04 June 2022 07:17 PM

जोग संजोग टाइम्स,
“गुरुदेव तुलसी बहुत महान संत थे, उन्होंने जीवन पर्यंत मानवता के मसीहा बनकर जन जन के कल्याण का मार्ग प्रशःस्त किया, उनके दिखाए रस्ते पर चलकर इंसान अपने जीवन की सही दिशा प्राप्त कर सकता है !” ये बात अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री ए एच गौरी ने तुलसी समाधि स्थल पर कही. इस अवसर पर उन्होंने आचार्य श्री महाश्रमण जी को भी याद किया और चुरू में अपने मूल निवास के पास में तेरापंथ भवन होने से नियमित साधू संतों के सम्पर्क में रहने की बात भी कही और अभी वर्तमान में श्री ए एच गौरी ने अपने भाई द्वारा आचार्य प्रवर के स्वागत में लिखी गीतिका की बात भी बताई. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ने नैतिकता के शक्तिपीठ पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जैन समाज विशेष कर आचार्य तुलसी और आचार्य महाश्रमण जी के प्रति सम्मान और जुड़ाव रहा है। हमारा परिवार भी जुड़ा हुआ है।
आचार्य तुलसी ने अणुव्रत के माध्यम से समाज को जो दिशा दी है और अनेकानेक पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर अपने विचार और समाधान दिया वह मानवता को उनका महान योगदान है। आचार्य महाश्रमण जी अहिंसा यात्रा के माध्यम से जो नशामुक्ति, नैतिकता, अहिंसा , का महत्व बता रहे और व्यक्ति व्यक्ति को प्रेरणा देकर उनका जीवन उत्थान कर रहे वह उनके प्रति सम्मान बढ़ाती है।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान की व्यवस्थाओं की प्रसंशा करते हुवे उन्होंने कहा की यहां के संस्थान के सभी पदाधिकारी और पूरी टीम ने गुरुदेव के आगमन के अवसर जो संयोजना की है वह अभिनव है ।
इस अवसर पर आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के महामंत्री हंसराज डागा, किशन बैद, दीपक आंचलिया, धर्मेन्द्र डाकलिया, मनीष बाफना, राजू पारख, के डी रांका, सुशील पारख, रोशन बाफना, मनोज सेठिया आदि ने संसथान द्वारा चल रहे प्रकल्पों और अन्यान्य कार्यक्रमों की जानकारी दी.
आचार्य श्री महाश्रमण जी के दिनांक 11 जून से 17 जून तक बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में प्रवास को देखते हुए देश के सुदूर प्रान्तों से बड़े बड़े संघ आने की सुचना प्राप्त हो रही है, गंगाशहर का समस्त श्रावक समाज श्रध्दा भक्ति के साथ उन सबके आगुन्तक लोगो के स्वागत अभिनन्दन के लिए आतुर है.
मार्ग व्यवस्था से जुड़े राजू पारख और हेमराज गुलगुलिया ने बताया कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में प्रवास के समय यहाँ आस पास के क्षेत्र के आशीर्वाद भवन, डागा पैलेस, हंशा गेस्ट हाउस, रजनी विला, मोहिनी पैलेस, श्याम पैलेस, रेल दादाबाड़ी, गौडी पार्श्वनाथ भवन आदि आदि भवनों को आरक्षित कर लिया गया है.
इसी क्रम में किशन बैद ने बताया कि सम्पूर्ण पंजाब से 700 से 800 लोगों का बड़ा संघ यहाँ आ रहा है, इसके साथ इंदोर, रतलाम, चेन्नई, चिकमंगलोर, भीलवाडा आदि ऐसे अनेक जगहों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु लोगों के आने के समाचार मिल रहे है.
मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र डाकलिया के अनुसार गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के महाप्रयाण होने को इस साल 25 वर्ष पुरे हो रहे है और इन 25 वर्षों में गुरुदेव तुलसी के वार्षिक पुण्यतिथि आसाढ कृष्ण त्रितीया के अवसर पर एक बार भी संघ के आचार्यों का यहाँ विराजने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ. यह इस वर्ष पहला अवसर है जब संघ के आचार्य इस दिन 17 जून २०२२ को आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान, नैतिकता की शक्तिपीठ पर प्रवास करेंगे।
जोग संजोग टाइम्स,
“गुरुदेव तुलसी बहुत महान संत थे, उन्होंने जीवन पर्यंत मानवता के मसीहा बनकर जन जन के कल्याण का मार्ग प्रशःस्त किया, उनके दिखाए रस्ते पर चलकर इंसान अपने जीवन की सही दिशा प्राप्त कर सकता है !” ये बात अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री ए एच गौरी ने तुलसी समाधि स्थल पर कही. इस अवसर पर उन्होंने आचार्य श्री महाश्रमण जी को भी याद किया और चुरू में अपने मूल निवास के पास में तेरापंथ भवन होने से नियमित साधू संतों के सम्पर्क में रहने की बात भी कही और अभी वर्तमान में श्री ए एच गौरी ने अपने भाई द्वारा आचार्य प्रवर के स्वागत में लिखी गीतिका की बात भी बताई. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ने नैतिकता के शक्तिपीठ पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जैन समाज विशेष कर आचार्य तुलसी और आचार्य महाश्रमण जी के प्रति सम्मान और जुड़ाव रहा है। हमारा परिवार भी जुड़ा हुआ है।
आचार्य तुलसी ने अणुव्रत के माध्यम से समाज को जो दिशा दी है और अनेकानेक पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर अपने विचार और समाधान दिया वह मानवता को उनका महान योगदान है। आचार्य महाश्रमण जी अहिंसा यात्रा के माध्यम से जो नशामुक्ति, नैतिकता, अहिंसा , का महत्व बता रहे और व्यक्ति व्यक्ति को प्रेरणा देकर उनका जीवन उत्थान कर रहे वह उनके प्रति सम्मान बढ़ाती है।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान की व्यवस्थाओं की प्रसंशा करते हुवे उन्होंने कहा की यहां के संस्थान के सभी पदाधिकारी और पूरी टीम ने गुरुदेव के आगमन के अवसर जो संयोजना की है वह अभिनव है ।
इस अवसर पर आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के महामंत्री हंसराज डागा, किशन बैद, दीपक आंचलिया, धर्मेन्द्र डाकलिया, मनीष बाफना, राजू पारख, के डी रांका, सुशील पारख, रोशन बाफना, मनोज सेठिया आदि ने संसथान द्वारा चल रहे प्रकल्पों और अन्यान्य कार्यक्रमों की जानकारी दी.
आचार्य श्री महाश्रमण जी के दिनांक 11 जून से 17 जून तक बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में प्रवास को देखते हुए देश के सुदूर प्रान्तों से बड़े बड़े संघ आने की सुचना प्राप्त हो रही है, गंगाशहर का समस्त श्रावक समाज श्रध्दा भक्ति के साथ उन सबके आगुन्तक लोगो के स्वागत अभिनन्दन के लिए आतुर है.
मार्ग व्यवस्था से जुड़े राजू पारख और हेमराज गुलगुलिया ने बताया कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में प्रवास के समय यहाँ आस पास के क्षेत्र के आशीर्वाद भवन, डागा पैलेस, हंशा गेस्ट हाउस, रजनी विला, मोहिनी पैलेस, श्याम पैलेस, रेल दादाबाड़ी, गौडी पार्श्वनाथ भवन आदि आदि भवनों को आरक्षित कर लिया गया है.
इसी क्रम में किशन बैद ने बताया कि सम्पूर्ण पंजाब से 700 से 800 लोगों का बड़ा संघ यहाँ आ रहा है, इसके साथ इंदोर, रतलाम, चेन्नई, चिकमंगलोर, भीलवाडा आदि ऐसे अनेक जगहों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु लोगों के आने के समाचार मिल रहे है.
मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र डाकलिया के अनुसार गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के महाप्रयाण होने को इस साल 25 वर्ष पुरे हो रहे है और इन 25 वर्षों में गुरुदेव तुलसी के वार्षिक पुण्यतिथि आसाढ कृष्ण त्रितीया के अवसर पर एक बार भी संघ के आचार्यों का यहाँ विराजने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ. यह इस वर्ष पहला अवसर है जब संघ के आचार्य इस दिन 17 जून २०२२ को आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान, नैतिकता की शक्तिपीठ पर प्रवास करेंगे।
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