24 February 2022 04:36 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के खिलाफ वैक्सीन सबसे जरूरी हथियार है। दुनिया भर के वैज्ञानिक ऐसी वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं जो इस वायरस से हमें 100% सुरक्षा दे सके। यूरोप की दो फार्मा कंपनियों ने ये कर दिखाया है। सनोफी और GSK कंपनियों द्वारा बनाई गई एक नई वैक्सीन कोरोना के गंभीर संक्रमण के खिलाफ 100% कारगर है।
वैक्सीन का नाम विडप्रेवटिन रखा जाएगा
सनोफी के स्पोक्सपर्सन के अनुसार, इस नई वैक्सीन का नाम विडप्रेवटिन रखा जाएगा। इसकी मंजूरी के लिए जल्द ही अमेरिका और यूरोप में क्लिनिकल ट्रायल और बूस्टर ट्रायल के डेटा को सबमिट किया जाएगा।
सनोफी और GSK के अनुसार, इस वैक्सीन की दो डोज 3 हफ्तों के अंतराल में दी जाएंगी। इसका फेज 3 ट्रायल अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 10,000 लोगों पर किया गया। इन लोगों में कोरोना की खिलाफ कोई एंटीबॉडी विकसित नहीं थी।
दो डोज के बाद वैक्सीन के ये नतीजे सामने आए..
कोरोना के लक्षणों से बचाने में 58% कारगर
मीडियम से गंभीर कोरोना संक्रमण से बचाने में 75% कारगर
गंभीर संक्रमण और हॉस्पिटलाइजेशन से बचाने में 100% कारगर
वैक्सीन को कर सकते हैं मिक्स एंड मैच
एक अलग स्टडी में इसे लोगों को बूस्टर डोज की तरह भी दिया गया। सनोफी और GSK के मुताबिक, फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका से फुली वैक्सीनेटेड लोगों को विडप्रेवटिन वैक्सीन देने पर उनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज 10 से 30 गुना बढ़ गईं।
विडप्रेवटिन एक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है। इसका मतलब कि ये कोरोना वायरस के हानिरहित प्रोटीन के जरिए इंसानों के इम्यून सिस्टम को ये सिखाती है कि शरीर में वायरस आने पर उससे कैसे लड़ना है। ये mRNA वैक्सीन की तुलना में काफी ट्रेडीशनल है।
विडप्रेवटिन की तरह की वैक्सीन्स को फ्रिज के तापमान में आसानी से रखा जा सकता है। ये उन जगहों पर काफी उपयोगी है जहां कोल्ड स्टोरेज की उपलब्धता नहीं है।
इस वैक्सीन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ऑपरेशन वार्प स्पीड के तहत 2.1 बिलियन डॉलर्स की फंडिंग मिली थी। कंपनियों के अनुसार, विडप्रेवटिन के 100 मिलियन डोज पहले ही तैयार किए जा चुके हैं और 400 मिलियन डोज सप्लाई करने की प्लानिंग चल रही है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के खिलाफ वैक्सीन सबसे जरूरी हथियार है। दुनिया भर के वैज्ञानिक ऐसी वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं जो इस वायरस से हमें 100% सुरक्षा दे सके। यूरोप की दो फार्मा कंपनियों ने ये कर दिखाया है। सनोफी और GSK कंपनियों द्वारा बनाई गई एक नई वैक्सीन कोरोना के गंभीर संक्रमण के खिलाफ 100% कारगर है।
वैक्सीन का नाम विडप्रेवटिन रखा जाएगा
सनोफी के स्पोक्सपर्सन के अनुसार, इस नई वैक्सीन का नाम विडप्रेवटिन रखा जाएगा। इसकी मंजूरी के लिए जल्द ही अमेरिका और यूरोप में क्लिनिकल ट्रायल और बूस्टर ट्रायल के डेटा को सबमिट किया जाएगा।
सनोफी और GSK के अनुसार, इस वैक्सीन की दो डोज 3 हफ्तों के अंतराल में दी जाएंगी। इसका फेज 3 ट्रायल अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 10,000 लोगों पर किया गया। इन लोगों में कोरोना की खिलाफ कोई एंटीबॉडी विकसित नहीं थी।
दो डोज के बाद वैक्सीन के ये नतीजे सामने आए..
कोरोना के लक्षणों से बचाने में 58% कारगर
मीडियम से गंभीर कोरोना संक्रमण से बचाने में 75% कारगर
गंभीर संक्रमण और हॉस्पिटलाइजेशन से बचाने में 100% कारगर
वैक्सीन को कर सकते हैं मिक्स एंड मैच
एक अलग स्टडी में इसे लोगों को बूस्टर डोज की तरह भी दिया गया। सनोफी और GSK के मुताबिक, फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका से फुली वैक्सीनेटेड लोगों को विडप्रेवटिन वैक्सीन देने पर उनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज 10 से 30 गुना बढ़ गईं।
विडप्रेवटिन एक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है। इसका मतलब कि ये कोरोना वायरस के हानिरहित प्रोटीन के जरिए इंसानों के इम्यून सिस्टम को ये सिखाती है कि शरीर में वायरस आने पर उससे कैसे लड़ना है। ये mRNA वैक्सीन की तुलना में काफी ट्रेडीशनल है।
विडप्रेवटिन की तरह की वैक्सीन्स को फ्रिज के तापमान में आसानी से रखा जा सकता है। ये उन जगहों पर काफी उपयोगी है जहां कोल्ड स्टोरेज की उपलब्धता नहीं है।
इस वैक्सीन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ऑपरेशन वार्प स्पीड के तहत 2.1 बिलियन डॉलर्स की फंडिंग मिली थी। कंपनियों के अनुसार, विडप्रेवटिन के 100 मिलियन डोज पहले ही तैयार किए जा चुके हैं और 400 मिलियन डोज सप्लाई करने की प्लानिंग चल रही है।
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