14 May 2022 02:54 PM

जोग संजोग टाइम्स,
कोरोना के बाद लोगों में कैश से ज्यादा डिजिटल या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का उपयोग बढ़ गया है। जानकारों के अनुसार इसमें पिछले दो सालों में 40 फीसदी तक की तेजी देखी गई है। ऐसे में लोगों द्वारा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग का प्रयोग बढ़ गया है। क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यूजर पैसे नहीं होने पर भी अपनी जरूरतों को पूरा कर सकता हैं। कई बैंक कई तरह ही ऑफर्स के साथ क्रेडिट कार्ड की सुविधा देती हैं, जिससे लोगों को काफी फायदा मिलता है। वहीं ऑनलाइन शॉपिंग में भी क्रेडिट कार्ड पर कई तरह के ऑफर्स दिए जाते हैं। यही वजह है कि लोगों अब यह काफी पसंद आ रहा है। क्रेडिट कार्ड लेने से पहले बेहद जरूरी है कि इस दौरान आप कुछ बातों का ख्याल रखें, ताकि आगे चलकर आपको किसी प्रकार के नुकसान का सामना नहीं करना पड़े। अगर आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं, तो पहले देखें कि कंपनी आपसे कितनी सालाना फीस वसूल रही है, इसके बाद कोई निर्णय लेने। क्रेडिट कार्ड खरीदते समय आपको जॉइनिंग फीस पर भी जरूर ध्यान देना चाहिए। कई कंपनियां आपसे बहुत अधिक जॉइनिंग फीस वसूलती है। इसके अलावा आपको क्रेडिट कार्ड लेते समय क्रेडिट कार्ड की बिलिंग डेट में फ्लेक्सिबिलिटी को भी देखना चाहिए। क्योंकि अगर गलती से पेमेंट डेट गुजर जाए तो बैंक कितना चार्ज लगाएगा ये जानना बहुत जरूरी है।
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में होता है दो ऑप्शन
जब आप अपना क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट देखेंगे तो बिल में पेमेंट के दो ऑप्शन दिखाई देते हैं। टोटल आउटस्टेंडिंग अमाउंट और मिनिमम अमाउंट ड्यू। पहला वाला ऑप्शन एकदम सीधा सपाट है लेकिन, दूसरे ऑप्शन को देखकर थोड़ी गलतफहमी हो सकती है।
क्या है मिनिमम अमाउंट ड्यू
मिनिमम अमाउंट ड्यू आपके टोटल बिल अमाउंट का एक छोटा-सा हिस्सा है। इसे आपको अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जारी रखने के लिए बिल पेमेंट की अंतिम समय सीमा के भीतर चुका देना जरूरी होता है। ऐसा करके लेट पेमेंट फीस जैसी अतिरिक्त पेनाल्टी से बचा जा सकता हैं, लेकिन सबसे जरूरी बात, यदि आप सिर्फ मिनिमम अमाउंट ड्यू का पेमेंट करेंगे, तो आपको बाकी के बिल अमाउंट पर इंटरेस्ट (आम तौर पर 3 से 4त्न प्रति महीने की दर से) देना पड़ेगा। मतलब कि सालाना 30 से 40 फीसदी का उच्च ब्याज देना होगा। वह भी उस दिन से देना होगा, जिस दिन आपने खरीदारी की है।
कैसे होता है कैलकुलेशन
मिनिमम अमाउंट ड्यू, आम तौर पर स्टेटमेंट डेट को कैलकुलेट किए गए आपके आउटस्टैंडिंग बैलेंस का पांच फीसदी होता है। लेकिन यह राशि अलग-अलग बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग हो सकती है। यदि आपके क्रेडिट कार्ड बिल मेें टोटल आउटस्टेंडिंग की राशि ज्यादा होगी, तो यह उस राशि के पांच फीसदी से कम भी हो सकती है। यदि कुल बिल की राशि कम होगी तो यह पांच फीसदी के आसपास भी हो सकती है।
जोग संजोग टाइम्स,
