25 February 2024 09:32 AM

केंद्र सरकार यह जांचने के लिए सहमत हो गई है कि संविधान की छठवीं अनुसूची के प्रावधानों को लद्दाख के संदर्भ में कैसे लागू किया जा सकता है। नागरिक समाज के नेताओं और गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधिकारियों के बीच शनिवार को बनी सहमति के अनुसार, अगली बैठक में नागरिक समाज के कानूनी व सांविधानिक विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे छठवीं अनुसूची के तहत शामिल करने की वैधता और संदर्भ पर चर्चा के लिए एक साथ आएंगे।
संविधान के अनुच्छेद 244 के तहत छठवीं अनुसूची जनजातीय आबादी की रक्षा करती है, स्वायत्त विकास परिषदों के निर्माण की अनुमति देती है जो भूमि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि पर कानून बना सकती हैं। अब तक, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में 10 स्वायत्त परिषदें मौजूद हैं।
जल्द हल होंगे अन्य मुद्दे
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्यों ने शनिवार को तीसरे दौर की बैठक के लिए एमएचए अधिकारियों से मुलाकात की। संयुक्त रूप से लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा, छठवीं अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने और इसे आदिवासी दर्जा देने, स्थानीय निवासियों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह व कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और अलग लोक सेवा आयोग की मांग कर रहे हैं।
केंद्र सरकार यह जांचने के लिए सहमत हो गई है कि संविधान की छठवीं अनुसूची के प्रावधानों को लद्दाख के संदर्भ में कैसे लागू किया जा सकता है। नागरिक समाज के नेताओं और गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधिकारियों के बीच शनिवार को बनी सहमति के अनुसार, अगली बैठक में नागरिक समाज के कानूनी व सांविधानिक विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे छठवीं अनुसूची के तहत शामिल करने की वैधता और संदर्भ पर चर्चा के लिए एक साथ आएंगे।
संविधान के अनुच्छेद 244 के तहत छठवीं अनुसूची जनजातीय आबादी की रक्षा करती है, स्वायत्त विकास परिषदों के निर्माण की अनुमति देती है जो भूमि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि पर कानून बना सकती हैं। अब तक, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में 10 स्वायत्त परिषदें मौजूद हैं।
जल्द हल होंगे अन्य मुद्दे
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्यों ने शनिवार को तीसरे दौर की बैठक के लिए एमएचए अधिकारियों से मुलाकात की। संयुक्त रूप से लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा, छठवीं अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने और इसे आदिवासी दर्जा देने, स्थानीय निवासियों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह व कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और अलग लोक सेवा आयोग की मांग कर रहे हैं।
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