17 July 2022 04:30 PM
जिले के नोखा तहसील मुख्यालय पर रविवार सुबह एक नकारा बजरी की खान धंस गई, जिससे उसके मुहाने पर बने मकान की दीवार खड्ढ़े में समा गई। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। हादसे की सूचना मिलने पर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। नोखा कस्बे के वार्ड नंबर 10 में रविवार सुबह बजरी की खान धंसने से रामस्वरूप बिश्नोई के घर के पास बनी पानी की कुंडी और गुलाराम जाट के मकान की आगे की दीवार भी बजरी की खान में समा गई और वहां गहरा गड्ढा हो गया है। मोहल्ले के युवक सुंदरलाल विश्नोई ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार सुबह अचानक सुशील चौधरी जो बिहार निवासी है और उसके साथ एक दर्जन से ज्यादा बिहारी मजदूर उस मकान में निवास करते है जिस समय हादसा हुआ गनीमत रहे के की वे बच गए अन्यथा बड़ा हादसा घटित हो सकता था।
नोखा कस्बे में बजरी की नकारा खानों पर मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं। जहां हादसा हुआ वह गली पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गयी है। मकान के कमरे अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं जो कभी भी जमीन में समा सकते हैं। मकान की पूरी दीवार जिसमें लोहे की खिड़की और अन्य सामान जमीन में बने लगभग 30 फुट चौड़ा और 70 फुट गहरे गड्ढे में समा गए जिसके बाद अचानक भय का माहौल बन गया।
जमीन धंसने की खबर जैसे ही किराए पर रहने वाले लोगों को मिली वे अपना बोरिया बिस्तर सामान समेटकर वहां से रवाना हो गए। बजऱी की नकारा खान धंसने से दो गलियों के रास्ते पूरी तरह बंद हो गए और वहां गहरा गड्ढा बन गया है। बजऱी की एक अन्य स्थान पर भी उस स्थान से 50 फिट पास ही एक ओर खान धंस गयी जिसके कारण राजूराम राणा की मकान की दीवार मैं बड़ी दरारें आ गई है और मुख्य सड़क पर गहरा गड्ढा हो गया है जिसके बाद वहां से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। बजरी की खान धंसने की जानकारी मिलने के बाद में निवास करने वाले लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
जिले के नोखा तहसील मुख्यालय पर रविवार सुबह एक नकारा बजरी की खान धंस गई, जिससे उसके मुहाने पर बने मकान की दीवार खड्ढ़े में समा गई। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। हादसे की सूचना मिलने पर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। नोखा कस्बे के वार्ड नंबर 10 में रविवार सुबह बजरी की खान धंसने से रामस्वरूप बिश्नोई के घर के पास बनी पानी की कुंडी और गुलाराम जाट के मकान की आगे की दीवार भी बजरी की खान में समा गई और वहां गहरा गड्ढा हो गया है। मोहल्ले के युवक सुंदरलाल विश्नोई ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार सुबह अचानक सुशील चौधरी जो बिहार निवासी है और उसके साथ एक दर्जन से ज्यादा बिहारी मजदूर उस मकान में निवास करते है जिस समय हादसा हुआ गनीमत रहे के की वे बच गए अन्यथा बड़ा हादसा घटित हो सकता था।
नोखा कस्बे में बजरी की नकारा खानों पर मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं। जहां हादसा हुआ वह गली पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गयी है। मकान के कमरे अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं जो कभी भी जमीन में समा सकते हैं। मकान की पूरी दीवार जिसमें लोहे की खिड़की और अन्य सामान जमीन में बने लगभग 30 फुट चौड़ा और 70 फुट गहरे गड्ढे में समा गए जिसके बाद अचानक भय का माहौल बन गया।
जमीन धंसने की खबर जैसे ही किराए पर रहने वाले लोगों को मिली वे अपना बोरिया बिस्तर सामान समेटकर वहां से रवाना हो गए। बजऱी की नकारा खान धंसने से दो गलियों के रास्ते पूरी तरह बंद हो गए और वहां गहरा गड्ढा बन गया है। बजऱी की एक अन्य स्थान पर भी उस स्थान से 50 फिट पास ही एक ओर खान धंस गयी जिसके कारण राजूराम राणा की मकान की दीवार मैं बड़ी दरारें आ गई है और मुख्य सड़क पर गहरा गड्ढा हो गया है जिसके बाद वहां से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। बजरी की खान धंसने की जानकारी मिलने के बाद में निवास करने वाले लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
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21 September 2021 10:37 AM
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