22 January 2023 01:01 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पीबीएम स्टोर के फिजिकल वेरीफिकेशन में करीब 50 करोड़ की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। इसे भ्रष्टाचार की श्रेणी में मानते हुए एसीबी ने प्राथमिक जांच दर्ज करने के लिए रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है। इसके अलावा रिपोर्ट वित्त विभाग को भी भेजी गई है। जांच दल ने केवल स्टॉक का ही वेरीफिकेशन कर इतिश्री कर ली। जबकि एजी की डिटेल ऑडिट होती तो सभी अनियमितताओं पर ऑडिट पैरा बनता, जिससे घोटाला सामने आ जाता। पीबीएम के भंडार के रिकॉर्ड का भौतिक सत्यापन पिछले साल हुआ था। चौंकाने वाली बात ये है कि इस अवधि में 11 अधीक्षक बदले गए।
इनमें से तीन वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल हैं। लेकिन किसी ने भी स्टोर का भौतिक सत्यापन नहीं कराया, जिसकी वजह से करोड़ों की दवा, उपकरण और सामग्री की खरीद-फरोख्त से संबंधित रिकॉर्ड अधूरा पड़ा है। बिना डिमांड करोड़ों रुपए की दवाओं की खरीद के खुलासे जांच में हुए हैं। हारमोनिक स्केपल मशीन चोरी होने के मामले में पीबीएम प्रशासन ने विभागीय जांच तो कराई, लेकिन किसी अधिकारी या कर्मचारी को दोषी नहीं माना। निरीक्षण निदेशालय के क्षेत्रीय दल में सहायक लेखाधिकारी महेश सेठिया, अवनीश डेलू तथा सहायक प्रशासनिक अधिकारी संजय गुप्ता शामिल थे।
बड़ा सवाल : 11 अधीक्षक बदले, इनमें 3 प्रिंसिपल भी बने, किसी ने भी नहीं कराया फिजिकल वेरीफिकेशन
ये बिंदु पद के दुरुपयोग श्रेणी में
...और ये गबन की श्रेणी में
11 साल में ये रहे अधीक्षक
डॉ. विनोद बिहाणी, डॉ. ओपी श्रीवास्तव, डॉ. सतीष कच्छावा, डॉ. जीएल मीणा, डॉ. पीके बेरवाल, डॉ. सलीम, डॉ. परमेंद्र सिरोही, डॉ. प्रमोद कुमार सैनी। इनके अलावा अजमेर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. वीबी सिंह, चूरू कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सीताराम गोठवाल और सीकर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. केके वर्मा भी यहां अधीक्षक रहे हैं।
पीबीएम से संबंधित जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया जाएगा। उसके बाद ही इस संबंध में स्पष्ट कहा जा सकेगा। - हेमंत प्रियदर्शी, कार्यवाहक डीजी, एसीबी
पीबीएम के भंडार की भौतिक निरीक्षण रिपोर्ट में प्रथम दृट्या करोड़ों रुपए की अनियमितताएं देखने को मिली है। इसकी प्राथमिक जांच दर्ज करने के लिए मुख्यालय रिपोर्ट भेज दी है। पीई दर्ज होने पर विस्तृत जांच होगी। - देवेंद्र बिश्नोई, एसपी, एसीबी
ये 3 किरदार...जिनके जिम्मे वेरीफिकेशन
1. निरीक्षण निदेशालय को प्रति वर्ष भौतिक सत्यापन करना था, लेकिन नहीं किया। क्षेत्रीय दल की जिम्मेदारी तक तय नहीं की।
2. पीबीएम अधीक्षक ने पदेन कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरती है। जिससे वित्तीय नियमों की पालना नहीं हुई।