कोरोना के बाद लोगों में कैश से ज्यादा डिजिटल या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का उपयोग बढ़ गया है। जानकारों के अनुसार इसमें पिछले दो सालों में 40 फीसदी तक की तेजी देखी गई है। ऐसे में लोगों द्वारा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग का प्रयोग बढ़ गया है। क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यूजर पैसे नहीं होने पर भी अपनी जरूरतों को पूरा कर सकता हैं। कई बैंक कई तरह ही ऑफर्स के साथ क्रेडिट कार्ड की सुविधा देती हैं, जिससे लोगों को काफी फायदा मिलता है। वहीं ऑनलाइन शॉपिंग में भी क्रेडिट कार्ड पर कई तरह के ऑफर्स दिए जाते हैं। यही वजह है कि लोगों अब यह काफी पसंद आ रहा है। क्रेडिट कार्ड लेने से पहले बेहद जरूरी है कि इस दौरान आप कुछ बातों का ख्याल रखें, ताकि आगे चलकर आपको किसी प्रकार के नुकसान का सामना नहीं करना पड़े। अगर आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं, तो पहले देखें कि कंपनी आपसे कितनी सालाना फीस वसूल रही है, इसके बाद कोई निर्णय लेने। क्रेडिट कार्ड खरीदते समय आपको जॉइनिंग फीस पर भी जरूर ध्यान देना चाहिए। कई कंपनियां आपसे बहुत अधिक जॉइनिंग फीस वसूलती है। इसके अलावा आपको क्रेडिट कार्ड लेते समय क्रेडिट कार्ड की बिलिंग डेट में फ्लेक्सिबिलिटी को भी देखना चाहिए। क्योंकि अगर गलती से पेमेंट डेट गुजर जाए तो बैंक कितना चार्ज लगाएगा ये जानना बहुत जरूरी है।
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में होता है दो ऑप्शन
जब आप अपना क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट देखेंगे तो बिल में पेमेंट के दो ऑप्शन दिखाई देते हैं। टोटल आउटस्टेंडिंग अमाउंट और मिनिमम अमाउंट ड्यू। पहला वाला ऑप्शन एकदम सीधा सपाट है लेकिन, दूसरे ऑप्शन को देखकर थोड़ी गलतफहमी हो सकती है।
क्या है मिनिमम अमाउंट ड्यू
मिनिमम अमाउंट ड्यू आपके टोटल बिल अमाउंट का एक छोटा-सा हिस्सा है। इसे आपको अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जारी रखने के लिए बिल पेमेंट की अंतिम समय सीमा के भीतर चुका देना जरूरी होता है। ऐसा करके लेट पेमेंट फीस जैसी अतिरिक्त पेनाल्टी से बचा जा सकता हैं, लेकिन सबसे जरूरी बात, यदि आप सिर्फ मिनिमम अमाउंट ड्यू का पेमेंट करेंगे, तो आपको बाकी के बिल अमाउंट पर इंटरेस्ट (आम तौर पर 3 से 4त्न प्रति महीने की दर से) देना पड़ेगा। मतलब कि सालाना 30 से 40 फीसदी का उच्च ब्याज देना होगा। वह भी उस दिन से देना होगा, जिस दिन आपने खरीदारी की है।
कैसे होता है कैलकुलेशन
मिनिमम अमाउंट ड्यू, आम तौर पर स्टेटमेंट डेट को कैलकुलेट किए गए आपके आउटस्टैंडिंग बैलेंस का पांच फीसदी होता है। लेकिन यह राशि अलग-अलग बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग हो सकती है। यदि आपके क्रेडिट कार्ड बिल मेें टोटल आउटस्टेंडिंग की राशि ज्यादा होगी, तो यह उस राशि के पांच फीसदी से कम भी हो सकती है। यदि कुल बिल की राशि कम होगी तो यह पांच फीसदी के आसपास भी हो सकती है।
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