20 December 2022 11:58 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
चीन में कोरोना प्रतिबंधों में ढील के बाद वहां संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद केसेस में भारी इजाफा हो रहा है। हालात इतने गंभीर हैं कि अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। दवाएं नहीं हैं, जहां हैं भी वहां लंबी लाइन लगानी पड़ रही है।
बीजिंग में श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोरोना केस दिनों नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं।
अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने सोशल मीडिया पर चीन के चौंकाने वाले वीडियोज शेयर किए हैं। इनमें अस्पतालों, श्मशानों और मेडिकल स्टोर्स के चिंताजनक हालात दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कोरोना पर बड़ी चेतावनी दी है। कहा कि 90 महीने में चीन की 60% आबादी और दुनिया के 10% लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है।
भास्कर ने चीन में अचानक केसेस बढ़ने की वजह जानने के लिए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में इंटरनेशनल हेल्थ एडवाइजर डॉ. रामशंकर उपाध्याय से बात की। डॉ. उपाध्याय ने चीन में अचानक केसेस बढ़ने की 4 वजहें बताईं...
1. सबसे बड़ी वजह प्रतिबंधों का खत्म होना
डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि विश्व की आबादी का 12% हिस्सा लगभग चीन में है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रशासन ने जो प्रतिबंध खत्म किए हैं, अचानक केसेस बढ़ने की वजह यही है।
2. आइसोलेशन के भरोसे ही था चीन, इसीलिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर ही रहा
उन्होंने कहा कि अब तक चीन जीरो कोविड पॉलिसी पर टिका हुआ था। उसका पूरा कोरोना मैनेजमेंट आइसोलेशन के इर्द-गिर्द ही था। उसने अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को कोरोना के हिसाब से डेवलप भी नहीं किया।
3. वैक्सीनेशन सिर्फ 38%, 65 पार वालों में सिर्फ 10%...इम्यूनिटी डेवलप नहीं हुई
डॉ. उपाध्याय ने कहा कि चीन में अब तक वैक्सीनेशन 38% ही हुआ है। 65 की उम्र से अधिक के लोगों में ये 10% ही है। जीरो कोविड पॉलिसी के कारण लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम भी डेवलप नहीं हो पाया। ऐसे में अब लोगों के एक साथ बाहर निकलने के कारण वहां कोरोना विस्फोट तो होना ही था। हालांकि, चीन का दावा है कि उनकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है।
4. भारत में खतरा नहीं, क्योंकि वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं
क्या भारत को भी खतरा है। इस सवाल पर डॉ. उपाध्याय कहते हैं, "भारत जैसे देश को खतरा नहीं है। क्योंकि, हमारे देश में वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं। लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। कोरोना तो भारत में भी हर जगह होगा, लेकिन वह अब हम पर इसीलिए असर नहीं कर रहा। अब फिरा कोरोना का भारत में खतरा नहीं है।'
चीन पर एक्सपर्ट और साइंटिस्ट की 3 चेतावनियां
1. छुट्टियों के चलते जनवरी में दूसरी लहर आएगी
चीन में एक हफ्ते का लूनर ईयर सेलिब्रेशन चलता है। तब लाखों लोग देश में आते-जाते हैं।
महामारी विशेषज्ञ वू जुनयू की मानें तो अभी चीन में संभावित तीन लहरों में से पहली लहर चल रही है। इसके बाद दूसरी लहर जनवरी माह के बीच आएगी। इस वक्त देश में एक हफ्ते का लूनर ईयर सेलिब्रेशन चलता है, जिससे लाखों लोग देश में आते-जाते हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मार्च के बीच आ सकती है। इस समय सभी लोग अपनी छुट्टियां मानकर वापस लौटते हैं। ऐसे में ज्यादा लोग इन्फेक्शन रिपोर्ट कर सकते हैं।
2. अप्रैल 2023 में आएगा पीक, लाखों मौतों की आशंका
