26 April 2022 03:57 PM
जोग संजोग टाइम्स,
देश के बड़े शहरों में बिगड़ैल रईसजादों के लिए बिकने वाले महंगे नशे के अब छोटे शहरों और कस्बों में नए ड्रग अड्डे बन रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनके तार गांवों में बैठे साधारण युवाओं तक जुड़ गए हैं। छोटे-छोटे कस्बों के चौराहों और गली मोहल्ला में व्हाट्स ऐप पर डिलिवरी का एक नया चैनल बन गया है।
एक दिन पहले नागौर जिले के खींवसर के बिरलोका में पुलिस ने 27 साल के ग्रामीण युवा के पास से प्रतिबंधित ड्रग्स एमडी एम ए पकड़ी है। आरोपी युवक से 10.95 ग्राम एमडी ड्रग जब्त की गई, जिसकी कीमत करीब 30 हजार रुपए है। पकड़ा गया युवक अपने पास एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा लेकर चौराहे पर इसे बेच रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से 7 हजार 500 रुपए भी बरामद किए थे। इससे पहले भी नागौर के कई थाना क्षेत्रों में एमडी पकड़ी गई है। कभी-कभार छोटी-मोती कार्रवाई कर इक्का-दुक्का पैडलर को पकड़ा भी जाता है। लेकिन, अब तक कोई भी बड़ा एमडी तस्कर पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है और न ही पुलिस इसके नेटवर्क का खुलासा कर पाई है।
खींवसर SHO गोपालकृष्ण ने बताया कि ओमप्रकाश पुत्र सज्जनराम जाट (27) निवासी बिरलोका को बिरलोका चौराहे पर एमडी एम ए बेचते पकड़ा गया। उसके पास से 10.95 ग्राम एमडी, एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा और बिक्री के 7 हजार 500 रुपए भी बरामद किए थे। ओमप्रकाश ने पूछताछ में बताया कि एमडी के लिए ग्राहक खुद उसकी तलाश करते हुए आ जाते है। इस महंगे नशे की तलब रखने वाले युवाओं की तादाद दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वो आसोप से थोड़ा-थोड़ा एमडी तस्करों से खरीद कर लता है और यहां युवाओं को बेच देता है। फिलहाल इन्वेस्टिगेशन चल रही है।
पिछले 2 साल में तेजी से बढ़ी एमडी ड्रग की डिमांड
नागौर जैसे ग्रामीण परिवेश के जिले में पिछले 2 साल में एमडी ड्रग की डिमांड तेजी से बढ़ी है। हालांकि शराब, अफीम और डोडा अब भी एमडी से ज्यादा जब्त किए जाने वाले नशीला पदार्थ है। स्मैक ड्रग्स में एमडी का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। इसे अवैध तरीके से विदेशों से भारत लाया जा रहा है। चिंता की बात ये है कि इस प्रतिबंधित ड्रग्स को अब बड़े शहरों से गांवों तक पहुंचाया जा रहा है।
जोग संजोग टाइम्स,
देश के बड़े शहरों में बिगड़ैल रईसजादों के लिए बिकने वाले महंगे नशे के अब छोटे शहरों और कस्बों में नए ड्रग अड्डे बन रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनके तार गांवों में बैठे साधारण युवाओं तक जुड़ गए हैं। छोटे-छोटे कस्बों के चौराहों और गली मोहल्ला में व्हाट्स ऐप पर डिलिवरी का एक नया चैनल बन गया है।
एक दिन पहले नागौर जिले के खींवसर के बिरलोका में पुलिस ने 27 साल के ग्रामीण युवा के पास से प्रतिबंधित ड्रग्स एमडी एम ए पकड़ी है। आरोपी युवक से 10.95 ग्राम एमडी ड्रग जब्त की गई, जिसकी कीमत करीब 30 हजार रुपए है। पकड़ा गया युवक अपने पास एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा लेकर चौराहे पर इसे बेच रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से 7 हजार 500 रुपए भी बरामद किए थे। इससे पहले भी नागौर के कई थाना क्षेत्रों में एमडी पकड़ी गई है। कभी-कभार छोटी-मोती कार्रवाई कर इक्का-दुक्का पैडलर को पकड़ा भी जाता है। लेकिन, अब तक कोई भी बड़ा एमडी तस्कर पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है और न ही पुलिस इसके नेटवर्क का खुलासा कर पाई है।
खींवसर SHO गोपालकृष्ण ने बताया कि ओमप्रकाश पुत्र सज्जनराम जाट (27) निवासी बिरलोका को बिरलोका चौराहे पर एमडी एम ए बेचते पकड़ा गया। उसके पास से 10.95 ग्राम एमडी, एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा और बिक्री के 7 हजार 500 रुपए भी बरामद किए थे। ओमप्रकाश ने पूछताछ में बताया कि एमडी के लिए ग्राहक खुद उसकी तलाश करते हुए आ जाते है। इस महंगे नशे की तलब रखने वाले युवाओं की तादाद दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वो आसोप से थोड़ा-थोड़ा एमडी तस्करों से खरीद कर लता है और यहां युवाओं को बेच देता है। फिलहाल इन्वेस्टिगेशन चल रही है।
पिछले 2 साल में तेजी से बढ़ी एमडी ड्रग की डिमांड
नागौर जैसे ग्रामीण परिवेश के जिले में पिछले 2 साल में एमडी ड्रग की डिमांड तेजी से बढ़ी है। हालांकि शराब, अफीम और डोडा अब भी एमडी से ज्यादा जब्त किए जाने वाले नशीला पदार्थ है। स्मैक ड्रग्स में एमडी का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। इसे अवैध तरीके से विदेशों से भारत लाया जा रहा है। चिंता की बात ये है कि इस प्रतिबंधित ड्रग्स को अब बड़े शहरों से गांवों तक पहुंचाया जा रहा है।
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