14 November 2022 12:55 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मंडल का रेलखंड कोहरे से सबसे ज्यादा प्रभावित हाेता है। उत्तर-पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखंड काे पहले ही चिन्हित कर चुका है। कोहरे से प्रभावित स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।* विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट के उपयोग से स्टेशन पर दृश्यता को जांचा जाता है। इसके साथ ही घने कोहरे वाले रेलखंड में चलने वाली समस्त रेल सेवाओं के लोको पायलट को फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।उत्तर-पश्चिम रेलवे पर 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध हैं। इन सभी में कोहरे वाले रेलखंड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है। सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे ने सुरक्षा के लिहाज से फॉग सेफ्टी डिवाइस के अलावा ट्रैक पर पेट्रोलिंग भी शिफ्ट वाइज शुरू करवा दी है।
ऐसे काम करती है डिवाइस
जयपुर एवं बीकानेर मंडल में काेहरे की अधिकता के चलते यहां सबसे ज्यादा फाॅग सेफ्टी डिवाइस का उपयाेग हाेता है। यह डिवाइस इंजन पर लगाया जाता है। डिवाइस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली द्वारा उस खंड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलट को पहले ही अवगत करवा देता है। कोहरे वाले रेलखंड के स्टेशनों,समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मंडल का रेलखंड कोहरे से सबसे ज्यादा प्रभावित हाेता है। उत्तर-पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखंड काे पहले ही चिन्हित कर चुका है। कोहरे से प्रभावित स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट के उपयोग से स्टेशन पर दृश्यता को जांचा जाता है। इसके साथ ही घने कोहरे वाले रेलखंड में चलने वाली समस्त रेल सेवाओं के लोको पायलट को फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।उत्तर-पश्चिम रेलवे पर 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध हैं। इन सभी में कोहरे वाले रेलखंड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है। सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे ने सुरक्षा के लिहाज से फॉग सेफ्टी डिवाइस के अलावा ट्रैक पर पेट्रोलिंग भी शिफ्ट वाइज शुरू करवा दी है।
ऐसे काम करती है डिवाइस
जयपुर एवं बीकानेर मंडल में काेहरे की अधिकता के चलते यहां सबसे ज्यादा फाॅग सेफ्टी डिवाइस का उपयाेग हाेता है। यह डिवाइस इंजन पर लगाया जाता है। डिवाइस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली द्वारा उस खंड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलट को पहले ही अवगत करवा देता है। कोहरे वाले रेलखंड के स्टेशनों,समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
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