11 June 2022 12:09 PM
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर में एक ढाणी की झोपड़ी में रखे 15 लाख रुपए आग में जल गए। साथ ही 18 लाख रुपए के सोने के गहने और अनाज जलने से कुल 43 लाख रुपए का नुकसान हो गया। घटना बीकानेर के दियातरा गांव की है। जहां हनुमान सिंह पुत्र गेनसिंह भाटी की ढाणी में आग लग गई। यह उसकी जिंदगी भर की कमाई थी। गहने और कैश झोपड़ी में रखे हुए थे।
घटना बुधवार देर रात की है। अचानक ढाणी की पांच झोपड़ियों में आग लग गई। झोपड़ियों में कोई मौजूद नहीं था। हनुमान सिंह और उसका भाई बाहर सो रहे थे। आग देख दोनों चौंक गए। ट्यूबवेल चालू करके पानी डालने का प्रयास किया गया। आग कुछ हद तक बुझ भी गई, लेकिन तब तक नुकसान हो गया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि काफी देर तक आग अंदर ही अंदर सुलगती रही। जो अचानक तेज हो गई। घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे।
ढाणी में खड़ी बाइक भी नहीं बच पाई। ट्यूबवेल चालू करके आग पर काबू पाया गया, जब तक काफी नुकसान हो चुका था।
मुआवजे का नियम नहीं
आग लगने से रुपए जलने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है। आपदा राहत के तहत आर्थिक मदद दी जाती है। लघु व सीमांत कृषक की श्रेणी में आने वाले लोगों को यह सहायता मिल सकती है। सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी बहुत कम मदद किसान को मिल पाती है। पक्का मकान जलने पर 95 हजार रुपए, आंशिक जलने पर 5200 रुपए, झोपड़ी जलने पर 4100 रुपए देने का ही प्रावधान है। वहीं पशुओं के जलने पर तीन हजार रुपए प्रति पशु देने का प्रावधान है।
ढाणी में रखा 4 लाख रुपए का अनाज भी जल गया। बुधवार देर रात अचानक ढाणी की 5 झोपड़ियों में आग लग गई थी। आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
इससे पहले भी गर्मी में श्रीडूंगरगढ़, कोलायत व लूणकरनसर के गांवों में भी आग लग चुकी है। यहां भी लाखों रुपए जलकर राख हो गए।
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर में एक ढाणी की झोपड़ी में रखे 15 लाख रुपए आग में जल गए। साथ ही 18 लाख रुपए के सोने के गहने और अनाज जलने से कुल 43 लाख रुपए का नुकसान हो गया। घटना बीकानेर के दियातरा गांव की है। जहां हनुमान सिंह पुत्र गेनसिंह भाटी की ढाणी में आग लग गई। यह उसकी जिंदगी भर की कमाई थी। गहने और कैश झोपड़ी में रखे हुए थे।
घटना बुधवार देर रात की है। अचानक ढाणी की पांच झोपड़ियों में आग लग गई। झोपड़ियों में कोई मौजूद नहीं था। हनुमान सिंह और उसका भाई बाहर सो रहे थे। आग देख दोनों चौंक गए। ट्यूबवेल चालू करके पानी डालने का प्रयास किया गया। आग कुछ हद तक बुझ भी गई, लेकिन तब तक नुकसान हो गया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि काफी देर तक आग अंदर ही अंदर सुलगती रही। जो अचानक तेज हो गई। घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे।
ढाणी में खड़ी बाइक भी नहीं बच पाई। ट्यूबवेल चालू करके आग पर काबू पाया गया, जब तक काफी नुकसान हो चुका था।
मुआवजे का नियम नहीं
आग लगने से रुपए जलने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है। आपदा राहत के तहत आर्थिक मदद दी जाती है। लघु व सीमांत कृषक की श्रेणी में आने वाले लोगों को यह सहायता मिल सकती है। सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी बहुत कम मदद किसान को मिल पाती है। पक्का मकान जलने पर 95 हजार रुपए, आंशिक जलने पर 5200 रुपए, झोपड़ी जलने पर 4100 रुपए देने का ही प्रावधान है। वहीं पशुओं के जलने पर तीन हजार रुपए प्रति पशु देने का प्रावधान है।
ढाणी में रखा 4 लाख रुपए का अनाज भी जल गया। बुधवार देर रात अचानक ढाणी की 5 झोपड़ियों में आग लग गई थी। आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
इससे पहले भी गर्मी में श्रीडूंगरगढ़, कोलायत व लूणकरनसर के गांवों में भी आग लग चुकी है। यहां भी लाखों रुपए जलकर राख हो गए।
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