चीन में कोरोना से होने वाली मौतों के बारे में हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुई है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेलुएशन (IHMI) ने अनुमान लगाया है कि 2023 तक चीन में कोरोना के कारण 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होगी। ये अनुमान चीन में कोविड प्रतिबंधों के खात्मे के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लगाए गए हैं।
रिपोर्ट की मानें तो चीन में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना मामलों का पीक आएगा। उस समय तक मौतों की संख्या 3 लाख 22 हजार तक पहुंचने की आशंका है। IHMI के डायरेक्टर क्रिस्टोफर मुर्रे के अनुसार अप्रैल तक चीन की एक तिहाई आबादी को कोरोना का संक्रमण हो चुका होगा।
3. चीन में लोगों को वैक्सीनेशन पर भरोसा नहीं, 50% बुजुर्ग वैक्सीनेटेड नहीं
चीन का कहना है कि 90% आबादी को वैक्सीन के सारे डोज लग चुके हैं।
चीन का कहना है कि उसकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड हैं, लेकिन 80 साल की उम्र से ज्यादा के लगभग 50% लोगों का ही वैक्सीनेशन पूरा हुआ है। गंभीर इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा डर इन्हें ही है।
इसकी बड़ी वजह लोगों का वैक्सीन पर भरोसा न होना है। कुछ में इसके साइड इफेक्ट्स नजर आ रहे हैं, जो बाकी लोगों को खुराक लेने के लिए डिमोटिवेट करते हैं। ये खासकर बुजुर्गों में ज्यादा हो रहा है। ऐसे लोगों का कहना है कि वैक्सीन लेने के बजाय वायरस का सामना करना ज्यादा पसंद करेंगे। इसके अलावा सरकार ने भी वैक्सीनेशन कंपलसरी नहीं किया है।
1. चीन में कोरोना की 3 लहरें आएंगी: अगले साल 10 लाख मौतों की आशंका; लोग फिर भी वैक्सीन से हिचकिचा रहेचीन में सख्त प्रतिबंध खत्म होने के बाद एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। रविवार को यहां दो हजार मरीजों की पुष्टि हुई, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। चूंकि सर्दियों में संक्रमण ज्यादा फैलेगा, इसलिए अगले साल 10 लाख मौतें होने की आशंका भी है 2.चीन में कोरोना से दस लाख मौत होने का अनुमान: अमेरिकी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में किया गया दावा, अप्रैल में आएगा पीक 3. लॉकडाउन हटने के बाद चीन में कोरोना बढ़ा:डॉक्टर्स भी संक्रमित, सरकार बोली- ओमिक्रॉन खतरा नहीं इसलिए तो ढील दी चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी के विरोध के बाद सरकार ने ढील दी और लॉकडाउन हटा दिया, लेकिन अब यहां स्थिति खराब होती नजर आ रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
चीन में कोरोना प्रतिबंधों में ढील के बाद वहां संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद केसेस में भारी इजाफा हो रहा है। हालात इतने गंभीर हैं कि अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। दवाएं नहीं हैं, जहां हैं भी वहां लंबी लाइन लगानी पड़ रही है।
बीजिंग में श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोरोना केस दिनों नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं।
अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने सोशल मीडिया पर चीन के चौंकाने वाले वीडियोज शेयर किए हैं। इनमें अस्पतालों, श्मशानों और मेडिकल स्टोर्स के चिंताजनक हालात दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कोरोना पर बड़ी चेतावनी दी है। कहा कि 90 महीने में चीन की 60% आबादी और दुनिया के 10% लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है।
भास्कर ने चीन में अचानक केसेस बढ़ने की वजह जानने के लिए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में इंटरनेशनल हेल्थ एडवाइजर डॉ. रामशंकर उपाध्याय से बात की। डॉ. उपाध्याय ने चीन में अचानक केसेस बढ़ने की 4 वजहें बताईं...
