07 May 2021 11:11 AM
इंजेक्शन पर अब मरीज का नाम, आईपीडी नंबर व अन्य जानकारी होगी अंकित
- इस्तेमाल के बाद वॉयल को वैरिफाई कर करवाया जाएगा पूर्ण नष्ट
जयपुर, 6 मई। प्रदेश के अस्पतालों में कोरोना वार्ड में प्रतिदिन भेजे जाने वाले इंजेक्शन्स पर अब संबंधित मरीज का नाम, आईपीडी नंबर एवं तिथि अंकित कर नसिर्ंग स्टॉफ को दिया जाएगा। साथ ही इंजेक्शन के लगने के बाद इनके आउटर कार्टन समेत खाली वायल को अस्पताल पर नियुक्त नोडल ऑफिसर से वेरिफिकेशन के बाद पूर्णतया नष्ट करवाया जाएगा ताकि इनकी चोरी या दुरूपयोग पर अंकुश लगाया जा सके।
चिकित्सा सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों के अटेन्डेन्ट को व्यक्तिगत रूप से इंजेक्शन खरीदकर लाने के लिए भी प्रिक्रिस्पशन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के उपयोग के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद की प्रक्रिया अब केवल अस्पताल के स्तर पर सम्पादित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल कालाबाजारी बल्कि इंजेक्शंस के दुरूपयोग पर भी रोक लगेगी।
श्री महाजन ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर अस्पतालों में दवाओं की कालाबाजारी रोकने व निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली को जांचने के लिए बनाई टीम ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। टीम ने गुरुवार को सी के बिडला हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल के नावेद अहमद द्वारा रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि अस्पताल ने उसके पास रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त होने की कोई जानकारी नहीं होना बताया।
इंजेक्शन पर अब मरीज का नाम, आईपीडी नंबर व अन्य जानकारी होगी अंकित
- इस्तेमाल के बाद वॉयल को वैरिफाई कर करवाया जाएगा पूर्ण नष्ट
जयपुर, 6 मई। प्रदेश के अस्पतालों में कोरोना वार्ड में प्रतिदिन भेजे जाने वाले इंजेक्शन्स पर अब संबंधित मरीज का नाम, आईपीडी नंबर एवं तिथि अंकित कर नसिर्ंग स्टॉफ को दिया जाएगा। साथ ही इंजेक्शन के लगने के बाद इनके आउटर कार्टन समेत खाली वायल को अस्पताल पर नियुक्त नोडल ऑफिसर से वेरिफिकेशन के बाद पूर्णतया नष्ट करवाया जाएगा ताकि इनकी चोरी या दुरूपयोग पर अंकुश लगाया जा सके।
चिकित्सा सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों के अटेन्डेन्ट को व्यक्तिगत रूप से इंजेक्शन खरीदकर लाने के लिए भी प्रिक्रिस्पशन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के उपयोग के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद की प्रक्रिया अब केवल अस्पताल के स्तर पर सम्पादित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल कालाबाजारी बल्कि इंजेक्शंस के दुरूपयोग पर भी रोक लगेगी।
श्री महाजन ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर अस्पतालों में दवाओं की कालाबाजारी रोकने व निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली को जांचने के लिए बनाई टीम ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। टीम ने गुरुवार को सी के बिडला हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल के नावेद अहमद द्वारा रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि अस्पताल ने उसके पास रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त होने की कोई जानकारी नहीं होना बताया।
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