13 February 2022 12:00 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसारप्रदेश में अब शराब की दुकानों के नीलामी सिस्टम में बदलाव देखने को मिलेगा। अब शराब की दुकानों की नीलामी यूपी के मॉडल पर होगी। उसे बोली बढ़ाने के लिए डायनेमिक अरनेस्ट मनी (वॉलेट) में जमा करानी होगी। सूत्रों की माने तो दिसंबर में उत्तरप्रदेश के दौरे पर गए तीन आबकारी अधिकारियों ने वहां के आबकारी नीति/सिस्टम का अध्ययन किया था। राजस्थान में इसमें से क्या-क्या लागू किया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी। इसमें तीन बड़े सुझाव पर सरकार ने मुहर लगाते हुए उसे नई आबकारी नीति में शामिल कर लिया है। अतिरिक्त आबकारी आयुक्त शैलेन्द्र देवड़ा, नागौर जिला आबकारी अधिकारी मोहनराम पूनिया और जोधपुर के अतिरिक्त आबकारी अधिकारी गजेन्द्र सिंह ने यूपी में रिसर्च के बाद सरकार को कारोबार बढ़ाने के सुझाव पेश किए थे।
अनाप-शनाप बोली पर लगेगा ब्रेक
सूत्र बताते हैं कि यूपी की तर्ज पर इस बार नीलामी होगी। बोली बढ़ाने की सीमा बताते हुए उसकी दो प्रतिशत डायनेमिक अरनेस्ट मनी के लिए एक वॉलेट में रकम जमा करानी होगी। मसलन एक करोड़ की रिजर्व प्राइस पर पहले ही दो लाख की रकम जमा होगी। अब यदि ठेकेदार डेढ़ करोड़ तक की बोली लगाता है तो उसे पचास लाख का दो प्रतिशत यानी एक लाख रुपए वॉलेट में जमा कराना होगा। जैसे-जैसे बोली लगेगी उसकी दो प्रतिशत डायनेमिक अरनेस्ट मनी कम होगी। पिछले साल सांगरिया में शराब की एक दुकान की बोली 11 हजार करोड़ में गई। आपसी रंजिश के चलते अनाप-शनाप बोली लगी, उसकी पहले की जमा अरनेस्ट मनी ही जप्त हुई। यह वॉलेट सिस्टम होता तो कोई ऐसी बोली नहीं लगाता। न उसने ठेका लिया न सरकार को कोई फायदा हुआ। दोबारा नीलामी हुई। यूपी में पिछले दो साल से इसी तर्ज पर नीलामी हो रही है। इस बार राजस्थान में भी तरीका यही अपनाया जा रहा है।
राहत पर ठेकेदारों को यह भी लग रही आफत
सूत्र बताते है कि सरकार ने पुराने दुकानदारों को फिर से कंटीन्यू करने की घोषणा की है। इसके बाद भी ठेकेदार इससे खुश नहीं हैं। सरकार शराब के उठाव और अन्य के हिसाब से कुछ बढ़ा रही है, इस पर भी रोष जताया जा रहा है। जबकि एक आराम तो उन्हें यही है कि दोबारा नीलामी में हिस्सा ही नहीं लेना पड़ेगा।
खुलेंगी प्रीमियम शॉप, बढिय़ा शराब के साथ बिकेगी एसेसरीज
सूत्रों का कहना है कि अब अपने प्रदेश में भी प्रीमियम शॉप खुलेंगी। बढिय़ा शराब/वाइन/बीयर ही यहां बिकेगी। इसके साथ आइस बॉक्स, ग्लास समेत अन्य एसेसरीज आयटम भी बेचा जा सकेगा। यह भी अध्ययन टीम ने वहां के सिस्टम को देखकर अपनी रिपोर्ट में सरकार को भेजा था। राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) पहले सरकार से दुकान लेगा, फिर वो आगे इसकी नीलामी करेगा। जयपुर में तीस, जोधपुर में बीस तो अन्य जिलों में इसकी रिजर्व प्राइस 15 लाख रखी गई है। आरएसबीसीसीएल ने सरकार से जो दुकान ली,उसकी नीलामी से मिलने वाले फायदे में सरकार का भी आधा हिस्सा होगा। दुकान पर न कोई माल उठाने की पाबंदी न ही गारंटी का लफड़ा। सबसे बड़ा फायदा यह कि दुकान को तीन साल के लिए लाइसेंस मिलेगा, दो साल का एक्सटेंशन भी ले सकते हैं।
बेसिक लाइसेंस की फीस पर छूट
सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में गारंटी से अधिक शराब गोदाम से उठाने पर बेसिक लाइसेंस की फीस देनी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में यह पूरी तरफ मुफ्त है। इस बाबत भेजे गए सुझाव में राज्य सरकार ने गारंटी से अधिक उठाव पर 25 फीसदी की छूट दी है। यह आंशिक छूट भी शराब के ठेकेदारों के लिए फायदेमंद बताई जाती है। राजस्थान में गारंटी से अधिक शराब गोदाम से उठाने पर बेसिक लाइसेंस की फीस देनी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में यह पूरी तरफ मुफ्त है। इस बाबत भेजे गए सुझाव में राज्य सरकार ने गारंटी से अधिक उठाव पर 25 फीसदी की छूट दी है। यह आंशिक छूट भी शराब के ठेकेदारों के लिए फायदेमंद बताई जाती