1. सबसे बड़ी वजह प्रतिबंधों का खत्म होना
डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि विश्व की आबादी का 12% हिस्सा लगभग चीन में है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रशासन ने जो प्रतिबंध खत्म किए हैं, अचानक केसेस बढ़ने की वजह यही है।
2. आइसोलेशन के भरोसे ही था चीन, इसीलिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर ही रहा
उन्होंने कहा कि अब तक चीन जीरो कोविड पॉलिसी पर टिका हुआ था। उसका पूरा कोरोना मैनेजमेंट आइसोलेशन के इर्द-गिर्द ही था। उसने अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को कोरोना के हिसाब से डेवलप भी नहीं किया।
3. वैक्सीनेशन सिर्फ 38%, 65 पार वालों में सिर्फ 10%...इम्यूनिटी डेवलप नहीं हुई
डॉ. उपाध्याय ने कहा कि चीन में अब तक वैक्सीनेशन 38% ही हुआ है। 65 की उम्र से अधिक के लोगों में ये 10% ही है। जीरो कोविड पॉलिसी के कारण लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम भी डेवलप नहीं हो पाया। ऐसे में अब लोगों के एक साथ बाहर निकलने के कारण वहां कोरोना विस्फोट तो होना ही था। हालांकि, चीन का दावा है कि उनकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है।
4. भारत में खतरा नहीं, क्योंकि वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं
क्या भारत को भी खतरा है। इस सवाल पर डॉ. उपाध्याय कहते हैं, "भारत जैसे देश को खतरा नहीं है। क्योंकि, हमारे देश में वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं। लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। कोरोना तो भारत में भी हर जगह होगा, लेकिन वह अब हम पर इसीलिए असर नहीं कर रहा। अब फिरा कोरोना का भारत में खतरा नहीं है।'
चीन पर एक्सपर्ट और साइंटिस्ट की 3 चेतावनियां
1. छुट्टियों के चलते जनवरी में दूसरी लहर आएगी
चीन में एक हफ्ते का लूनर ईयर सेलिब्रेशन चलता है। तब लाखों लोग देश में आते-जाते हैं।
महामारी विशेषज्ञ वू जुनयू की मानें तो अभी चीन में संभावित तीन लहरों में से पहली लहर चल रही है। इसके बाद दूसरी लहर जनवरी माह के बीच आएगी। इस वक्त देश में एक हफ्ते का लूनर ईयर सेलिब्रेशन चलता है, जिससे लाखों लोग देश में आते-जाते हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मार्च के बीच आ सकती है। इस समय सभी लोग अपनी छुट्टियां मानकर वापस लौटते हैं। ऐसे में ज्यादा लोग इन्फेक्शन रिपोर्ट कर सकते हैं।
2. अप्रैल 2023 में आएगा पीक, लाखों मौतों की आशंका
चीन में कोरोना से होने वाली मौतों के बारे में हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुई है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेलुएशन (IHMI) ने अनुमान लगाया है कि 2023 तक चीन में कोरोना के कारण 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होगी। ये अनुमान चीन में कोविड प्रतिबंधों के खात्मे के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लगाए गए हैं।
रिपोर्ट की मानें तो चीन में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना मामलों का पीक आएगा। उस समय तक मौतों की संख्या 3 लाख 22 हजार तक पहुंचने की आशंका है। IHMI के डायरेक्टर क्रिस्टोफर मुर्रे के अनुसार अप्रैल तक चीन की एक तिहाई आबादी को कोरोना का संक्रमण हो चुका होगा।
3. चीन में लोगों को वैक्सीनेशन पर भरोसा नहीं, 50% बुजुर्ग वैक्सीनेटेड नहीं
चीन का कहना है कि 90% आबादी को वैक्सीन के सारे डोज लग चुके हैं।
चीन का कहना है कि उसकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड हैं, लेकिन 80 साल की उम्र से ज्यादा के लगभग 50% लोगों का ही वैक्सीनेशन पूरा हुआ है। गंभीर इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा डर इन्हें ही है।
इसकी बड़ी वजह लोगों का वैक्सीन पर भरोसा न होना है। कुछ में इसके साइड इफेक्ट्स नजर आ रहे हैं, जो बाकी लोगों को खुराक लेने के लिए डिमोटिवेट करते हैं। ये खासकर बुजुर्गों में ज्यादा हो रहा है। ऐसे लोगों का कहना है कि वैक्सीन लेने के बजाय वायरस का सामना करना ज्यादा पसंद करेंगे। इसके अलावा सरकार ने भी वैक्सीनेशन कंपलसरी नहीं किया है।
1. चीन में कोरोना की 3 लहरें आएंगी: अगले साल 10 लाख मौतों की आशंका; लोग फिर भी वैक्सीन से हिचकिचा रहेचीन में सख्त प्रतिबंध खत्म होने के बाद एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। रविवार को यहां दो हजार मरीजों की पुष्टि हुई, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। चूंकि सर्दियों में संक्रमण ज्यादा फैलेगा, इसलिए अगले साल 10 लाख मौतें होने की आशंका भी है 2.चीन में कोरोना से दस लाख मौत होने का अनुमान: अमेरिकी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में किया गया दावा, अप्रैल में आएगा पीक 3. लॉकडाउन हटने के बाद चीन में कोरोना बढ़ा:डॉक्टर्स भी संक्रमित, सरकार बोली- ओमिक्रॉन खतरा नहीं इसलिए तो ढील दी चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी के विरोध के बाद सरकार ने ढील दी और लॉकडाउन हटा दिया, लेकिन अब यहां स्थिति खराब होती नजर आ रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
RELATED ARTICLES
30 May 2023 06:31 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com