23 April 2022 01:44 PM
जोग संजोग टाइम्स,
जोधपुर में भ्रूण परीक्षण को गोरखधंधा बना कर बैठे एक हिस्ट्रिसीटर डॉक्टर को भ्रूण परीक्षण कारनामे के लिए 5वीं बार गिरफ्तार किया गया है. बालिका भ्रूण हत्या रोकने व लिंगानुपात बढ़ाने के लिए राज्य पीसीपीएनडीटी टीम भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों पर लगातार कार्यवाही करते हुए आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसने का कार्य कर रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पीसीपीएनडीटी सेल जोधपुर टीम की सूचना पर जोधपुर में बड़ी डिकॉय कार्यवाही को अंजाम देते हुये लिंग भ्रूण जांच के सरगना डॉ. इम्तियाज खान को पांचवीं बार अवैध अपंजीकृत पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन (मोबाइल मशीन) से एक घर में भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुये गिरफ्तार किया.
डॉक्टर के अलावा एक दलाल व एक अन्य व्यक्ति सहित कुल तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी डॉक्टर भ्रूण परीक्षण के चक्कर में अपनी सरकारी नौकरी तक गंवा चुका है, लेकिन बावजूद इसके उसने भ्रूण परीक्षण करना बंद नहीं किया. आरोपी को पकड़ने वाले अधिकारी ने बताया कि आरोपी एक बार तो चलती ट्रेन में भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा गया था. अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी द्वारा एक राज्य स्तरीय टीम का गठन किया गया. यह टीम जोधपुर टीम के साथ मिलकर पिछले दो दिन से मामले की तह तक पहुंचने के लिए लगी हुई थी.
50-90 हजार रुपए में करता था जांच
पीसीपीएनडीटी की जोधपुर व जयपुर की टीम ने पाल रोड क्षेत्र में एक किराए के मकान में छापा मारकर शुक्रवार को डॉ. इम्तियाज को भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा. इस तरह के मामलों में वह पहले भी चार बार पकड़ा गया है. इम्तियाज अपंजीकृत पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन के जरिये 50 से 90 हजार रुपए में भ्रूण परीक्षण करता था. इसके लिए वह दलाल के जरिए सौदा तय करता था.
दिल्ली से खरीदी मशीन
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी डॉ. इम्तियाज ने बताया कि उसने भ्रूण लिंग जांच की मशीन दिल्ली से खरीदी थी, जिसकी कीमत दो से ढाई लाख रुपए बताई जा रही है.
इस डिकॉय कार्यवाही में यह टीम रही शामिल
इस डिकॉय ऑपरेशन में पीसीपीएनडीटी थानाधिकारी मनोहर सिंह, जितेंद्र गंगवानी, जोधपुर जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक सरला दाधीच, पाली पीसीपीएनडीटी कॉर्डिनेटर महेश, कानिस्टेबल मुकेश कैलाश योगी, शानू व सहयोगी रामप्रताप आदि शामिल रहे.
कब-कब पकड़ा गया आरोपी डॉक्टर
पहली बार: सबसे पहली बार डॉक्टर इम्तियाज की गिरफ्तारी 7 अक्टूबर 2016 को हुई थी, जब वह भैरों सिंह के घर पर भ्रूण परीक्षण करते वक्त रंगे हाथों पकड़ा गया था. उस वक्त आरोपी डॉक्टर बालेसर के सीएचसी के प्रभारी पद पर नियुक्त था. गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया था.
दूसरी बार आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी 21 मई 2017 को दलाल साथी हनुमान ज्याणी के घर पर हुई. डॉक्टर ने उस समय अपने साथी सदस्यों संजय त्यागी, सोहन जाट और राजू के जरिए गर्भवती को बुलाया. गर्भवती की जांच के समय ही पुलिस ने मौके पर गिरफ्तार कर डॉक्टर को जेल भेज दिया.
तीसरी बार जेल से बाहर आते ही डॉक्टर इम्तियाज ने गर्भवती महिला को अपने गैंग की सहायता से पहले झुंझुनूं, फिर सीकर, फिर नागौर और बाद में जोधपुर बुलाया. रेलवे स्टेशन के पास चलती हुई गाड़ी में भ्रूण जांच की कोशिश की, लेकिन चलती गाड़ी में भी पुलिस ने उस धर दबोचा.
चौथी बार डॉक्टर की गिरफ्तारी 9 सितंबर, 2018 को दलाल फतेह किशन के साथ महामंदिर स्थित एक मकान में एक गर्भवती का भ्रूण परीक्षण करते हुई.
भ्रूण परीक्षण पर क्या है सजा का प्रावधान
पहली बार कानून का उल्लंघन करने पर 3 साल की कैद व 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की कैद व 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है. लिंग की जांच करने का दोषी पाए जाने पर क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. वहीं धारा 313 के अनुसार महिला की सहमति के बिना गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने की सजा दी जा सकती है.
