03 April 2023 02:34 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर .
श्रीगंगानगर मार्ग पर अंडरपास बनकर तैयार, जल्द शुरू होगा आवागमन
- किया जा रहा रंग-रोगन का कार्य, डिवाइडर व सर्विस रोड का निर्माण जारी हनुमानगढ़. श्रीगंगानगर फाटक पर अंडरपास पर आवागमन जल्द ही शुरू होने वाला है। वर्तमान में रंग रोगन का कार्य किया जा रहा है। वहीं लाल चौक के पास डिवाइडर का निर्माण व सर्विस रोड का निर्माण जारी है। जानकारी के अनुसार केवल सौंदर्यीकरण का कार्य शेष है। अप्रेल के अंतिम सप्ताह या फिर मई में इस अंडरपास से आवागमन शुरू होने की संभावना है। श्रीगंगानगर रेलवे फाटक बंद होने के कारण रूट को सूरतगढ़ मार्ग व सिविल लाइन की तरफ से वाहन गुजर रहें हैं। अंडरपास शुरू होने से वाहन चालकों को इस तरह की परेशानी जूझना नहीं पड़ेगा। राज्य सरकार ने अंडरपास के लिए २५ करोड़ का बजट पारित किया था। इसमें से १८.६० करोड़ रुपए अंडरपास के निर्माण पर खर्च होंगे। शेष राशि रेलवे को यूटिलिटी चार्ज व अन्य निर्माण कार्यों पर खर्च करने के लिए आरक्षित किए गए थे। पीडब्ल्यूडी का दावा है कि संभाग का सबसे बड़ा अंडरपास होगा। डबल बॉक्स के अंडरपास में ट्रोले की आवाजाही भी आसानी से होगी। इसके निर्माण के दौरान साढ़े पांच मीटर बाय साढ़े पांच मीटर के १५ डबल बॉक्स रेलवे लाइन के नीचे रखे गए हैं। अंडरपास के ऊपर गंगमूल डेयरी व हाउसिंग बोर्ड आने-जाने के लिए मार्ग तैयार किया गया है। वहीं स्थानीय लोगों को आने व जाने के लिए साढ़े पांच चौड़ाई की सर्विस रोड भी होगी।
यह कार्य भी हो चुके
श्रीगंगानगर मार्ग पर सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण हटाकर नाले का निर्माण करवाया जा चुका है। इस नाले का निर्माण प्रीकास्ट सीमेंट ब्लॉक लगाकर किया गया है। इस पर करीब डेढ़ करोड़ की लागत आई है। वहीं जंक्शन के सेक्टर १२ व वार्ड १०, धानमंडी के सामने वाले इलाके में गंदे पानी की निकासी की समस्या नहीं रहेगी।
ओवरब्रिज का होना चाहिए था निर्माण
श्रीगंगानगर फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण होना चाहिए था। लेकिन कई व्यापारियों की मांग के चलते इसे अंडरपास में तब्दील कर दिया गया था। लोगों का तर्क है कि भारी वाहनों की आवाजाही संभव नहीं होगी। बारिश के दौरान लोगों को परेशानी होगी। इनकी माने तो दिल्ली में इस तरह के अंडरपास पर बारिश के दौरान जलभराव होता है। तो ऐसे में मूसलाधार बारिश के दौरान यहां भी समस्या आएगा। हालांकि सार्वजनिक निर्माण विभाग का दावा है कि बारिश के बचाव के लिए दोनों तरफ शैड है। इससे जलभराव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि आरओबी निर्माण पर ४५ करोड़ की लागत प्रस्तावित थी। इसमें २० करोड़ रुपए रेलवे की ओर से खर्च करने का प्रस्ताव था तो २५ करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाने थे। इस प्रस्ताव में बदलाव होने पर ओवरब्रिज की जगह अंडरपास निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। इसके पश्चात राज्य सरकार ने श्रीगंगानगर फाटक पर २५ करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया था।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर .
