25 July 2022 03:23 PM

जोग संजोग टाइम्स,
पुलिस ने एपसॉन कंपनी का एक प्रिंटर भी जब्त किया है। बताया जा रहा है कि कागज भी DEO पेपर (आला अधिकारियों के अर्द्ध शासकीय पत्र वाला कागज) काम में लिया गया। बाजार में महज पचास पैसे से एक रुपए प्रति A4 साइज का पेपर मिलता है। ये गैंग बीकानेर के बजाय दिल्ली से कागज खरीद कर लाती थी। इसी पर 500-2000 के नोट छापे जा रहे थे। ऐसे कागज के पैकेट्स भी पुलिस ने बरामद किए हैं।
छपाई के लिए सॉफ्टवेयर की ऑनलाइन ट्रेनिंग ली
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से नकली नोट छापने का काम होता था। ये सॉफ्टवेयर कौन सा था? कहां से खरीदा गया? पुलिस जांच कर रही है। चंपालाल उर्फ नवीन ने इस सॉफ्टवेयर को चलाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग ली थी। गैंग के अन्य सदस्यों को भी वृंदावन एन्क्लेव में स्थित मकान में ट्रेनिंग दी गई थी।
चेक लेकर देते थे नकली नोट
दिलचस्प है कि नकली नोट बनाने वाली इस गैंग को दूसरे से नगद रुपए लेने पर विश्वास नहीं था। ऐसे में बड़े मामलों में चेक लेकर ही नोट दिए जाते थे। पिछले दिनों साठ लाख रुपए कोलकाता भेजे जाने थे, जिसका चेक गैंग को मिल चुका था। ये राशि इनके बैंक खाते में जाते थे।
जोग संजोग टाइम्स,
पुलिस ने एपसॉन कंपनी का एक प्रिंटर भी जब्त किया है। बताया जा रहा है कि कागज भी DEO पेपर (आला अधिकारियों के अर्द्ध शासकीय पत्र वाला कागज) काम में लिया गया। बाजार में महज पचास पैसे से एक रुपए प्रति A4 साइज का पेपर मिलता है। ये गैंग बीकानेर के बजाय दिल्ली से कागज खरीद कर लाती थी। इसी पर 500-2000 के नोट छापे जा रहे थे। ऐसे कागज के पैकेट्स भी पुलिस ने बरामद किए हैं।
छपाई के लिए सॉफ्टवेयर की ऑनलाइन ट्रेनिंग ली
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से नकली नोट छापने का काम होता था। ये सॉफ्टवेयर कौन सा था? कहां से खरीदा गया? पुलिस जांच कर रही है। चंपालाल उर्फ नवीन ने इस सॉफ्टवेयर को चलाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग ली थी। गैंग के अन्य सदस्यों को भी वृंदावन एन्क्लेव में स्थित मकान में ट्रेनिंग दी गई थी।
चेक लेकर देते थे नकली नोट
दिलचस्प है कि नकली नोट बनाने वाली इस गैंग को दूसरे से नगद रुपए लेने पर विश्वास नहीं था। ऐसे में बड़े मामलों में चेक लेकर ही नोट दिए जाते थे। पिछले दिनों साठ लाख रुपए कोलकाता भेजे जाने थे, जिसका चेक गैंग को मिल चुका था। ये राशि इनके बैंक खाते में जाते थे।
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