22 February 2022 01:26 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार नयी दिल्ली , 22 फ़रवरी। रूस और यूक्रेन में चल रही तनातनी के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों डोनेट्स्क और लुगांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। जिसके बाद तनाव चरम पर पहुंचता दिख रहा है। इस बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन सीमा पर तनाव का बढ़ना गहरी चिंता का विषय है और इस घटनाक्रम में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। भारत ने कहा, "हम यूक्रेन से संबंधित घटनाओं को बारीकी से देख रहे हैं, जिसमें यूक्रेन की पूर्वी सीमा के साथ विकास और रूसी संघ द्वारा संबंधित घोषणा शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार रात यूक्रेन की स्थिति पर यूएनएससी की आपात बैठक में कहा, "रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर तनाव का बढ़ना गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाओं में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है।"
भारत ने हर तरफ से संयम बरतने का आह्वान किया। तिरुमूर्ति ने कहा, "तत्काल प्राथमिकता सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को कम करना है और इसका उद्देश्य क्षेत्र और उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना है।"
उन्होंने कहा, "हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।" उन्होंने आगे कहा कि नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।
बता दें कि रूसी राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों की पाबंदी लगाने की चेतावनी के बावजूद रूसी राज्य द्वारा संचालित टेलीविजन पर प्रसारित अपने भावनात्मक संबोधन में दोनों इलाकों की स्वतंत्रता की मान्यता दी। इसके साथ ही पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को पूर्वी यूक्रेन के दोनों अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक में रूसी सैनिकों को भेजने के लिए कहा है। रूस के इस कदम को युद्ध की पहल माना जा रहा है। हालांकि रूस इसे शांति स्थापित करने के लिए की गई कार्रवाई बताने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में रूस के इस कदम से पश्चिमी देशों और यूक्रेन से तनाव बढ़ने की आशंका गहरा गई है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार नयी दिल्ली , 22 फ़रवरी। रूस और यूक्रेन में चल रही तनातनी के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों डोनेट्स्क और लुगांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। जिसके बाद तनाव चरम पर पहुंचता दिख रहा है। इस बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन सीमा पर तनाव का बढ़ना गहरी चिंता का विषय है और इस घटनाक्रम में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। भारत ने कहा, "हम यूक्रेन से संबंधित घटनाओं को बारीकी से देख रहे हैं, जिसमें यूक्रेन की पूर्वी सीमा के साथ विकास और रूसी संघ द्वारा संबंधित घोषणा शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार रात यूक्रेन की स्थिति पर यूएनएससी की आपात बैठक में कहा, "रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर तनाव का बढ़ना गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाओं में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है।"
भारत ने हर तरफ से संयम बरतने का आह्वान किया। तिरुमूर्ति ने कहा, "तत्काल प्राथमिकता सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को कम करना है और इसका उद्देश्य क्षेत्र और उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना है।"
उन्होंने कहा, "हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।" उन्होंने आगे कहा कि नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।
बता दें कि रूसी राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों की पाबंदी लगाने की चेतावनी के बावजूद रूसी राज्य द्वारा संचालित टेलीविजन पर प्रसारित अपने भावनात्मक संबोधन में दोनों इलाकों की स्वतंत्रता की मान्यता दी। इसके साथ ही पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को पूर्वी यूक्रेन के दोनों अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक में रूसी सैनिकों को भेजने के लिए कहा है। रूस के इस कदम को युद्ध की पहल माना जा रहा है। हालांकि रूस इसे शांति स्थापित करने के लिए की गई कार्रवाई बताने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में रूस के इस कदम से पश्चिमी देशों और यूक्रेन से तनाव बढ़ने की आशंका गहरा गई है।
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