श्रीगंगानगर मार्ग पर अंडरपास बनकर तैयार, जल्द शुरू होगा आवागमन
- किया जा रहा रंग-रोगन का कार्य, डिवाइडर व सर्विस रोड का निर्माण जारी हनुमानगढ़. श्रीगंगानगर फाटक पर अंडरपास पर आवागमन जल्द ही शुरू होने वाला है। वर्तमान में रंग रोगन का कार्य किया जा रहा है। वहीं लाल चौक के पास डिवाइडर का निर्माण व सर्विस रोड का निर्माण जारी है। जानकारी के अनुसार केवल सौंदर्यीकरण का कार्य शेष है। अप्रेल के अंतिम सप्ताह या फिर मई में इस अंडरपास से आवागमन शुरू होने की संभावना है। श्रीगंगानगर रेलवे फाटक बंद होने के कारण रूट को सूरतगढ़ मार्ग व सिविल लाइन की तरफ से वाहन गुजर रहें हैं। अंडरपास शुरू होने से वाहन चालकों को इस तरह की परेशानी जूझना नहीं पड़ेगा। राज्य सरकार ने अंडरपास के लिए २५ करोड़ का बजट पारित किया था। इसमें से १८.६० करोड़ रुपए अंडरपास के निर्माण पर खर्च होंगे। शेष राशि रेलवे को यूटिलिटी चार्ज व अन्य निर्माण कार्यों पर खर्च करने के लिए आरक्षित किए गए थे। पीडब्ल्यूडी का दावा है कि संभाग का सबसे बड़ा अंडरपास होगा। डबल बॉक्स के अंडरपास में ट्रोले की आवाजाही भी आसानी से होगी। इसके निर्माण के दौरान साढ़े पांच मीटर बाय साढ़े पांच मीटर के १५ डबल बॉक्स रेलवे लाइन के नीचे रखे गए हैं। अंडरपास के ऊपर गंगमूल डेयरी व हाउसिंग बोर्ड आने-जाने के लिए मार्ग तैयार किया गया है। वहीं स्थानीय लोगों को आने व जाने के लिए साढ़े पांच चौड़ाई की सर्विस रोड भी होगी।
यह कार्य भी हो चुके
श्रीगंगानगर मार्ग पर सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण हटाकर नाले का निर्माण करवाया जा चुका है। इस नाले का निर्माण प्रीकास्ट सीमेंट ब्लॉक लगाकर किया गया है। इस पर करीब डेढ़ करोड़ की लागत आई है। वहीं जंक्शन के सेक्टर १२ व वार्ड १०, धानमंडी के सामने वाले इलाके में गंदे पानी की निकासी की समस्या नहीं रहेगी।
ओवरब्रिज का होना चाहिए था निर्माण
श्रीगंगानगर फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण होना चाहिए था। लेकिन कई व्यापारियों की मांग के चलते इसे अंडरपास में तब्दील कर दिया गया था। लोगों का तर्क है कि भारी वाहनों की आवाजाही संभव नहीं होगी। बारिश के दौरान लोगों को परेशानी होगी। इनकी माने तो दिल्ली में इस तरह के अंडरपास पर बारिश के दौरान जलभराव होता है। तो ऐसे में मूसलाधार बारिश के दौरान यहां भी समस्या आएगा। हालांकि सार्वजनिक निर्माण विभाग का दावा है कि बारिश के बचाव के लिए दोनों तरफ शैड है। इससे जलभराव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि आरओबी निर्माण पर ४५ करोड़ की लागत प्रस्तावित थी। इसमें २० करोड़ रुपए रेलवे की ओर से खर्च करने का प्रस्ताव था तो २५ करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाने थे। इस प्रस्ताव में बदलाव होने पर ओवरब्रिज की जगह अंडरपास निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। इसके पश्चात राज्य सरकार ने श्रीगंगानगर फाटक पर २५ करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया था।
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