06 May 2023 08:08 PM
जोग संजोग टाइम्स,
आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की शनिवार को लाहौर में हत्या कर दी गई। उसे जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोलियां मारी गईं। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वह 1990 से ही पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। वह यहां मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था।
जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह 6 बजे बाइक पर आए दाे लोगों ने यह हमला किया और फरार हो गए।
केंद्र की आतंकियों की लिस्ट में पंजवड़ का नाम
परमजीत सिंह पंजवड़ पंजाब में तरनतारन जिले के झब्बाल थाने के तहत आते पंजवार गांव का रहने वाला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में नौ आतंकियों की लिस्ट जारी की थी जिसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम आठवें पर था। इस लिस्ट में उसके अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के चीफ वधावा सिंह बब्बर का नाम भी था जो तरनतारन में ही दासूवाल गांव का रहने वाला है। पंजवड़ 90 के दशक से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा है।
पंजाब में भेजता था नशीली दवाएं और हथियार
परमजीत सिंह पंजवड़ पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पंजाब में ड्रग और हथियारों की तस्करी में शामिल था। इससे मिलने वाले पैसे से ही उसने खालिस्तान कमांडो फोर्स को जीवित रखा। परमजीत पंजाब में आतंकवाद के दौरान 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के साथ खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) में शामिल हो गया था। उससे पहले वह पंजाब के ही सोहल में कोऑपरेटिव बैंक में काम करता था।
भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद, 1990 के दशक में पंजवड़ ने KCF की कमान संभाली और पाकिस्तान भाग गया। पाकिस्तान में उसे शरण मिल गई। वो मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में आठवें नंबर पर था। पाकिस्तानी सरकार पंजवड़ के उनके यहां होने से इनकार करती रही है। परमजीत की पत्नी और बच्चे जर्मनी में रहते हैं।
2020 में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कराया
अक्टूबर 2020 में पंजाब के तरनतारन में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कर दिया गया था। इसके पीछे परमजीत सिंह पंजवड़ ही था। बलविंदर सिंह संधू ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। पंजवड़ उसी समय से बलविंदर सिंह की हत्या की साजिश रच रहा था।
1999 में करवा चुका चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट
खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ ने 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट कराया था। इस धमाके में 4 लोग जख्मी हो गए थे, जबकि कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। धमाके के लिए स्कूटर की डिग्गी में बम रखा गया था। स्कूटर पर पानीपत (हरियाणा) का नंबर लगा हुआ था। पुलिस ने तब स्कूटर मालिक शेर सिंह को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया था।
जोग संजोग टाइम्स,
आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की शनिवार को लाहौर में हत्या कर दी गई। उसे जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोलियां मारी गईं। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वह 1990 से ही पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। वह यहां मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था।
जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह 6 बजे बाइक पर आए दाे लोगों ने यह हमला किया और फरार हो गए।
केंद्र की आतंकियों की लिस्ट में पंजवड़ का नाम
परमजीत सिंह पंजवड़ पंजाब में तरनतारन जिले के झब्बाल थाने के तहत आते पंजवार गांव का रहने वाला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में नौ आतंकियों की लिस्ट जारी की थी जिसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम आठवें पर था। इस लिस्ट में उसके अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के चीफ वधावा सिंह बब्बर का नाम भी था जो तरनतारन में ही दासूवाल गांव का रहने वाला है। पंजवड़ 90 के दशक से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा है।
पंजाब में भेजता था नशीली दवाएं और हथियार
परमजीत सिंह पंजवड़ पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पंजाब में ड्रग और हथियारों की तस्करी में शामिल था। इससे मिलने वाले पैसे से ही उसने खालिस्तान कमांडो फोर्स को जीवित रखा। परमजीत पंजाब में आतंकवाद के दौरान 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के साथ खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) में शामिल हो गया था। उससे पहले वह पंजाब के ही सोहल में कोऑपरेटिव बैंक में काम करता था।
भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद, 1990 के दशक में पंजवड़ ने KCF की कमान संभाली और पाकिस्तान भाग गया। पाकिस्तान में उसे शरण मिल गई। वो मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में आठवें नंबर पर था। पाकिस्तानी सरकार पंजवड़ के उनके यहां होने से इनकार करती रही है। परमजीत की पत्नी और बच्चे जर्मनी में रहते हैं।
2020 में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कराया
अक्टूबर 2020 में पंजाब के तरनतारन में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कर दिया गया था। इसके पीछे परमजीत सिंह पंजवड़ ही था। बलविंदर सिंह संधू ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। पंजवड़ उसी समय से बलविंदर सिंह की हत्या की साजिश रच रहा था।
1999 में करवा चुका चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट
खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ ने 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट कराया था। इस धमाके में 4 लोग जख्मी हो गए थे, जबकि कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। धमाके के लिए स्कूटर की डिग्गी में बम रखा गया था। स्कूटर पर पानीपत (हरियाणा) का नंबर लगा हुआ था। पुलिस ने तब स्कूटर मालिक शेर सिंह को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया था।
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09 November 2022 05:28 PM
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