3. पीबीएम में वरिष्ठ लेखाधिकारी, सहायक लेखाधिकारी, कनिष्ठ लेखाधिकारी पदस्थापित हैं तथा प्रत्येक क्रय की पत्रावली उनकी लेखा टिप्पणी के बाद ही जाती है, लेकिन लेखा के अधिकारियों ने वित्तीय नियमों की पालना कोई भी कारगर प्रयास नहीं किए।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पीबीएम स्टोर के फिजिकल वेरीफिकेशन में करीब 50 करोड़ की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। इसे भ्रष्टाचार की श्रेणी में मानते हुए एसीबी ने प्राथमिक जांच दर्ज करने के लिए रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है। इसके अलावा रिपोर्ट वित्त विभाग को भी भेजी गई है। जांच दल ने केवल स्टॉक का ही वेरीफिकेशन कर इतिश्री कर ली। जबकि एजी की डिटेल ऑडिट होती तो सभी अनियमितताओं पर ऑडिट पैरा बनता, जिससे घोटाला सामने आ जाता। पीबीएम के भंडार के रिकॉर्ड का भौतिक सत्यापन पिछले साल हुआ था। चौंकाने वाली बात ये है कि इस अवधि में 11 अधीक्षक बदले गए।
इनमें से तीन वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल हैं। लेकिन किसी ने भी स्टोर का भौतिक सत्यापन नहीं कराया, जिसकी वजह से करोड़ों की दवा, उपकरण और सामग्री की खरीद-फरोख्त से संबंधित रिकॉर्ड अधूरा पड़ा है। बिना डिमांड करोड़ों रुपए की दवाओं की खरीद के खुलासे जांच में हुए हैं। हारमोनिक स्केपल मशीन चोरी होने के मामले में पीबीएम प्रशासन ने विभागीय जांच तो कराई, लेकिन किसी अधिकारी या कर्मचारी को दोषी नहीं माना। निरीक्षण निदेशालय के क्षेत्रीय दल में सहायक लेखाधिकारी महेश सेठिया, अवनीश डेलू तथा सहायक प्रशासनिक अधिकारी संजय गुप्ता शामिल थे।
बड़ा सवाल : 11 अधीक्षक बदले, इनमें 3 प्रिंसिपल भी बने, किसी ने भी नहीं कराया फिजिकल वेरीफिकेशन
ये बिंदु पद के दुरुपयोग श्रेणी में
...और ये गबन की श्रेणी में
11 साल में ये रहे अधीक्षक
डॉ. विनोद बिहाणी, डॉ. ओपी श्रीवास्तव, डॉ. सतीष कच्छावा, डॉ. जीएल मीणा, डॉ. पीके बेरवाल, डॉ. सलीम, डॉ. परमेंद्र सिरोही, डॉ. प्रमोद कुमार सैनी। इनके अलावा अजमेर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. वीबी सिंह, चूरू कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सीताराम गोठवाल और सीकर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. केके वर्मा भी यहां अधीक्षक रहे हैं।
पीबीएम से संबंधित जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया जाएगा। उसके बाद ही इस संबंध में स्पष्ट कहा जा सकेगा। - हेमंत प्रियदर्शी, कार्यवाहक डीजी, एसीबी
पीबीएम के भंडार की भौतिक निरीक्षण रिपोर्ट में प्रथम दृट्या करोड़ों रुपए की अनियमितताएं देखने को मिली है। इसकी प्राथमिक जांच दर्ज करने के लिए मुख्यालय रिपोर्ट भेज दी है। पीई दर्ज होने पर विस्तृत जांच होगी। - देवेंद्र बिश्नोई, एसपी, एसीबी
ये 3 किरदार...जिनके जिम्मे वेरीफिकेशन
1. निरीक्षण निदेशालय को प्रति वर्ष भौतिक सत्यापन करना था, लेकिन नहीं किया। क्षेत्रीय दल की जिम्मेदारी तक तय नहीं की।
2. पीबीएम अधीक्षक ने पदेन कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरती है। जिससे वित्तीय नियमों की पालना नहीं हुई।
3. पीबीएम में वरिष्ठ लेखाधिकारी, सहायक लेखाधिकारी, कनिष्ठ लेखाधिकारी पदस्थापित हैं तथा प्रत्येक क्रय की पत्रावली उनकी लेखा टिप्पणी के बाद ही जाती है, लेकिन लेखा के अधिकारियों ने वित्तीय नियमों की पालना कोई भी कारगर प्रयास नहीं किए।
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08 January 2023 05:31 PM
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