09 March 2024 06:37 PM
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती को लेकर कहा जा रहा था कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती हैं और अपने पुराने वादे को पलट सकती हैं. हालांकि उन्होंने इस तरह की खबरों को अफवाह बताया है.
साथ ही साथ दावा किया है कि उनकी पार्टी अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है. वह किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी. मायावती की पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था.
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीएसपी देश में लोकसभा का आम चुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ रही है. ऐसे में चुनावी गठबंधन या तीसरा मोर्चा बनाने की अफवाह फैलाना यह घोर फेक व गलत न्यूज है. मीडिया ऐसी शरारतपूर्ण खबरें देकर अपनी विश्वसनीयता न खोए. लोग भी सावधान रहें.’
उन्होंने कहा, ‘यूपी में बीएसपी के काफी मजबूती के साथ अकेले चुनाव लड़ने के कारण विरोधी लोग काफी बेचैन लगते हैं इसलिए ये आए दिन किस्म-किस्म की अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं, लेकिन बहुजन समाज के हित में बीएसपी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अटल है.’
मायावती ने तेलंगाना में बीआरएस से किया है गठबंधन
सियासी गलियारों में चर्चा थी कि मायावती कांग्रेस से हाथ मिला सकती हैं और उनकी पार्टी यूपी के अलावा अन्य राज्यों में भी गठबंधन को लेकर साथी की तलाश में है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा था कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने अकेले दम पर चुनावी अखाड़े में उतरने का फैसला किया था, लेकिन बाद में सभी को चौंका दिया था. उन्होंने अपने धुर विरोधी समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था. इस बार भी मायावती ने कुछ सप्ताह पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया था कि उनका पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी.
कहा जा रहा था कि बीएसपी और कांग्रेस के गठबंधन से दोनों पार्टियों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फायदा मिलेगा. अगर गठबंधन हो जाता तो दलित-मुस्लिम गठजोड़ का फायदा मिल सकता था. बीएसपी ने लोकसभा चुनाव के लिए तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से गठबंधन किया है. दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही हैं.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती को लेकर कहा जा रहा था कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती हैं और अपने पुराने वादे को पलट सकती हैं. हालांकि उन्होंने इस तरह की खबरों को अफवाह बताया है.
साथ ही साथ दावा किया है कि उनकी पार्टी अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है. वह किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी. मायावती की पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था.
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीएसपी देश में लोकसभा का आम चुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ रही है. ऐसे में चुनावी गठबंधन या तीसरा मोर्चा बनाने की अफवाह फैलाना यह घोर फेक व गलत न्यूज है. मीडिया ऐसी शरारतपूर्ण खबरें देकर अपनी विश्वसनीयता न खोए. लोग भी सावधान रहें.’
उन्होंने कहा, ‘यूपी में बीएसपी के काफी मजबूती के साथ अकेले चुनाव लड़ने के कारण विरोधी लोग काफी बेचैन लगते हैं इसलिए ये आए दिन किस्म-किस्म की अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं, लेकिन बहुजन समाज के हित में बीएसपी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अटल है.’
मायावती ने तेलंगाना में बीआरएस से किया है गठबंधन
सियासी गलियारों में चर्चा थी कि मायावती कांग्रेस से हाथ मिला सकती हैं और उनकी पार्टी यूपी के अलावा अन्य राज्यों में भी गठबंधन को लेकर साथी की तलाश में है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा था कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने अकेले दम पर चुनावी अखाड़े में उतरने का फैसला किया था, लेकिन बाद में सभी को चौंका दिया था. उन्होंने अपने धुर विरोधी समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था. इस बार भी मायावती ने कुछ सप्ताह पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया था कि उनका पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी.
कहा जा रहा था कि बीएसपी और कांग्रेस के गठबंधन से दोनों पार्टियों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फायदा मिलेगा. अगर गठबंधन हो जाता तो दलित-मुस्लिम गठजोड़ का फायदा मिल सकता था. बीएसपी ने लोकसभा चुनाव के लिए तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से गठबंधन किया है. दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही हैं.
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