05 September 2021 08:43 AM
खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने गौशाला संचालकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार सदैव ही गौधन संरक्षण के लिए हर समय सहयोग देने के लिए तत्पर है। उन्होेने कहा कि गोपालन विभाग के माध्यम से गौशालाओं को अनुदान देने में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच एवं अनूठी पहल के कारण नन्दियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए जिला मुख्यालयों पर नन्दी गौशालाएं स्वीकृत की गई है वहीं हर पंचायत स्तर पर नन्दी गौशाला स्वीकृत की जाएगी ताकि नन्दीयों का पूरा संरक्षण हो।
गोपालन मंत्री शनिवार को पोकरण में श्री चैन पब्लिक गौशाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गौशाला संचालकों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने अध्यक्षता की।
गोपालन मंत्री भाया ने जनप्रतिनिधियों से आहवान किया कि वे पंचायत समिति स्तर पर नन्दी गौशाला संचालन करने के लिए क्षेत्र के बड़े गौसंचालकों से आवेदन कराएं ताकि नन्दी गौशालाओं की स्वीकृति की जा सके। उन्होंने कहा कि गौशाला संचालकों की मांग को देखते हुए अनुदान प्रक्रिया में सरलीकरण किया गया है। वहीं धर्मकांटे की पर्ची की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही बिल वाउचर प्रक्रिया को भी सरलीकरण कर चार्टेड एकाउंटेंट के माध्यम से लेखा प्रस्तुत करने की छूट दी है, जिससे भी गौशाला संचालको को राहत मिली है।
खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने गौशाला संचालकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार सदैव ही गौधन संरक्षण के लिए हर समय सहयोग देने के लिए तत्पर है। उन्होेने कहा कि गोपालन विभाग के माध्यम से गौशालाओं को अनुदान देने में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच एवं अनूठी पहल के कारण नन्दियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए जिला मुख्यालयों पर नन्दी गौशालाएं स्वीकृत की गई है वहीं हर पंचायत स्तर पर नन्दी गौशाला स्वीकृत की जाएगी ताकि नन्दीयों का पूरा संरक्षण हो।
गोपालन मंत्री शनिवार को पोकरण में श्री चैन पब्लिक गौशाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गौशाला संचालकों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने अध्यक्षता की।
गोपालन मंत्री भाया ने जनप्रतिनिधियों से आहवान किया कि वे पंचायत समिति स्तर पर नन्दी गौशाला संचालन करने के लिए क्षेत्र के बड़े गौसंचालकों से आवेदन कराएं ताकि नन्दी गौशालाओं की स्वीकृति की जा सके। उन्होंने कहा कि गौशाला संचालकों की मांग को देखते हुए अनुदान प्रक्रिया में सरलीकरण किया गया है। वहीं धर्मकांटे की पर्ची की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही बिल वाउचर प्रक्रिया को भी सरलीकरण कर चार्टेड एकाउंटेंट के माध्यम से लेखा प्रस्तुत करने की छूट दी है, जिससे भी गौशाला संचालको को राहत मिली है।
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