है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसारप्रदेश में अब शराब की दुकानों के नीलामी सिस्टम में बदलाव देखने को मिलेगा। अब शराब की दुकानों की नीलामी यूपी के मॉडल पर होगी। उसे बोली बढ़ाने के लिए डायनेमिक अरनेस्ट मनी (वॉलेट) में जमा करानी होगी। सूत्रों की माने तो दिसंबर में उत्तरप्रदेश के दौरे पर गए तीन आबकारी अधिकारियों ने वहां के आबकारी नीति/सिस्टम का अध्ययन किया था। राजस्थान में इसमें से क्या-क्या लागू किया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी। इसमें तीन बड़े सुझाव पर सरकार ने मुहर लगाते हुए उसे नई आबकारी नीति में शामिल कर लिया है। अतिरिक्त आबकारी आयुक्त शैलेन्द्र देवड़ा, नागौर जिला आबकारी अधिकारी मोहनराम पूनिया और जोधपुर के अतिरिक्त आबकारी अधिकारी गजेन्द्र सिंह ने यूपी में रिसर्च के बाद सरकार को कारोबार बढ़ाने के सुझाव पेश किए थे।
अनाप-शनाप बोली पर लगेगा ब्रेक
सूत्र बताते हैं कि यूपी की तर्ज पर इस बार नीलामी होगी। बोली बढ़ाने की सीमा बताते हुए उसकी दो प्रतिशत डायनेमिक अरनेस्ट मनी के लिए एक वॉलेट में रकम जमा करानी होगी। मसलन एक करोड़ की रिजर्व प्राइस पर पहले ही दो लाख की रकम जमा होगी। अब यदि ठेकेदार डेढ़ करोड़ तक की बोली लगाता है तो उसे पचास लाख का दो प्रतिशत यानी एक लाख रुपए वॉलेट में जमा कराना होगा। जैसे-जैसे बोली लगेगी उसकी दो प्रतिशत डायनेमिक अरनेस्ट मनी कम होगी। पिछले साल सांगरिया में शराब की एक दुकान की बोली 11 हजार करोड़ में गई। आपसी रंजिश के चलते अनाप-शनाप बोली लगी, उसकी पहले की जमा अरनेस्ट मनी ही जप्त हुई। यह वॉलेट सिस्टम होता तो कोई ऐसी बोली नहीं लगाता। न उसने ठेका लिया न सरकार को कोई फायदा हुआ। दोबारा नीलामी हुई। यूपी में पिछले दो साल से इसी तर्ज पर नीलामी हो रही है। इस बार राजस्थान में भी तरीका यही अपनाया जा रहा है।
राहत पर ठेकेदारों को यह भी लग रही आफत
सूत्र बताते है कि सरकार ने पुराने दुकानदारों को फिर से कंटीन्यू करने की घोषणा की है। इसके बाद भी ठेकेदार इससे खुश नहीं हैं। सरकार शराब के उठाव और अन्य के हिसाब से कुछ बढ़ा रही है, इस पर भी रोष जताया जा रहा है। जबकि एक आराम तो उन्हें यही है कि दोबारा नीलामी में हिस्सा ही नहीं लेना पड़ेगा।
खुलेंगी प्रीमियम शॉप, बढिय़ा शराब के साथ बिकेगी एसेसरीज
सूत्रों का कहना है कि अब अपने प्रदेश में भी प्रीमियम शॉप खुलेंगी। बढिय़ा शराब/वाइन/बीयर ही यहां बिकेगी। इसके साथ आइस बॉक्स, ग्लास समेत अन्य एसेसरीज आयटम भी बेचा जा सकेगा। यह भी अध्ययन टीम ने वहां के सिस्टम को देखकर अपनी रिपोर्ट में सरकार को भेजा था। राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) पहले सरकार से दुकान लेगा, फिर वो आगे इसकी नीलामी करेगा। जयपुर में तीस, जोधपुर में बीस तो अन्य जिलों में इसकी रिजर्व प्राइस 15 लाख रखी गई है। आरएसबीसीसीएल ने सरकार से जो दुकान ली,उसकी नीलामी से मिलने वाले फायदे में सरकार का भी आधा हिस्सा होगा। दुकान पर न कोई माल उठाने की पाबंदी न ही गारंटी का लफड़ा। सबसे बड़ा फायदा यह कि दुकान को तीन साल के लिए लाइसेंस मिलेगा, दो साल का एक्सटेंशन भी ले सकते हैं।
बेसिक लाइसेंस की फीस पर छूट
सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में गारंटी से अधिक शराब गोदाम से उठाने पर बेसिक लाइसेंस की फीस देनी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में यह पूरी तरफ मुफ्त है। इस बाबत भेजे गए सुझाव में राज्य सरकार ने गारंटी से अधिक उठाव पर 25 फीसदी की छूट दी है। यह आंशिक छूट भी शराब के ठेकेदारों के लिए फायदेमंद बताई जाती है। राजस्थान में गारंटी से अधिक शराब गोदाम से उठाने पर बेसिक लाइसेंस की फीस देनी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में यह पूरी तरफ मुफ्त है। इस बाबत भेजे गए सुझाव में राज्य सरकार ने गारंटी से अधिक उठाव पर 25 फीसदी की छूट दी है। यह आंशिक छूट भी शराब के ठेकेदारों के लिए फायदेमंद बताई जाती है।
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