29 November 2022 01:52 PM
जोग संजोग टाइम्स,
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि के कुलपति की ज्वाॅइनिंग अब चर्चा का विषय बन गई। अमूमन नियुक्ति के एक सप्ताह के भीतर पदभार संभालते हैं लेकिन कृषि विवि के कुलपति नियुक्ति के ढाई महीने बाद पदभार 15 दिसंबर काे संभालेंगे। कहा जा रहा कि वीसी डाॅ.अरुणसिंह वहां बिकृविवि में स्थायी कुलपति काे ही चार्ज साैंपकर आना चाहते हैं। 29 सितंबर काे यहां स्थायी वीसी की नियुक्ति हुई थी।
दरअसल 29 सितंबर काे राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के आठ विवि में कुलपतियाें की नियुक्ति की थी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि में बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी सबोर के कार्यवाहक कुलपति प्राे.अरुण कुमार सिंह काे स्थायी कुलपति नियुक्त किया। डाॅ.सिंह के साथ नियुक्त हुए शेष सभी साताें कुलपतियाें ने कार्यभार ग्रहण कर लिया लेकिन सिंह 15 दिसंबर के आसपास यहां पदभार ग्रहण करेंगे। फिलहाल यहां के कुलपति का चार्ज वेटरनरी विवि के कुलपति प्राे.एस.के.गर्ग के पास है। विवि में कुलपति के ज्वाॅइन ना करने काे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि डाॅ.सिंह का किसी और विवि के पैनल में नाम नहीं है इसलिए वाे ज्वाॅइन हर हाल में यहीं करेंगे। इस पूरे मामले पर वीसी सिंह से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इस मेटर पर कुछ नहीं बोला।
किसी अन्य को चार्ज नहीं देना चाहते अरुण सिंह
कार्यवाहक चार्ज नहीं देना चाहते: बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी सबोर में कुलपति का पद रिक्त है। 29 नवंबर काे सर्च कमेटी की बैठक हाेगी। दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह तक स्थायी कुलपति की नियुक्ति हाे जाएगी। डॉ.अरुण सिंह के पास वहां के कुलपति का अस्थायी कार्यभार है। उन्हें दूसरे प्राे.काे चार्ज देकर यहां ज्वाॅइन करना चाहिए था लेकिन जिन्हें चार्ज मिलना है उनसे सिंह के 36 के रिश्ते हैं। इसलिए वे स्थायी कुलपति के आने के बाद ही यहां ज्वाॅइन करेंगे।
कहीं सर्च कमेटी में नहीं, ज्वाॅइन करेंगे : डाॅ.अरुण कुमार सिंह का किसी भी दूसरे कृषि विवि में कुलपति सर्च कमेटी में अब नाम नहीं है। इसलिए उनका यहां आना तय है। 15 दिसंबर के आसपास वे कार्यभार ग्रहण करेंगे। विवि में इस बात की चर्चा चल रही है कि डाॅ.सिंह यहां नहीं आना चाहते लेकिन ऐसा नहीं हैं। स्थायी कुलपति के ना होने से भर्तियां अटकी हुई हैं। वेटरनरी विवि ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन यहां स्थायी कुलपति के अभाव में सारी प्रक्रिया रुकी हुई है।
जोग संजोग टाइम्स,
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि के कुलपति की ज्वाॅइनिंग अब चर्चा का विषय बन गई। अमूमन नियुक्ति के एक सप्ताह के भीतर पदभार संभालते हैं लेकिन कृषि विवि के कुलपति नियुक्ति के ढाई महीने बाद पदभार 15 दिसंबर काे संभालेंगे। कहा जा रहा कि वीसी डाॅ.अरुणसिंह वहां बिकृविवि में स्थायी कुलपति काे ही चार्ज साैंपकर आना चाहते हैं। 29 सितंबर काे यहां स्थायी वीसी की नियुक्ति हुई थी।
दरअसल 29 सितंबर काे राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के आठ विवि में कुलपतियाें की नियुक्ति की थी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि में बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी सबोर के कार्यवाहक कुलपति प्राे.अरुण कुमार सिंह काे स्थायी कुलपति नियुक्त किया। डाॅ.सिंह के साथ नियुक्त हुए शेष सभी साताें कुलपतियाें ने कार्यभार ग्रहण कर लिया लेकिन सिंह 15 दिसंबर के आसपास यहां पदभार ग्रहण करेंगे। फिलहाल यहां के कुलपति का चार्ज वेटरनरी विवि के कुलपति प्राे.एस.के.गर्ग के पास है। विवि में कुलपति के ज्वाॅइन ना करने काे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि डाॅ.सिंह का किसी और विवि के पैनल में नाम नहीं है इसलिए वाे ज्वाॅइन हर हाल में यहीं करेंगे। इस पूरे मामले पर वीसी सिंह से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इस मेटर पर कुछ नहीं बोला।
किसी अन्य को चार्ज नहीं देना चाहते अरुण सिंह
कार्यवाहक चार्ज नहीं देना चाहते: बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी सबोर में कुलपति का पद रिक्त है। 29 नवंबर काे सर्च कमेटी की बैठक हाेगी। दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह तक स्थायी कुलपति की नियुक्ति हाे जाएगी। डॉ.अरुण सिंह के पास वहां के कुलपति का अस्थायी कार्यभार है। उन्हें दूसरे प्राे.काे चार्ज देकर यहां ज्वाॅइन करना चाहिए था लेकिन जिन्हें चार्ज मिलना है उनसे सिंह के 36 के रिश्ते हैं। इसलिए वे स्थायी कुलपति के आने के बाद ही यहां ज्वाॅइन करेंगे।
कहीं सर्च कमेटी में नहीं, ज्वाॅइन करेंगे : डाॅ.अरुण कुमार सिंह का किसी भी दूसरे कृषि विवि में कुलपति सर्च कमेटी में अब नाम नहीं है। इसलिए उनका यहां आना तय है। 15 दिसंबर के आसपास वे कार्यभार ग्रहण करेंगे। विवि में इस बात की चर्चा चल रही है कि डाॅ.सिंह यहां नहीं आना चाहते लेकिन ऐसा नहीं हैं। स्थायी कुलपति के ना होने से भर्तियां अटकी हुई हैं। वेटरनरी विवि ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन यहां स्थायी कुलपति के अभाव में सारी प्रक्रिया रुकी हुई है।
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