धारा 314 के अनुसार गर्भपात के दौरान स्त्री की मौत हो जाने पर 10 साल का कारावास या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है. धारा 315 के अनुसार नवजात को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसको मारने की कोशिश करने का अपराध करने पर 10 साल की सजा या जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है
जोग संजोग टाइम्स,
जोधपुर में भ्रूण परीक्षण को गोरखधंधा बना कर बैठे एक हिस्ट्रिसीटर डॉक्टर को भ्रूण परीक्षण कारनामे के लिए 5वीं बार गिरफ्तार किया गया है. बालिका भ्रूण हत्या रोकने व लिंगानुपात बढ़ाने के लिए राज्य पीसीपीएनडीटी टीम भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों पर लगातार कार्यवाही करते हुए आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसने का कार्य कर रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पीसीपीएनडीटी सेल जोधपुर टीम की सूचना पर जोधपुर में बड़ी डिकॉय कार्यवाही को अंजाम देते हुये लिंग भ्रूण जांच के सरगना डॉ. इम्तियाज खान को पांचवीं बार अवैध अपंजीकृत पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन (मोबाइल मशीन) से एक घर में भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुये गिरफ्तार किया.
डॉक्टर के अलावा एक दलाल व एक अन्य व्यक्ति सहित कुल तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी डॉक्टर भ्रूण परीक्षण के चक्कर में अपनी सरकारी नौकरी तक गंवा चुका है, लेकिन बावजूद इसके उसने भ्रूण परीक्षण करना बंद नहीं किया. आरोपी को पकड़ने वाले अधिकारी ने बताया कि आरोपी एक बार तो चलती ट्रेन में भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा गया था. अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी द्वारा एक राज्य स्तरीय टीम का गठन किया गया. यह टीम जोधपुर टीम के साथ मिलकर पिछले दो दिन से मामले की तह तक पहुंचने के लिए लगी हुई थी.
50-90 हजार रुपए में करता था जांच
पीसीपीएनडीटी की जोधपुर व जयपुर की टीम ने पाल रोड क्षेत्र में एक किराए के मकान में छापा मारकर शुक्रवार को डॉ. इम्तियाज को भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा. इस तरह के मामलों में वह पहले भी चार बार पकड़ा गया है. इम्तियाज अपंजीकृत पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन के जरिये 50 से 90 हजार रुपए में भ्रूण परीक्षण करता था. इसके लिए वह दलाल के जरिए सौदा तय करता था.
दिल्ली से खरीदी मशीन
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी डॉ. इम्तियाज ने बताया कि उसने भ्रूण लिंग जांच की मशीन दिल्ली से खरीदी थी, जिसकी कीमत दो से ढाई लाख रुपए बताई जा रही है.
इस डिकॉय कार्यवाही में यह टीम रही शामिल
इस डिकॉय ऑपरेशन में पीसीपीएनडीटी थानाधिकारी मनोहर सिंह, जितेंद्र गंगवानी, जोधपुर जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक सरला दाधीच, पाली पीसीपीएनडीटी कॉर्डिनेटर महेश, कानिस्टेबल मुकेश कैलाश योगी, शानू व सहयोगी रामप्रताप आदि शामिल रहे.
कब-कब पकड़ा गया आरोपी डॉक्टर
पहली बार: सबसे पहली बार डॉक्टर इम्तियाज की गिरफ्तारी 7 अक्टूबर 2016 को हुई थी, जब वह भैरों सिंह के घर पर भ्रूण परीक्षण करते वक्त रंगे हाथों पकड़ा गया था. उस वक्त आरोपी डॉक्टर बालेसर के सीएचसी के प्रभारी पद पर नियुक्त था. गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया था.
दूसरी बार आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी 21 मई 2017 को दलाल साथी हनुमान ज्याणी के घर पर हुई. डॉक्टर ने उस समय अपने साथी सदस्यों संजय त्यागी, सोहन जाट और राजू के जरिए गर्भवती को बुलाया. गर्भवती की जांच के समय ही पुलिस ने मौके पर गिरफ्तार कर डॉक्टर को जेल भेज दिया.
तीसरी बार जेल से बाहर आते ही डॉक्टर इम्तियाज ने गर्भवती महिला को अपने गैंग की सहायता से पहले झुंझुनूं, फिर सीकर, फिर नागौर और बाद में जोधपुर बुलाया. रेलवे स्टेशन के पास चलती हुई गाड़ी में भ्रूण जांच की कोशिश की, लेकिन चलती गाड़ी में भी पुलिस ने उस धर दबोचा.
चौथी बार डॉक्टर की गिरफ्तारी 9 सितंबर, 2018 को दलाल फतेह किशन के साथ महामंदिर स्थित एक मकान में एक गर्भवती का भ्रूण परीक्षण करते हुई.
भ्रूण परीक्षण पर क्या है सजा का प्रावधान
पहली बार कानून का उल्लंघन करने पर 3 साल की कैद व 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की कैद व 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है. लिंग की जांच करने का दोषी पाए जाने पर क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. वहीं धारा 313 के अनुसार महिला की सहमति के बिना गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने की सजा दी जा सकती है.
धारा 314 के अनुसार गर्भपात के दौरान स्त्री की मौत हो जाने पर 10 साल का कारावास या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है. धारा 315 के अनुसार नवजात को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसको मारने की कोशिश करने का अपराध करने पर 10 साल की सजा या जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है
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