02 March 2023 06:12 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर, 1 मार्च। यहां डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे 'राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव' में बुधवार शाम सुनील कुलकर्णी की शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।
पंडित प्रभाकर कारेकर के ग्वालियर घराने से जुड़े कुलकर्णी ने शहाना करनड़ा, झपताल बंदिश, द्रुत में एक ताल की ओ रे गाओ, रिझाओ... गुणीअन के संग गाओ पेशकश से श्रोताओं का मन मोह लिया। इसके साथ ही उन्होंने राग बहार में बेलरिया फूली की प्रस्तुति दी, वहीं आज मुझे रघुवर की सुध आई.. भजन से माहौल भक्तिमय बना दिया। उनके साथ तबले पर पंडित जितेंद्र और हारमोनियम पर कौशिक मित्रा ने संगत की।
स्थानीय कलाकारों ने दिखाई प्रतिभा—
डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे 'राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव' में बुधवार शाम स्थानीय कलाकारों ने शानदार कार्यक्रम पेश कर अपने अपने हुनर का बेहतरीन प्रदर्शन किया। बसंत ओझा ने बांसुरी से जब राजस्थानी गीतों की धुनें निकाली तो मरुधरा की माटी महक उठी। रविंद्र सिंह की गजलों ने सुधी श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। कॉमेडियन मुरारीलाल पारीक ने दादी के रूप में अपनी टीम के साथ हास्य प्रस्तुती से दर्शकों को खूब हंसाया, तो महेशराम मेघवाल ने भजन गायकी से माहौल भक्तिमय बना दिया, वहीं लियाकत अली एंड पार्टी के सूफी गानों ने लोगों का दिल जीत लिया।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर, 1 मार्च। यहां डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे 'राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव' में बुधवार शाम सुनील कुलकर्णी की शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।
पंडित प्रभाकर कारेकर के ग्वालियर घराने से जुड़े कुलकर्णी ने शहाना करनड़ा, झपताल बंदिश, द्रुत में एक ताल की ओ रे गाओ, रिझाओ... गुणीअन के संग गाओ पेशकश से श्रोताओं का मन मोह लिया। इसके साथ ही उन्होंने राग बहार में बेलरिया फूली की प्रस्तुति दी, वहीं आज मुझे रघुवर की सुध आई.. भजन से माहौल भक्तिमय बना दिया। उनके साथ तबले पर पंडित जितेंद्र और हारमोनियम पर कौशिक मित्रा ने संगत की।
स्थानीय कलाकारों ने दिखाई प्रतिभा—
डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे 'राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव' में बुधवार शाम स्थानीय कलाकारों ने शानदार कार्यक्रम पेश कर अपने अपने हुनर का बेहतरीन प्रदर्शन किया। बसंत ओझा ने बांसुरी से जब राजस्थानी गीतों की धुनें निकाली तो मरुधरा की माटी महक उठी। रविंद्र सिंह की गजलों ने सुधी श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। कॉमेडियन मुरारीलाल पारीक ने दादी के रूप में अपनी टीम के साथ हास्य प्रस्तुती से दर्शकों को खूब हंसाया, तो महेशराम मेघवाल ने भजन गायकी से माहौल भक्तिमय बना दिया, वहीं लियाकत अली एंड पार्टी के सूफी गानों ने लोगों का दिल जीत लिया।
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