12 November 2021 09:55 AM
जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में घर बनाने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने राजस्थान में बजरी (रेत) खनन से रोक हटा ली है. नवंबर 2017 से बजरी खनन पर राज्य में रोक थी. सुप्रीम कोर्ट ने ऑल राजस्थान बजरी ट्रक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद बीते गुरुवार को बजरी खनन पर रोक हटाने का निर्णय लिया है. कोर्ट ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की खनन मामले में की गई सिफारिशें मंजूर कर ली हैं. इसके बाद राज्य में बजरी खनन का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में वैध खनन गतिविधियों को मंजूरी दी है. वैध खदानें शुरू होने से बजरी के दामों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बजरी का खनन वहीं होगा, जहां बजरी माइंस की पर्यावरण क्लियरेंस आ चुकी है. बाकी माइंस की पर्यावरण क्लियरेंस भी 2014-15 की सिफारिशें मानते हुए जारी की जाएं. बताया जा रहा है कि राजस्थान में बजरी खनन की अनुमति का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. नवीन शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य की 82 बड़ी बजरी लीज को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर यह याचिका लगाई थी. इस केस की पैरवी खुद ही नवीन शर्मा कर रहे थे.
अवैध खनन करने वाली कंपनी पर भी हो कार्रवाई ऑल राजस्थान बजरी ट्रक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया कि अवैध खनन मामले में पेनल्टी के प्रोविजन को अभी कोर्ट ने पेंडिंग रखा है. 24 अक्टूबर को केस में ऑब्जेक्शन लगाया था कि सिर्फ ट्रांसर्पोटर पर ही पेनल्टी न हो. अवैध खनन करने वाली माइंस पर भी पेनल्टी लगाई जाए. कोर्ट ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी से पूरी एक्सरसाइज कर रिपोर्ट करने, अवैध माइंस पर पेनल्टी बढ़ाने को कहा है.
राजस्थान में बजरी खनन से रोक हटने के बाद अब बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. करीब 4 साल बाद खनन की गतिविधियां राज्य में फिर से शुरू हो सकेंगी. माना जा रहा है कि अभी अवैध रूप से बजरी खनन होकर आ रही थी. इससे बजरी के दाम काफी बढ़ गए थे. एक ट्रक बजरी 90 हजार रुपये तक पहुंच गई थी. अब लीगल परमिशन के बाद दाम जल्द ही नीचे आने की उम्मीद है.
जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में घर बनाने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने राजस्थान में बजरी (रेत) खनन से रोक हटा ली है. नवंबर 2017 से बजरी खनन पर राज्य में रोक थी. सुप्रीम कोर्ट ने ऑल राजस्थान बजरी ट्रक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद बीते गुरुवार को बजरी खनन पर रोक हटाने का निर्णय लिया है. कोर्ट ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की खनन मामले में की गई सिफारिशें मंजूर कर ली हैं. इसके बाद राज्य में बजरी खनन का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में वैध खनन गतिविधियों को मंजूरी दी है. वैध खदानें शुरू होने से बजरी के दामों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बजरी का खनन वहीं होगा, जहां बजरी माइंस की पर्यावरण क्लियरेंस आ चुकी है. बाकी माइंस की पर्यावरण क्लियरेंस भी 2014-15 की सिफारिशें मानते हुए जारी की जाएं. बताया जा रहा है कि राजस्थान में बजरी खनन की अनुमति का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. नवीन शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य की 82 बड़ी बजरी लीज को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर यह याचिका लगाई थी. इस केस की पैरवी खुद ही नवीन शर्मा कर रहे थे.
अवैध खनन करने वाली कंपनी पर भी हो कार्रवाई ऑल राजस्थान बजरी ट्रक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया कि अवैध खनन मामले में पेनल्टी के प्रोविजन को अभी कोर्ट ने पेंडिंग रखा है. 24 अक्टूबर को केस में ऑब्जेक्शन लगाया था कि सिर्फ ट्रांसर्पोटर पर ही पेनल्टी न हो. अवैध खनन करने वाली माइंस पर भी पेनल्टी लगाई जाए. कोर्ट ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी से पूरी एक्सरसाइज कर रिपोर्ट करने, अवैध माइंस पर पेनल्टी बढ़ाने को कहा है.
राजस्थान में बजरी खनन से रोक हटने के बाद अब बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. करीब 4 साल बाद खनन की गतिविधियां राज्य में फिर से शुरू हो सकेंगी. माना जा रहा है कि अभी अवैध रूप से बजरी खनन होकर आ रही थी. इससे बजरी के दाम काफी बढ़ गए थे. एक ट्रक बजरी 90 हजार रुपये तक पहुंच गई थी. अब लीगल परमिशन के बाद दाम जल्द ही नीचे आने की उम्मीद है.
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21 April 2022 12:43 PM
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