19 May 2021 03:13 PM
जोग संजोग टाइम्स
बीकानेर के एक परिवाद पर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने तीन सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि बीकानेर पूगल थानान्तर्गत अमरपुरा के मदन सिंह व ग्रामवासियों की ओर से राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष अमरपुरा सरपंच मुरलीधर मोदी, सरपंच भाई घनश्याम मोदी, जयपाल मोदी, भतीजे राहुल मोदी, चाचा नन्दलाल मोदी, महेन्द्रदान चारण, रामचन्द्र चारण, कोजू सिंह व बीस-तीस अन्य के खिलाफ परिवाद पेश किया गया था। इस परिवार को लेकर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष व न्यायाधिपति गोपाल कृष्ण व्यास ने परिवाद के तथ्यों को गंभीर को गंभीरता से लेते हुए बीकानेर के पुलिस महानिरीक्षक व जिला कलक्टर से तीन सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
इसलिए आयोग को लगा मामला गंभीर
बीकानेर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शहरों के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में भी ज्यादा हावी रही हैं। ग्रामीण अंचल में कोरोना से बचाव व रखरखाव के पर्याप्त व पूरे संसाधन व सुविधाएं नहीं होने के कारण इस बार कोरोना गांवों में तेजी के साथ फैल रहा है। जिसके चलते राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को अति संवेदनशील मानते हुए गंभीरता के साथ लेते हुए निर्धारित समयावधि में पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
ये है पूरा मामला
सरपंच मुरलीधर मोदी कोरोना संक्रमित हो गया था। जिसके चलते उसको चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था। जहां छुट्टी मिलने के साथ सरपंच मोदी ने 06 मई को गांव जाते ही वहां लोगों की भीड़ गांव में इकठ्ठी कर ली थी। बताया जाता है कि छुट्टी मिलने के साथ उसने गांव के पेड़ काट डाले। इसको लेकर गांव में बवाल मच गया तथा पंचायत के आगे लोगों की भीड़ जुट गई। इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस व वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे थे।
जोग संजोग टाइम्स
बीकानेर के एक परिवाद पर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने तीन सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि बीकानेर पूगल थानान्तर्गत अमरपुरा के मदन सिंह व ग्रामवासियों की ओर से राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष अमरपुरा सरपंच मुरलीधर मोदी, सरपंच भाई घनश्याम मोदी, जयपाल मोदी, भतीजे राहुल मोदी, चाचा नन्दलाल मोदी, महेन्द्रदान चारण, रामचन्द्र चारण, कोजू सिंह व बीस-तीस अन्य के खिलाफ परिवाद पेश किया गया था। इस परिवार को लेकर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष व न्यायाधिपति गोपाल कृष्ण व्यास ने परिवाद के तथ्यों को गंभीर को गंभीरता से लेते हुए बीकानेर के पुलिस महानिरीक्षक व जिला कलक्टर से तीन सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
इसलिए आयोग को लगा मामला गंभीर
बीकानेर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शहरों के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में भी ज्यादा हावी रही हैं। ग्रामीण अंचल में कोरोना से बचाव व रखरखाव के पर्याप्त व पूरे संसाधन व सुविधाएं नहीं होने के कारण इस बार कोरोना गांवों में तेजी के साथ फैल रहा है। जिसके चलते राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को अति संवेदनशील मानते हुए गंभीरता के साथ लेते हुए निर्धारित समयावधि में पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
ये है पूरा मामला
सरपंच मुरलीधर मोदी कोरोना संक्रमित हो गया था। जिसके चलते उसको चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था। जहां छुट्टी मिलने के साथ सरपंच मोदी ने 06 मई को गांव जाते ही वहां लोगों की भीड़ गांव में इकठ्ठी कर ली थी। बताया जाता है कि छुट्टी मिलने के साथ उसने गांव के पेड़ काट डाले। इसको लेकर गांव में बवाल मच गया तथा पंचायत के आगे लोगों की भीड़ जुट गई। इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस व वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे थे।
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