07 May 2022 02:30 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार तेज गर्मी के बीच बीकानेर के गांवों में आग लगने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। श्रीडूंगरगढ़ के भोजास गांव की रोही में आग लगने से एक किसान को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। खेत से कटाई करके फसल ढाणी में ही रखी हुई थी। आग ने गेहूं, मूंगफली, जौं और ग्वार सहित लाखों रुपए की फसलों को कुछ देर में ही जलाकर राख कर दिया।
दरअसल, भोजास गांव के पास ही गणेशाराम गोदारा ने पिछले एक साल में हुई फसलों की कटाई करके अन्न खेत के पास ही ढाणी में रखा हुआ था। यहां करीब एक लाख रुपए कीमत का गेहूं, इतनी की कीमत की मूंगफली, करीब चालीस क्विंटल जौं, पांच क्विंटल ग्वार, डीएपी, यूरिया, खल व अन्य सामान भी एक ही जगह रखा हुआ था। शुक्रवार को अचानक इसमें आग लग गई। देखते ही देखते आग से एकत्र सारी फसल जलकर नष्ट हो गई। गणेशाराम के घर का सामान भी आग की भेंट चढ़ गया। जिसमें कपड़ों के साथ ही कुछ फर्नीचर भी जल गया।
आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चला है। माना जा रहा है कि चारे में आग की चिंगारी पहुंचने के बाद धीरे धीरे आग बढ़ती चली गई। शुरूआत में किसी को आग का पता नहीं चला और जब आग ने उग्र रूप लिया तो बुझाना मुश्किल हो गया। हवा तेज होने के कारण कुछ ही देर में आग ने पूरी ढाणी को अपनी जद में ले लिया।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार तेज गर्मी के बीच बीकानेर के गांवों में आग लगने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। श्रीडूंगरगढ़ के भोजास गांव की रोही में आग लगने से एक किसान को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। खेत से कटाई करके फसल ढाणी में ही रखी हुई थी। आग ने गेहूं, मूंगफली, जौं और ग्वार सहित लाखों रुपए की फसलों को कुछ देर में ही जलाकर राख कर दिया।
दरअसल, भोजास गांव के पास ही गणेशाराम गोदारा ने पिछले एक साल में हुई फसलों की कटाई करके अन्न खेत के पास ही ढाणी में रखा हुआ था। यहां करीब एक लाख रुपए कीमत का गेहूं, इतनी की कीमत की मूंगफली, करीब चालीस क्विंटल जौं, पांच क्विंटल ग्वार, डीएपी, यूरिया, खल व अन्य सामान भी एक ही जगह रखा हुआ था। शुक्रवार को अचानक इसमें आग लग गई। देखते ही देखते आग से एकत्र सारी फसल जलकर नष्ट हो गई। गणेशाराम के घर का सामान भी आग की भेंट चढ़ गया। जिसमें कपड़ों के साथ ही कुछ फर्नीचर भी जल गया।
आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चला है। माना जा रहा है कि चारे में आग की चिंगारी पहुंचने के बाद धीरे धीरे आग बढ़ती चली गई। शुरूआत में किसी को आग का पता नहीं चला और जब आग ने उग्र रूप लिया तो बुझाना मुश्किल हो गया। हवा तेज होने के कारण कुछ ही देर में आग ने पूरी ढाणी को अपनी जद में ले लिया।
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