14 March 2022 02:33 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार बीते सप्ताह ही हम सभी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है। इस अवसर पर आधी आबादी को की दक्षता और उनकी योग्यता को पूरी दुनिया ने सलाम किया है और करती रहेगी। ऐसा ही आधी आबादी का गौरवान्वित करने का रिकॉर्ड भारतीय रेलवे में कार्यरत महिला कर्मचारियों ने कायम किया जिसकी स्मृति ताजा करते हुए हम यहां जागरण की खबर को उद्घृत कर रहे हैं।
यह चार वर्ष पूर्व का रिकॉर्ड है कि महिलाएं पूरे 5 रेवले स्टेशनों को संभाल रही हैं। जागरण के मुताबिक इन स्टेशनों पर ट्रेन चलाने से लेकर स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टिकट चेकर और रिजर्वेशन क्लर्क तक के सभी काम महिलाओं द्वारा किया जाते हैं।
मुंबई उपनगर का माटुंगा रेलवे स्टेशन पहला महिला कर्मचारियों का स्टेशन कहा जाता है। मध्य रेलवे (सीआर) के इस स्टेशन का नाम सभी महिला कर्मचारी को लेकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स 2018 में भी दर्ज किया गया । तब तक इस स्टेशन पर कुल 41 महिलाओं के दल की तैनाती थी, जिसमें आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), वाणिज्यिक और परिचालन विभाग के कर्मी शामिल हैं।
गांधी नगर रेलवे स्टेशन
राजस्थान की राजधानी जयपुर में गांधी नगर रेलवे स्टेशन है जिसे देश के दूसरे रेलवे स्टेशन के रूप में ख्याति मिली। यह प्रमुख रेलवे स्टेशनों में सबसे पहला रेलवे स्टेशन रहा, जहां केवल महिला कर्मियों की तैनाती की गई। जिसमें टिकट चेकर से लेकर स्टेशन मास्टर तक शामिल हैं। इस स्टेशन पर तब 40 महिला रेलवे कर्मियों की तैनाती थी। जिसमें स्टेशन मास्टर के अलावा चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर, टिकट चेकर और रिजर्वेशन क्लर्क शामिल हैं।
अजनी रेलवे स्टेशन
महाराष्ट्र के नागपुर का अजनी रेलवे स्टेशन देश का तीसरा रेलवे स्टेशन जो केवल महिलाओं द्वारा चलाया जाता रहा । अजनी नागपुर का सेटेलाइट स्टेशन है, जो मध्य रेलवे के नागपुर खंड का हिस्सा है और महत्वपूर्ण दिल्ली-चेन्नई रूट का हिस्सा है। तत्कालीन समय में इस स्टेशन पर रोजाना औसतन 6,000 यात्रियों की आवाजाही होती थी। और तब अजनी रेलवे स्टेशन पर कुल 22 महिला कर्मियों की तैनाती थी , जिसमें स्टेशन मास्टर समेत 6 वाणिज्यिक क्लर्क, 4 टिकट चेकर, 4 कुली, 4 सफाई कर्मचारी और 3 रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मी शामिल हैं।
मणिनगर रेलवे स्टेशन
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद का मणिनगर रेलवे स्टेशन देश का चौथा और राज्य का पहला रेलवे स्टेशन, जो केवल महिलाओं द्वारा चलाया जाता रहा। यह स्टेशन पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आता है। उस वक्त 2018 मार्च तक इस स्टेशन पर 23 वाणिज्यिक क्लर्क और तीन परिचालन कर्मी (स्टेशन मास्टर और प्वाइंट्स पर्सन्स) के साथ 10 रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की तैनाती की गई जो सभी महिलाएं थी।
चंद्रागिरी रेलवे स्टेशन
आंध्र प्रदेश का चंद्रागिरी रेलवे स्टेशन तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के गृह जिले चित्तूर में स्थित है। यह रेलवे दक्षिण मध्य रेलवे के गुंटकल खंड में आता है।यह देश का पांचवां और आंध्र प्रदेश का पहला रेलवे स्टेशन, जो केवल महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा । 2018 में इस स्टेशन पर कुल 12 कर्मी थे, जिसमें स्टेशन मास्टर, बुकिंग क्लर्क, प्वाइंट्स मैन, सुरक्षा और सफाई कर्मी शामिल जो सभी महिलाएं थी। तब इस स्टेशन से रोजाना 234 यात्री गुजरते थे और इस स्टेशन से औसतन 5,000 रुपये का राजस्व रोजाना प्राप्त होता था।
