27 January 2022 02:23 PM

बीकानेर, कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में 30 जनवरी तक शहरी इलाकों में स्कूल बंद हैं। इधर, प्रदेश में लगातार कोरोना के केस और मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में 31 जनवरी के बाद स्कूलों के खुलने की उम्मीद कम नजर आ रही है। 14 फरवरी के बाद कोरोना केस कम हुए तो स्कूल खुलने की संभावना बन सकती है। हालांकि शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने या नहीं खोलने को लेकर राज्य सरकार को किसी तरह का प्रस्ताव फिलहाल नहीं भेजा है, लेकिन ऐसी पूरी संभावना है कि स्कूल खोलने का निर्णय लेने में समय लगेगा। इस बीच, परीक्षाओं को लेकर भी संशय बना हुआ है।दरअसल, स्कूल खोलने या बंद रखने का फैसला, शिक्षा विभाग के बजाय हेल्थ डिपार्टमेंट करेगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ही स्कूल खुलेंगे। कोरोना के मौजूदा हालात देखते हुए लगता नहीं है कि हेल्थ डिपार्टमेंट ऐसी कोई मंजूरी देगा। बुधवार को ही राज्य के 33 में से सिर्फ छह जिलों में कोविड पॉजिटिव की संख्या सौ से कम रही है। तीन जिलों में तो यह हजार से ज्यादा थी। ऐसे में फरवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक ही स्कूल खुलने की संभावना बन सकती है।
परीक्षाओं के विकल्पों पर विचार कर रहा शिक्षा विभाग
फरवरी में भी स्कूल नहीं खुले तो गैर बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं होने पर संशय है। शिक्षा विभाग इन विकल्पों पर विचार कर रहा है कि किस तरह स्टूडेंट्स की मार्किंग की जा सकती है। हाफ ईयरली एग्जाम तक के मार्क्स स्कूल के पास हैं। इसी के आधार पर रिजल्ट दिया जा सकता है। शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों तीन महीने का शेड्यूल जारी कर दिया था। दरअसल, ये शेड्यूल भी इसी आधार पर निकाला गया है कि स्कूल मार्च तक नहीं खुले तो कैसे पढ़ाई करानी है।
बोर्ड परीक्षाएं होना तय
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की दसवीं और बारहवीं के साथ बोर्ड पैटर्न पर होने वाली आठवीं की परीक्षाएं होना तय माना जा रहा है। आठवीं बोर्ड के फॉर्म तीस जनवरी तक ही भरे जा रहे हैं। इसकी तारीख में बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल, कोरोना की पहली लहर में भी बोर्ड परीक्षाएं हुई थी। तब से इस बार रोगियों की संख्या कम है और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज भी बहुत कम हैं।
बीकानेर, कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में 30 जनवरी तक शहरी इलाकों में स्कूल बंद हैं। इधर, प्रदेश में लगातार कोरोना के केस और मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में 31 जनवरी के बाद स्कूलों के खुलने की उम्मीद कम नजर आ रही है। 14 फरवरी के बाद कोरोना केस कम हुए तो स्कूल खुलने की संभावना बन सकती है। हालांकि शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने या नहीं खोलने को लेकर राज्य सरकार को किसी तरह का प्रस्ताव फिलहाल नहीं भेजा है, लेकिन ऐसी पूरी संभावना है कि स्कूल खोलने का निर्णय लेने में समय लगेगा। इस बीच, परीक्षाओं को लेकर भी संशय बना हुआ है।दरअसल, स्कूल खोलने या बंद रखने का फैसला, शिक्षा विभाग के बजाय हेल्थ डिपार्टमेंट करेगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ही स्कूल खुलेंगे। कोरोना के मौजूदा हालात देखते हुए लगता नहीं है कि हेल्थ डिपार्टमेंट ऐसी कोई मंजूरी देगा। बुधवार को ही राज्य के 33 में से सिर्फ छह जिलों में कोविड पॉजिटिव की संख्या सौ से कम रही है। तीन जिलों में तो यह हजार से ज्यादा थी। ऐसे में फरवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक ही स्कूल खुलने की संभावना बन सकती है।
परीक्षाओं के विकल्पों पर विचार कर रहा शिक्षा विभाग
फरवरी में भी स्कूल नहीं खुले तो गैर बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं होने पर संशय है। शिक्षा विभाग इन विकल्पों पर विचार कर रहा है कि किस तरह स्टूडेंट्स की मार्किंग की जा सकती है। हाफ ईयरली एग्जाम तक के मार्क्स स्कूल के पास हैं। इसी के आधार पर रिजल्ट दिया जा सकता है। शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों तीन महीने का शेड्यूल जारी कर दिया था। दरअसल, ये शेड्यूल भी इसी आधार पर निकाला गया है कि स्कूल मार्च तक नहीं खुले तो कैसे पढ़ाई करानी है।
बोर्ड परीक्षाएं होना तय
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की दसवीं और बारहवीं के साथ बोर्ड पैटर्न पर होने वाली आठवीं की परीक्षाएं होना तय माना जा रहा है। आठवीं बोर्ड के फॉर्म तीस जनवरी तक ही भरे जा रहे हैं। इसकी तारीख में बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल, कोरोना की पहली लहर में भी बोर्ड परीक्षाएं हुई थी। तब से इस बार रोगियों की संख्या कम है और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज भी बहुत कम हैं।
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