13 March 2023 11:17 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पीबीएम में सफाई ठेका 2.70 करोड़ का, 300 श्रमिक, लेकिन शाम को नजर नहीं आते
संभाग के सबसे बड़े पीबीएम हॉस्पिटल की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इसे लेकर वार्ड और ऑपरेशन थिएटर में विवाद के हालात बनने लगे हैं।
पीबीएम के ए ब्लॉक के ऑपरेशन थिएटर में रात में सफाई नहीं होने पर विवाद हो गया। केवल ऑटी ही नहीं वार्डों में भी ऐसे ही हालात हैं। शाम होते ही सफाई कर्मचारी गायब हो जाते हैं। जबकि अधीक्षक के पास संतोषजनक सफाई की रिपोर्ट पहुंचती है।
पीबीएम के आठ ब्लॉक में सुपरवाइजर हैं। कुल 300 पॉइंट हैं। हर पॉइंट पर एक-एक सफाई कर्मचारी तैनात होना चाहिए। सुबह आठ से दो बजे वाली शिफ्ट में ही सफाई हो रही है। शाम को दो से आठ और रात आठ से अगले दिन सुबह आठ बजे वाली शिफ्ट में सफाई ही नहीं की जाती। सफाई सुपरवाइजर नर्सिंग कर्मियों का फोन तक नहीं उठाते। हाल ही में एक ब्लॉक में सफाई को लेकर हुए विवाद हुआ था, लेकिन इसकी रिपोर्ट भी पीबीएम अधीक्षक तक नहीं पहुंचने दी गई। मुख्य नर्सिंग अधीक्षक हरी राम पड़िहार ने अपने स्तर पर ही मामला निपटा दिया। पड़िहार ने बताया कि ओटी में दो सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है, लेकिन दोनों में ही आपस में बनती नहीं है। इसलिए वहां विवाद हो गया। सफाई ठेकेदार और कर्मचारियों को हिदायत दे दी गई है। सभी वार्डों सफाई कर्मचारी हैं। शाम और रात में सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं तो चैक किया जाएगा।
2.70 करोड़ का एक साल का ठेका, मई में खत्म होगा
पीबीएम हॉस्पिटल में सफाई व्यवस्था का एक साल का ठेका 2 करोड़ 70 लाख में छूटा था। यह मई में खत्म हो जाएगा। सफाई के लिए श्रमिक, सामग्री और मशीनें उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी ठेकेदार की है। नर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि पूरे पीबीएम हॉस्पिटल में 300 पॉइंट पर तीनों शिफ्ट में सफाई रहनी चाहिए, लेकिन कर्मचारी होते ही नहीं है। पेमेंट लेने के लिए कागजों में खानापूर्ति की जा रही है। यूं तो सफाई के लिए मुख्य नर्सिंग अधीक्षक के अलावा तीन डॉक्टरों की कमेटी है, लेकिन मौके पर जाकर कोई चैक नहीं करता।
पीबीएम सरकारी अस्पताल है। यहां हजारों की संख्या में मरीज आते हैं। सफाई होने के बाद भी लोग गंदगी कर देते हैं। हालांकि सफाई पहले से सुधरी है। मेरे पास वार्डों से संतोषजनक सफाई की रिपोर्ट आती है। यदि सफाई नहीं होने की शिकायत मिलेगी तो ठेकेदार पर पेनल्टी लगाई जाएगी। -डॉ. प्रमोद कुमार सैनी, अधीक्षक
पीबीएम में राेज भर्ती हाे रहे इन्फ्लूएंजा के राेगी फिर भी सफाई नहीं : पीबीएम हाॅस्पिटल में वर्तमान में इन्फ्लूएंजा के राेगी बड़ी संख्या में आ रहोे हैं। डाॅक्टराें के अनुसार सर्दी, जुकाम, बुखार के राेजाना 100 राेगी आउटडोर पहुंच रहे हैं, जिनमें से 20-25 काे भर्ती करना पड़ रहा है। ऐसे में पीबीएम काे संक्रमण मुक्त रखने के लिए सफाई व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन शाम और रात की शिफ्ट में सफाई ही नहीं हाे रही। इससे संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पीबीएम में सफाई ठेका 2.70 करोड़ का, 300 श्रमिक, लेकिन शाम को नजर नहीं आते