अब 4-5 वर्ष के बाद स्थितियां बदली हैं तो हो सकता है इस रिकॉर्ड में भी काफी कुछ जुड़ा हो अथवा नये रिकॉर्ड बने हों। बहरहाल आधी आबादी पूरी दुनिया में अपनी कर्मठता के लिए सराही जा रही है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार बीते सप्ताह ही हम सभी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है। इस अवसर पर आधी आबादी को की दक्षता और उनकी योग्यता को पूरी दुनिया ने सलाम किया है और करती रहेगी। ऐसा ही आधी आबादी का गौरवान्वित करने का रिकॉर्ड भारतीय रेलवे में कार्यरत महिला कर्मचारियों ने कायम किया जिसकी स्मृति ताजा करते हुए हम यहां जागरण की खबर को उद्घृत कर रहे हैं।
यह चार वर्ष पूर्व का रिकॉर्ड है कि महिलाएं पूरे 5 रेवले स्टेशनों को संभाल रही हैं। जागरण के मुताबिक इन स्टेशनों पर ट्रेन चलाने से लेकर स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टिकट चेकर और रिजर्वेशन क्लर्क तक के सभी काम महिलाओं द्वारा किया जाते हैं।
मुंबई उपनगर का माटुंगा रेलवे स्टेशन पहला महिला कर्मचारियों का स्टेशन कहा जाता है। मध्य रेलवे (सीआर) के इस स्टेशन का नाम सभी महिला कर्मचारी को लेकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स 2018 में भी दर्ज किया गया । तब तक इस स्टेशन पर कुल 41 महिलाओं के दल की तैनाती थी, जिसमें आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), वाणिज्यिक और परिचालन विभाग के कर्मी शामिल हैं।
गांधी नगर रेलवे स्टेशन
राजस्थान की राजधानी जयपुर में गांधी नगर रेलवे स्टेशन है जिसे देश के दूसरे रेलवे स्टेशन के रूप में ख्याति मिली। यह प्रमुख रेलवे स्टेशनों में सबसे पहला रेलवे स्टेशन रहा, जहां केवल महिला कर्मियों की तैनाती की गई। जिसमें टिकट चेकर से लेकर स्टेशन मास्टर तक शामिल हैं। इस स्टेशन पर तब 40 महिला रेलवे कर्मियों की तैनाती थी। जिसमें स्टेशन मास्टर के अलावा चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर, टिकट चेकर और रिजर्वेशन क्लर्क शामिल हैं।
अजनी रेलवे स्टेशन
महाराष्ट्र के नागपुर का अजनी रेलवे स्टेशन देश का तीसरा रेलवे स्टेशन जो केवल महिलाओं द्वारा चलाया जाता रहा । अजनी नागपुर का सेटेलाइट स्टेशन है, जो मध्य रेलवे के नागपुर खंड का हिस्सा है और महत्वपूर्ण दिल्ली-चेन्नई रूट का हिस्सा है। तत्कालीन समय में इस स्टेशन पर रोजाना औसतन 6,000 यात्रियों की आवाजाही होती थी। और तब अजनी रेलवे स्टेशन पर कुल 22 महिला कर्मियों की तैनाती थी , जिसमें स्टेशन मास्टर समेत 6 वाणिज्यिक क्लर्क, 4 टिकट चेकर, 4 कुली, 4 सफाई कर्मचारी और 3 रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मी शामिल हैं।
मणिनगर रेलवे स्टेशन
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद का मणिनगर रेलवे स्टेशन देश का चौथा और राज्य का पहला रेलवे स्टेशन, जो केवल महिलाओं द्वारा चलाया जाता रहा। यह स्टेशन पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आता है। उस वक्त 2018 मार्च तक इस स्टेशन पर 23 वाणिज्यिक क्लर्क और तीन परिचालन कर्मी (स्टेशन मास्टर और प्वाइंट्स पर्सन्स) के साथ 10 रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की तैनाती की गई जो सभी महिलाएं थी।
चंद्रागिरी रेलवे स्टेशन
आंध्र प्रदेश का चंद्रागिरी रेलवे स्टेशन तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के गृह जिले चित्तूर में स्थित है। यह रेलवे दक्षिण मध्य रेलवे के गुंटकल खंड में आता है।यह देश का पांचवां और आंध्र प्रदेश का पहला रेलवे स्टेशन, जो केवल महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा । 2018 में इस स्टेशन पर कुल 12 कर्मी थे, जिसमें स्टेशन मास्टर, बुकिंग क्लर्क, प्वाइंट्स मैन, सुरक्षा और सफाई कर्मी शामिल जो सभी महिलाएं थी। तब इस स्टेशन से रोजाना 234 यात्री गुजरते थे और इस स्टेशन से औसतन 5,000 रुपये का राजस्व रोजाना प्राप्त होता था।
अब 4-5 वर्ष के बाद स्थितियां बदली हैं तो हो सकता है इस रिकॉर्ड में भी काफी कुछ जुड़ा हो अथवा नये रिकॉर्ड बने हों। बहरहाल आधी आबादी पूरी दुनिया में अपनी कर्मठता के लिए सराही जा रही है।
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