17 May 2022 01:17 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार नहरबंदी 20 मई काे खत्म हाे रही है। उसके बाद राजस्थान काे नहर से पीने के लिए साफ पानी मिलेगा। पंजाब सरकार पानी साफ करने की काेशिश में जुटा हुआ है। पॉल्यूशन कंट्रोल बाेर्ड ने जांच के लिए पानी की सैंपलिंग शुरू कर दी है। राजस्थान के दस जिलाें काे पीने के लिए नहर से पहली बार साफ पानी मिलेगा। पंजाब पॉल्यूशन बाेर्ड ने केमिकल युक्त पानी की जांच का काम शुरू कर दिया है। पानी पीने याेग्य हाेने पर ही हरीके बैराज से छाेड़ा जाएगा। वर्ना उसे पाकिस्तान में छाेड़ देंगे। पिछले साल नहरबंदी के बाद केमिकल युक्त पानी राजस्थान के लिए छाेड़ा गया था। इसे लेकर राज्य सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। मामला एनजीटी तक पहुंचा ताे केन्द्र सरकार गंभीर हुई।
दरअसल नहरबंदी के कारण राजस्थान का पानी राेक दिया गया है। ऐसे में पंजाब में केमिकल युक्त पानी इकट्ठा हाे रहा है। उसे पाकिस्तान की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है। यह करीब 40 हजार क्यूसेक पानी हाेगा, जाे पाकिस्तान चला जाएगा। उसके बाद साफ पानी आने पर उसे राजस्थान के लिए छाेड़ दिया जाएगा। हालांकि यह बड़ा लाॅस है। यह पानी साफ हाेता ताे इससे राजस्थान के दस जिलाें की प्यास बुझाई जा सकती थी। बता दें, पिछले साल केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बाेर्ड और पंजाब पॉल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड की एक हाईपावर कमेटी बनाई थी जिसकी देखरेख में केमिकल युक्त पानी पाकिस्तान छाेड़ने और साफ पानी राजस्थान काे देने का निर्णय हुआ था। गाैरतलब है कि सिंचाई के पानी के वक्त बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बाडमेर, जाेधपुर, सीकर, झुंझुनूं और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों में करीब 1050 क्यूसेक पानी पेयजल के लिए दिया जाता है। इसे अनिवार्य आवश्यकता का पानी कहते हैं।
सतलुज में गंदगी, हमें मिलता है रावी-व्यास का पानी फिर हरिके पर केमिकल क्याें
पंजाब के जालंधर, लुधियाना समेत कई शहराें की फैक्ट्रियों का गंदा केमिकल युक्त पानी सतलुज नदी में गिरता है। राजस्थान काे रावी-व्यास नदी से पानी मिलता है लेकिन हरिके बैराज से ठीक पहले रावी-व्यास नदी में सतलुज का पानी आकर मिल जाता है जाे हरिके बैराज पर जमा हाेता है। 30 दिन की नहरबंदी के कारण केमिकल हरिके बैराज के पास आकर पानी में घुल जाता है।
इधर.. शहर में 20 मई से बढ़ेगी किल्लत
शाेभासर जलाशय काे नहर से पानी मिल गया इसलिए यहां ज्यादा किल्लत नहीं है। लेकिन बीछवाल जलाशय का स्तर चार मीटर तक अा गया। इसमें नीचे एक मीटर मिट्टी जमी है। यानी पानी सिर्फ तीन मीटर ही बचा है। राेज 25 सेंटीमीटर जलाशय खाली हाेता है। इस लिहाज से 12 दिन का पानी बचा। नहरबंदी 20 काे खत्म हाेगी। 21 काे हरिके से पानी छाेड़ा जाएगा। बीछवाल पानी आते-आते 25 मई हा़े जाएगी। ऐसे में अंत के दिनाें में एक या दाे बार दाे दिन छाेड़कर भी पानी देने पर विचार किया जा सकता है।
गंदगी पंजाब की, हमारे हिस्से का 19 हजार क्यूसेक पानी भी पाक चला जाता है
पाैंग डैम में राजस्थान की 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी पानी की है। हरिके बैराज पर केमिकल पंजाब की फैक्ट्रियों का है। इस लिहाज से पाकिस्तान की ओर छाेड़ा जाने वाला पानी पूरा पंजाब के हिस्से का हाेना चाहिए लेकिन आने वाले सात दिनाें में जाे 40 हजार क्यूसेक पानी छाेड़ा जाएगा उसमें राजस्थान के हिस्से का 19 हजार क्यूसेक पानी भी जाएगा। राजस्थान के अभियंता लगातार ये बात बीबीएमबी के सामने रख रहे हैं कि पंजाब की गंदगी का नुकसान राजस्थान क्याें भुगते लेकिन हरिके पर पंजाब का पूरा नियंत्रण हाेने के कारण राजस्थान की काेई सुनवाई