14 November 2022 05:12 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर की लोक संस्कृति और हस्तशिल्प के संरक्षण के लिए रविन्द्र रंगमंच पर 16 और 17 नवंबर को शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक बीकानेर लोक एवं हस्तशिल्प उत्सव का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान पर्यटन और यूनेस्को की पहल पर पश्चिमी राजस्थान की अमूर्त संस्कृति को मजबूत बनाने की दिशा यह पहल की गई है। बीकानेर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को इस उत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा। जिले की ग्रामीण संस्कृति और कला को बढ़ावा देते हुए इन्हें पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।उत्सव के दौरान पश्चिमी राजस्थान के लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुति के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। साथ ही बीकानेर की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के मुख्य आकर्षण सुप्रसिद्ध मीर संगीत, पारंपरिक उस्ता कला व हैंडलूम आदि रहेंगे।उत्सव में पारंपरिक सांस्कृतिक रीति-रिवाज, रहन-सहन को सीधे - स्थानीय परिवेश में देखने-समझने का एक शानदार अवसर मिल सकेगा। विरासत की शिक्षा में रुचि रखने वालों को अनुभवी लोक कलाकारों के बीच पारंपरिक संस्कृति व कला को करीब से देखने-समझने का मौका मिलेगा। उत्सव में ग्रामीण शिल्पकारों द्वारा बनाई जा रही आकर्षक वस्तुओं को सीधे उन्हीं से ख़रीदने व कलात्मक काम को देखने, लोक संगीत और नृत्य का प्रदर्शन करते सांस्कृतिक आयोजनों को देखने का मौका करने के लिए अवसर मिलेगा।16 नवंबर को मीर बसु द्वारा मीर लोक संगीत प्रदर्शन - जलाल राम मेघवाल और समूह द्वारा लोक संगीत प्रदर्शन - कालबेलिया गीत और नृत्य तथा 17 नवंबर को मीर लोक संगीत, कालबेलिया नृत्य,सफी मोहम्मद और राशिद खान द्वारा लंगा संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर की लोक संस्कृति और हस्तशिल्प के संरक्षण के लिए रविन्द्र रंगमंच पर 16 और 17 नवंबर को शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक बीकानेर लोक एवं हस्तशिल्प उत्सव का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान पर्यटन और यूनेस्को की पहल पर पश्चिमी राजस्थान की अमूर्त संस्कृति को मजबूत बनाने की दिशा यह पहल की गई है। बीकानेर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को इस उत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा। जिले की ग्रामीण संस्कृति और कला को बढ़ावा देते हुए इन्हें पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।उत्सव के दौरान पश्चिमी राजस्थान के लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुति के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। साथ ही बीकानेर की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के मुख्य आकर्षण सुप्रसिद्ध मीर संगीत, पारंपरिक उस्ता कला व हैंडलूम आदि रहेंगे।उत्सव में पारंपरिक सांस्कृतिक रीति-रिवाज, रहन-सहन को सीधे - स्थानीय परिवेश में देखने-समझने का एक शानदार अवसर मिल सकेगा। विरासत की शिक्षा में रुचि रखने वालों को अनुभवी लोक कलाकारों के बीच पारंपरिक संस्कृति व कला को करीब से देखने-समझने का मौका मिलेगा। उत्सव में ग्रामीण शिल्पकारों द्वारा बनाई जा रही आकर्षक वस्तुओं को सीधे उन्हीं से ख़रीदने व कलात्मक काम को देखने, लोक संगीत और नृत्य का प्रदर्शन करते सांस्कृतिक आयोजनों को देखने का मौका करने के लिए अवसर मिलेगा।16 नवंबर को मीर बसु द्वारा मीर लोक संगीत प्रदर्शन - जलाल राम मेघवाल और समूह द्वारा लोक संगीत प्रदर्शन - कालबेलिया गीत और नृत्य तथा 17 नवंबर को मीर लोक संगीत, कालबेलिया नृत्य,सफी मोहम्मद और राशिद खान द्वारा लंगा संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा।
RELATED ARTICLES
07 February 2022 12:35 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com