02 July 2022 12:34 PM
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर के छत्तरगढ़ में तेज बारिश से शनिवार सुबह एक घर की दीवार ढह गई। वहां सो रहे दो सगे भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में राकेश दस साल का था जबकि अनिल महज आठ साल का था। इनका परिवार यहां एक खेत में काम करता था। इस कमरे में पांच जने सो रहे थे, जिनमें तीन को बचा लिया गया।
छोटूराम का परिवार छत्तरगढ़ के 12 एसटीएम में टप्पूसिंह राजपूत के खेत में मजदूरी करता था। उसके पांच बेटे और एक बेटी घर के अंदर ही सो रहे थे। एक तरफ राकेश और अनिल सो रहे थे, जबकि कुछ फीट दूरी पर ही दूसरे भाई-बहन सो रहे थे। खेत मालिक का बेटा भी वहीं सो रहा था। जबकि पिता छोटूराम खेत में पानी देने गया था। अचानक धमाके की आवाज सुनकर छोटूराम व आसपास के लोग वहां पहुंचे तो छत गिरी हुई थी। मलबे से खेत मालिक के बेटे और दो अन्य बच्चों को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अनिल और राकेश दोनों मलबे में दबे रह गए। दम घुटने से दोनों की मौत हो गई। हाहाकार मचा तो आसपास की ढाणी से भी लोग पहुंचे और इन दोनों बच्चों को उठाकर अस्पताल की ओर भागे। वहां इन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में छत्तरगढ़ पुलिस को सूचना दी गई, जहां से थानाधिकारी जयकुमार भादू मौके पर पहुंचे। फिलहाल बच्चों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
पांच भाई और एक बहन
राकेश और अनिल कुछ छह भाई बहन है। इसमें एक बहन है। पूरा परिवार साथ ही रहता है। खेतों में मजदूरी के कारण छोटूराम इन बच्चों को अपने साथ ही अलग अलग खेतों में ले जाता है। इस गरीब परिवार को खेत मालिक ही रहने के लिए जगह देता है। जिस मकान में हादसा हुआ, वो चारों तरफ से पक्की दीवार से बना है जबकि छत्त कच्ची है।
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर के छत्तरगढ़ में तेज बारिश से शनिवार सुबह एक घर की दीवार ढह गई। वहां सो रहे दो सगे भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में राकेश दस साल का था जबकि अनिल महज आठ साल का था। इनका परिवार यहां एक खेत में काम करता था। इस कमरे में पांच जने सो रहे थे, जिनमें तीन को बचा लिया गया।
छोटूराम का परिवार छत्तरगढ़ के 12 एसटीएम में टप्पूसिंह राजपूत के खेत में मजदूरी करता था। उसके पांच बेटे और एक बेटी घर के अंदर ही सो रहे थे। एक तरफ राकेश और अनिल सो रहे थे, जबकि कुछ फीट दूरी पर ही दूसरे भाई-बहन सो रहे थे। खेत मालिक का बेटा भी वहीं सो रहा था। जबकि पिता छोटूराम खेत में पानी देने गया था। अचानक धमाके की आवाज सुनकर छोटूराम व आसपास के लोग वहां पहुंचे तो छत गिरी हुई थी। मलबे से खेत मालिक के बेटे और दो अन्य बच्चों को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अनिल और राकेश दोनों मलबे में दबे रह गए। दम घुटने से दोनों की मौत हो गई। हाहाकार मचा तो आसपास की ढाणी से भी लोग पहुंचे और इन दोनों बच्चों को उठाकर अस्पताल की ओर भागे। वहां इन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में छत्तरगढ़ पुलिस को सूचना दी गई, जहां से थानाधिकारी जयकुमार भादू मौके पर पहुंचे। फिलहाल बच्चों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
पांच भाई और एक बहन
राकेश और अनिल कुछ छह भाई बहन है। इसमें एक बहन है। पूरा परिवार साथ ही रहता है। खेतों में मजदूरी के कारण छोटूराम इन बच्चों को अपने साथ ही अलग अलग खेतों में ले जाता है। इस गरीब परिवार को खेत मालिक ही रहने के लिए जगह देता है। जिस मकान में हादसा हुआ, वो चारों तरफ से पक्की दीवार से बना है जबकि छत्त कच्ची है।
RELATED ARTICLES
18 September 2025 12:36 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com