नहीं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार नहरबंदी 20 मई काे खत्म हाे रही है। उसके बाद राजस्थान काे नहर से पीने के लिए साफ पानी मिलेगा। पंजाब सरकार पानी साफ करने की काेशिश में जुटा हुआ है। पॉल्यूशन कंट्रोल बाेर्ड ने जांच के लिए पानी की सैंपलिंग शुरू कर दी है। राजस्थान के दस जिलाें काे पीने के लिए नहर से पहली बार साफ पानी मिलेगा। पंजाब पॉल्यूशन बाेर्ड ने केमिकल युक्त पानी की जांच का काम शुरू कर दिया है। पानी पीने याेग्य हाेने पर ही हरीके बैराज से छाेड़ा जाएगा। वर्ना उसे पाकिस्तान में छाेड़ देंगे। पिछले साल नहरबंदी के बाद केमिकल युक्त पानी राजस्थान के लिए छाेड़ा गया था। इसे लेकर राज्य सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। मामला एनजीटी तक पहुंचा ताे केन्द्र सरकार गंभीर हुई।
दरअसल नहरबंदी के कारण राजस्थान का पानी राेक दिया गया है। ऐसे में पंजाब में केमिकल युक्त पानी इकट्ठा हाे रहा है। उसे पाकिस्तान की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है। यह करीब 40 हजार क्यूसेक पानी हाेगा, जाे पाकिस्तान चला जाएगा। उसके बाद साफ पानी आने पर उसे राजस्थान के लिए छाेड़ दिया जाएगा। हालांकि यह बड़ा लाॅस है। यह पानी साफ हाेता ताे इससे राजस्थान के दस जिलाें की प्यास बुझाई जा सकती थी। बता दें, पिछले साल केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बाेर्ड और पंजाब पॉल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड की एक हाईपावर कमेटी बनाई थी जिसकी देखरेख में केमिकल युक्त पानी पाकिस्तान छाेड़ने और साफ पानी राजस्थान काे देने का निर्णय हुआ था। गाैरतलब है कि सिंचाई के पानी के वक्त बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बाडमेर, जाेधपुर, सीकर, झुंझुनूं और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों में करीब 1050 क्यूसेक पानी पेयजल के लिए दिया जाता है। इसे अनिवार्य आवश्यकता का पानी कहते हैं।
सतलुज में गंदगी, हमें मिलता है रावी-व्यास का पानी फिर हरिके पर केमिकल क्याें
पंजाब के जालंधर, लुधियाना समेत कई शहराें की फैक्ट्रियों का गंदा केमिकल युक्त पानी सतलुज नदी में गिरता है। राजस्थान काे रावी-व्यास नदी से पानी मिलता है लेकिन हरिके बैराज से ठीक पहले रावी-व्यास नदी में सतलुज का पानी आकर मिल जाता है जाे हरिके बैराज पर जमा हाेता है। 30 दिन की नहरबंदी के कारण केमिकल हरिके बैराज के पास आकर पानी में घुल जाता है।
इधर.. शहर में 20 मई से बढ़ेगी किल्लत
शाेभासर जलाशय काे नहर से पानी मिल गया इसलिए यहां ज्यादा किल्लत नहीं है। लेकिन बीछवाल जलाशय का स्तर चार मीटर तक अा गया। इसमें नीचे एक मीटर मिट्टी जमी है। यानी पानी सिर्फ तीन मीटर ही बचा है। राेज 25 सेंटीमीटर जलाशय खाली हाेता है। इस लिहाज से 12 दिन का पानी बचा। नहरबंदी 20 काे खत्म हाेगी। 21 काे हरिके से पानी छाेड़ा जाएगा। बीछवाल पानी आते-आते 25 मई हा़े जाएगी। ऐसे में अंत के दिनाें में एक या दाे बार दाे दिन छाेड़कर भी पानी देने पर विचार किया जा सकता है।
गंदगी पंजाब की, हमारे हिस्से का 19 हजार क्यूसेक पानी भी पाक चला जाता है
पाैंग डैम में राजस्थान की 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी पानी की है। हरिके बैराज पर केमिकल पंजाब की फैक्ट्रियों का है। इस लिहाज से पाकिस्तान की ओर छाेड़ा जाने वाला पानी पूरा पंजाब के हिस्से का हाेना चाहिए लेकिन आने वाले सात दिनाें में जाे 40 हजार क्यूसेक पानी छाेड़ा जाएगा उसमें राजस्थान के हिस्से का 19 हजार क्यूसेक पानी भी जाएगा। राजस्थान के अभियंता लगातार ये बात बीबीएमबी के सामने रख रहे हैं कि पंजाब की गंदगी का नुकसान राजस्थान क्याें भुगते लेकिन हरिके पर पंजाब का पूरा नियंत्रण हाेने के कारण राजस्थान की काेई सुनवाई नहीं।
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