02 March 2023 04:37 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
सरकार बढ़ते गैंगवारो को देखते हुए सख्ती करने मूड में हैं इन बड़े अपराधियों से निपटने के लिए सरकार महाराष्ट्र के मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम) की तर्ज पर कड़ा कानून ला रही है। बुधवार को सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राजस्थान कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम बिल-2023 को मंजूरी दे दी है। यह बिल इसी विधानसभा सत्र में लाया जाएगा, अगले सप्ताह इसे सदन में बहस के बाद पारित करवाया जाएगा। राकोका के केस की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट होगा वहीं जिस अपराधी के खिलाफ पिछले 10 साल में एक से ज्यादा चार्जशीट पेश की गई हो और कोर्ट ने उस पर संज्ञान लिया हो ऐसे अपराधियों को राकोका के दायरे में लिया जाएगा। पैसे के लिए धमकाने वालों को भी राकोका के दायरे में लिया जाएगा। गिरोह बनाकर फिरौती वसूलने, फिरौती के लिए धमकाने पर भी सख्ती गैंग बनाकर किए जाने अपराध पर यह कानून लागू होगा और अपराध करने वाली गैंग के हर मैंबर के खिलाफ नए कानून के प्रावधानों के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। दो या इससे ज्यादा अपराधी मिलकर अपराध करते हैं तो उसे संगठित गिरोह माना जाएगा। आपराधिक गैंग के किसी भी मेंबर को शरण देने वाले के खिलाफ भी नए बिल में कड़े प्रावधान हैं। संगठित अपराध करने वाले अपराधियों को शरण देने वालों को कम से कम पांच साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है, यह सजा उम्र कैद तक भी हो सकती है। एक्ट के तहत आपराधिक गैंग बनाकर अवैध वसूली, फिरौती, तस्करी सहित किसी भी अवैध तरीके से पैसा और प्रॉपर्टी बनाने पर कम से कम तीन साल की सजा होगी। यह सजा उम्र केद तक की हाे सकती है। सरकार इस तरह की प्रॉपर्टी को जब्त करके नीलाम करेगी।
अपराधियों को सहयोग करने वाले सरकारी कर्मचारी को भी सजा
सरकारी कर्मचारी अगर गैंग बनाकर अपराध करने वालों का सहयोग करता है तो उसके लिए तीन साल की सजा और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया है। इसके दायरे में सभी कर्मचारी आएंगे। आपराधिक गैंग की किसी भी तरह से सहायता करनेवाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।राकोका में मुकदमा दर्ज करने से पहले रेंज के डीआईजी से मंजूरी लेनी होगी। डीएसपी स्तर से नीचे का अफसर इसकी जांच नहीं कर सकेगा। चार्जशीट पेश करने से पहले एडीजी स्तर के अफसर से मंजूरी लेनी होगी।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
सरकार बढ़ते गैंगवारो को देखते हुए सख्ती करने मूड में हैं इन बड़े अपराधियों से निपटने के लिए सरकार महाराष्ट्र के मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम) की तर्ज पर कड़ा कानून ला रही है। बुधवार को सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राजस्थान कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम बिल-2023 को मंजूरी दे दी है। यह बिल इसी विधानसभा सत्र में लाया जाएगा, अगले सप्ताह इसे सदन में बहस के बाद पारित करवाया जाएगा। राकोका के केस की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट होगा वहीं जिस अपराधी के खिलाफ पिछले 10 साल में एक से ज्यादा चार्जशीट पेश की गई हो और कोर्ट ने उस पर संज्ञान लिया हो ऐसे अपराधियों को राकोका के दायरे में लिया जाएगा। पैसे के लिए धमकाने वालों को भी राकोका के दायरे में लिया जाएगा। गिरोह बनाकर फिरौती वसूलने, फिरौती के लिए धमकाने पर भी सख्ती गैंग बनाकर किए जाने अपराध पर यह कानून लागू होगा और अपराध करने वाली गैंग के हर मैंबर के खिलाफ नए कानून के प्रावधानों के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। दो या इससे ज्यादा अपराधी मिलकर अपराध करते हैं तो उसे संगठित गिरोह माना जाएगा। आपराधिक गैंग के किसी भी मेंबर को शरण देने वाले के खिलाफ भी नए बिल में कड़े प्रावधान हैं। संगठित अपराध करने वाले अपराधियों को शरण देने वालों को कम से कम पांच साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है, यह सजा उम्र कैद तक भी हो सकती है। एक्ट के तहत आपराधिक गैंग बनाकर अवैध वसूली, फिरौती, तस्करी सहित किसी भी अवैध तरीके से पैसा और प्रॉपर्टी बनाने पर कम से कम तीन साल की सजा होगी। यह सजा उम्र केद तक की हाे सकती है। सरकार इस तरह की प्रॉपर्टी को जब्त करके नीलाम करेगी।
अपराधियों को सहयोग करने वाले सरकारी कर्मचारी को भी सजा
सरकारी कर्मचारी अगर गैंग बनाकर अपराध करने वालों का सहयोग करता है तो उसके लिए तीन साल की सजा और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया है। इसके दायरे में सभी कर्मचारी आएंगे। आपराधिक गैंग की किसी भी तरह से सहायता करनेवाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।राकोका में मुकदमा दर्ज करने से पहले रेंज के डीआईजी से मंजूरी लेनी होगी। डीएसपी स्तर से नीचे का अफसर इसकी जांच नहीं कर सकेगा। चार्जशीट पेश करने से पहले एडीजी स्तर के अफसर से मंजूरी लेनी होगी।
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