संभाग के सबसे बड़े पीबीएम हॉस्पिटल की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इसे लेकर वार्ड और ऑपरेशन थिएटर में विवाद के हालात बनने लगे हैं।
पीबीएम के ए ब्लॉक के ऑपरेशन थिएटर में रात में सफाई नहीं होने पर विवाद हो गया। केवल ऑटी ही नहीं वार्डों में भी ऐसे ही हालात हैं। शाम होते ही सफाई कर्मचारी गायब हो जाते हैं। जबकि अधीक्षक के पास संतोषजनक सफाई की रिपोर्ट पहुंचती है।
पीबीएम के आठ ब्लॉक में सुपरवाइजर हैं। कुल 300 पॉइंट हैं। हर पॉइंट पर एक-एक सफाई कर्मचारी तैनात होना चाहिए। सुबह आठ से दो बजे वाली शिफ्ट में ही सफाई हो रही है। शाम को दो से आठ और रात आठ से अगले दिन सुबह आठ बजे वाली शिफ्ट में सफाई ही नहीं की जाती। सफाई सुपरवाइजर नर्सिंग कर्मियों का फोन तक नहीं उठाते। हाल ही में एक ब्लॉक में सफाई को लेकर हुए विवाद हुआ था, लेकिन इसकी रिपोर्ट भी पीबीएम अधीक्षक तक नहीं पहुंचने दी गई। मुख्य नर्सिंग अधीक्षक हरी राम पड़िहार ने अपने स्तर पर ही मामला निपटा दिया। पड़िहार ने बताया कि ओटी में दो सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है, लेकिन दोनों में ही आपस में बनती नहीं है। इसलिए वहां विवाद हो गया। सफाई ठेकेदार और कर्मचारियों को हिदायत दे दी गई है। सभी वार्डों सफाई कर्मचारी हैं। शाम और रात में सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं तो चैक किया जाएगा।
2.70 करोड़ का एक साल का ठेका, मई में खत्म होगा
पीबीएम हॉस्पिटल में सफाई व्यवस्था का एक साल का ठेका 2 करोड़ 70 लाख में छूटा था। यह मई में खत्म हो जाएगा। सफाई के लिए श्रमिक, सामग्री और मशीनें उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी ठेकेदार की है। नर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि पूरे पीबीएम हॉस्पिटल में 300 पॉइंट पर तीनों शिफ्ट में सफाई रहनी चाहिए, लेकिन कर्मचारी होते ही नहीं है। पेमेंट लेने के लिए कागजों में खानापूर्ति की जा रही है। यूं तो सफाई के लिए मुख्य नर्सिंग अधीक्षक के अलावा तीन डॉक्टरों की कमेटी है, लेकिन मौके पर जाकर कोई चैक नहीं करता।
पीबीएम सरकारी अस्पताल है। यहां हजारों की संख्या में मरीज आते हैं। सफाई होने के बाद भी लोग गंदगी कर देते हैं। हालांकि सफाई पहले से सुधरी है। मेरे पास वार्डों से संतोषजनक सफाई की रिपोर्ट आती है। यदि सफाई नहीं होने की शिकायत मिलेगी तो ठेकेदार पर पेनल्टी लगाई जाएगी। -डॉ. प्रमोद कुमार सैनी, अधीक्षक
पीबीएम में राेज भर्ती हाे रहे इन्फ्लूएंजा के राेगी फिर भी सफाई नहीं : पीबीएम हाॅस्पिटल में वर्तमान में इन्फ्लूएंजा के राेगी बड़ी संख्या में आ रहोे हैं। डाॅक्टराें के अनुसार सर्दी, जुकाम, बुखार के राेजाना 100 राेगी आउटडोर पहुंच रहे हैं, जिनमें से 20-25 काे भर्ती करना पड़ रहा है। ऐसे में पीबीएम काे संक्रमण मुक्त रखने के लिए सफाई व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन शाम और रात की शिफ्ट में सफाई ही नहीं हाे रही। इससे संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
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