खोज की जा रही है। क्षेत्र में भंडार मिलने और उत्पादन की पूरी संभावना है।
Q. सरकार की क्या नीति है?
A. हाइड्रोकार्बन पर नियम बनाने का पूरा अधिकार केन्द्र सरकार को है। राज्य सरकार उसी के अनुरूप काम करती है।
वर्ष, 25 तक राजस्थान में 663 करोड़ रुपए खनन और खोज में निवेश किए जाएंगे। इनमें से 130 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है।
-डॉ. रणजीत रथ, सीएमडी ऑयल इंडिया
करीब सात-आठ सौ करोड़ का प्रोजेक्ट है। 24 जून तक यह टारगेट पूरा कर लिया जाएगा। बाघेवाला जैसा ऑयल देश में कहीं नहीं है। ऑयल इतना हेवी है कि अपने आप मूव नहीं कर सकता। बीकानेर बेल्ट में तेल-गेस की मात्रा का पता खोज का प्रोसेस पूरा होने के बाद ही चल पाएगा।
-एसके सिंह, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑयल इंडिया
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
राज्य में बाड़मेर के बाद अब बीकानेर-जैसलमेर बेल्ट तेल-गैस उत्पादन करने वाला एरिया बनेगा। बीकानेर बॉर्डर पर जैसलमेर के बाघेवाला में रोजाना 338 बैरल भारी ऑयल निकल रहा है जिससे हर महीने लाखों रुपए रायल्टी मिल रही है। इसे देखते हुए तेल कंपनियों ने यहां बड़े स्तर पर खोज का काम शुरू कर दिया है।
ऑयल इंडिया ने बीकानेर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर के 9883.94 स्क्वायर किमी एरिया में पांच लीज (पीईएल) ली है जहां क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की खोज का काम चल रहा है। इनमें बीकानेर के खाजूवाला, लूणकरणसर और बीकानेर तहसील का 3016.34 स्क्वेयर किमी एरिया भी शामिल है
बीकानेर-जैसलमेर के बाघेवाला एरिया में 210 स्क्वायर किमी में कंपनी ने एक माइनिंग लीज (पीएमएल) भी ले रखी है जहां रोजाना 338 बैरल भारी ऑयल निकाला जा रहा है। यह ऑयल गुजरात की कोयली रिफाइनरी जाता है। संभावना पर पीईएल और उत्पादन के लिए पीएमएल
पेट्रोलियम विभाग तेल-गैस की खोज करने वाली कंपनियों को दो तरह की लीज जारी करता है। तेल कंपनियों को जब किसी एरिया में संभावना नजर आती है तो उन्हें खोज का काम करने के लिए एरिया बताते हुए पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लीज (पीईएल) जारी की जाती है। खोज के बाद कंपनियां तेल-गैस मौजूदगी वाली जगह चिह्नित कर लेती हैं जहां उत्पादन करने के लिए पेट्रोलियम माइनिंग लीज दी जाती है। अब सीधे ही छोटे एरिया में उत्पादन की अनुमति के लिए डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड स्कीम शुरू की गई है। ऑयल इंडिया ने इसी स्कीम में जैसलमेर के सादेवाला में 66.67 किमी एरिया के लिए आवेदन किया है।
कहां, कितने एरिया में पीएमएल-पीईएल
बीकानेर-जैसलमेर पीएमएल बाघेवाला में 210 स्क्वेयर किमी एरिया में क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की लीज है जिसमें रोजाना 338 बैरल ऑयल निकल रहा है। राज्य सरकार को अप्रैल से सितंबर तक 2.10 करोड़ रुपए की रायल्टी मिली है।
जैसलमेर पीएमएल : तनोट के डांडेवाला में 250 स्क्वेयर किमी एरिया में क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की लीज है जहां .49 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन हो रहा है। इससे अप्रैल से सितंबर तक 2.10 करोड़ रुपए रॉयल्टी मिली है।
पांच जगह पीईएल: बीकानेर-जैसलमेर के 515.91 स्क्वेयर किमी, बीकानेर-श्रीगंगानगर के 3012.13 स्क्वेयर किमी, बीकानेर में 3016.34 स्क्वेयर किमी, बीकानेर-जोधपुर के 1520.08 किमी एरिया और जैसलमेर के ही 1819.94 किमी एरिया में।
माइंस एवं पेट्रोलियम एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल से बातचीत
Q. राज्य में बाड़मेर के बाद कहां तेल-गैस उत्पादन होने जा रहा है? A. बीकानेर-नागौर बेसिन में तेल-गैस मिलने की प्रबल संभावना है। बीकानेर-जैसलमेर के बाघेवाला में पीएमएल से भारी तेल का उत्पादन हो रहा है।
Q. बीकानेर बेल्ट में क्या संभावनाएं हैं?
A. पीईएल से कच्चे तेल व प्राकृतिक गैस की खोज की जा रही है। क्षेत्र में भंडार मिलने और उत्पादन की पूरी संभावना है।
Q. सरकार की क्या नीति है?
A. हाइड्रोकार्बन पर नियम बनाने का पूरा अधिकार केन्द्र सरकार को है। राज्य सरकार उसी के अनुरूप काम करती है।
वर्ष, 25 तक राजस्थान में 663 करोड़ रुपए खनन और खोज में निवेश किए जाएंगे। इनमें से 130 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है।
-डॉ. रणजीत रथ, सीएमडी ऑयल इंडिया
करीब सात-आठ सौ करोड़ का प्रोजेक्ट है। 24 जून तक यह टारगेट पूरा कर लिया जाएगा। बाघेवाला जैसा ऑयल देश में कहीं नहीं है। ऑयल इतना हेवी है कि अपने आप मूव नहीं कर सकता। बीकानेर बेल्ट में तेल-गेस की मात्रा का पता खोज का प्रोसेस पूरा होने के बाद ही चल पाएगा।
-एसके सिंह, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑयल इंडिया
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