16 May 2021 10:15 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बाद बच्चों की सुरक्षा हेतु गाइडलाइन जारी हो गई है। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल, तीसरी लहर को बच्चों के लिए ख़तरनाक बताया जा रहा है। इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए आयोग पहले ही अलर्ट मोड पर आ गया है। आयोग ने सभी समिति के समस्त जिलाध्यक्षों व सदस्यों को शिशु अस्पतालों व शिशु वार्डों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी जैसी आधारभूत का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलेक्टरों को अपने स्तर पर समिति गठित कर शिशु अस्पतालों में आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाने के निर्देश भी दिए हैं। सभी जिलों की बाल कल्याण समितियों, बाल एवं शिशु गृहों तथा छात्रावासों में पल्स ऑक्सीमीटर क्रय करने के निर्देश हैं। इसके अतिरिक्त उपखंड, ग्राम व ब्लॉक स्तर पर बच्चों के लिए अलग से डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाए जाएंगे। इन सेंटरों में ऑक्सीजन सहित प्रर्याप्त आवश्यक सुविधाएं भी होंगी।
बता दें कि पहली लहर में उम्रदराज लोगों पर कोरोना ने कहर बरपाया था। दूसरी लहर में युवाओं के लिए कोरोना जानलेवा बना हुआ है। ऐसे में तीसरी लहर बच्चों के लिए ख़तरनाक होने की आशंका को हल्के में नहीं लिया जा सकता। बच्चों की सुरक्षा हेतु समय रहते ही संसाधन जुटाने जरूरी है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बाद बच्चों की सुरक्षा हेतु गाइडलाइन जारी हो गई है। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल, तीसरी लहर को बच्चों के लिए ख़तरनाक बताया जा रहा है। इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए आयोग पहले ही अलर्ट मोड पर आ गया है। आयोग ने सभी समिति के समस्त जिलाध्यक्षों व सदस्यों को शिशु अस्पतालों व शिशु वार्डों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी जैसी आधारभूत का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलेक्टरों को अपने स्तर पर समिति गठित कर शिशु अस्पतालों में आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाने के निर्देश भी दिए हैं। सभी जिलों की बाल कल्याण समितियों, बाल एवं शिशु गृहों तथा छात्रावासों में पल्स ऑक्सीमीटर क्रय करने के निर्देश हैं। इसके अतिरिक्त उपखंड, ग्राम व ब्लॉक स्तर पर बच्चों के लिए अलग से डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाए जाएंगे। इन सेंटरों में ऑक्सीजन सहित प्रर्याप्त आवश्यक सुविधाएं भी होंगी।
बता दें कि पहली लहर में उम्रदराज लोगों पर कोरोना ने कहर बरपाया था। दूसरी लहर में युवाओं के लिए कोरोना जानलेवा बना हुआ है। ऐसे में तीसरी लहर बच्चों के लिए ख़तरनाक होने की आशंका को हल्के में नहीं लिया जा सकता। बच्चों की सुरक्षा हेतु समय रहते ही संसाधन जुटाने जरूरी है।
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